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रांची पीएमएलए कोर्ट ने खारिज की हेमंत सोरेन की जमानत याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को जारी किया नोटिस - Hemant Soren bail plea - HEMANT SOREN BAIL PLEA

Hemant bail plea rejected by PMLA court. झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को पीएमएलए कोर्ट से झटका लगा है. अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी है. वहीं हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली हेमंत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.

Hemant bail plea rejected by PMLA court
हेमंत सोरेन (IANS)
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By IANS

Published : May 13, 2024, 1:17 PM IST

Updated : May 13, 2024, 1:54 PM IST

नई दिल्ली/रांची: सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को नोटिस जारी किया है. वहीं, रांची स्थित पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश राजीव रंजन ने जमीन घोटाले में जेल में बंद झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की जमानत याचिका नामंजूर कर दी है.

सुप्रीम कोर्ट ने भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की कार्रवाई और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को नोटिस जारी किया है. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने एजेंसी को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई की तारीख 17 मई मुकर्रर की है. हेमंत सोरेन ने सोरेन ने झारखंड उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी.

वहीं दूसरी ओर रांची पीएमएलए कोर्ट से हेमंत सोरेन की जमानत याचिका खारिज हो गई है. इस याचिका पर 1 मई को बहस हुई थी. इसके बाद जज राजीव रंजन ने दोनों पक्षों को 4 मई तक लिखित तौर पर जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दलीलें रखी थी. उनका कहना था कि ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें कोई सबूत पेश नहीं किया गया है. ऐसे में उनके खिलाफ शेड्यूल ऑफेंस का मामला नहीं बनता है. उनके मुवक्किल को राजनीति से प्रेरित होकर फंसाया गया है. ऐसे में उन्हें जमानत दी जानी चाहिए.

दूसरी तरफ ईडी की ओर से जोएब हुसैन ने जमानत की मांग का विरोध करते हुए कहा था कि हेमंत सोरेन प्रभावशाली व्यक्ति हैं. अगर उन्हें जमानत मिल गई, तो वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं. ईडी ने जो दस्तावेज कोर्ट में पेश किए हैं, इससे साफ है कि जमीन घोटाले में उनकी सीधी संलिप्तता है.

रांची में हेमंत सोरेन के वकील प्रदीप चंद्रा ने कहा कि कोर्ट ने जो भी फैसला सुनाया है. उसका वह सम्मान करते हैं. लेकिन वह अपने मुवक्किल को बेल करवाने के लिए अपर कोर्ट को रुख करेंगे. हेमंत सोरेन के वकील प्रदीप चंद्र ने बताया कि उन्हें भरोसा है कि उच्च न्यायालय से उन्हें राहत दी जाएगी. मालूम हो कि पिछले दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी चुनाव में प्रचार प्रसार करने के लिए बेल दिया गया है.

बता दें कि रांची के बड़गाईं अंचल में 8.66 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में ईडी ने विगत 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. ईडी ने मामले में 30 मार्च को अदालत में हेमंत सोरेन के अलावा जमीन के मूल रैयत राजकुमार पाहन, हेमंत सोरेन के करीबी विनोद कुमार, राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद और हिलेरियस कच्छप के खिलाफ चार्जशीट भी फाइल की है. इसमें बताया गया है कि हेमंत सोरेन ने न सिर्फ गैरकानूनी तरीके से जमीन हासिल की, बल्कि जांच शुरू होने पर साक्ष्यों को नष्ट करने की कोशिश की. हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी के ढाई महीने बाद पहली बार जमानत की याचिका दाखिल की थी.

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सुप्रीम कोर्ट ने भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की कार्रवाई और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को नोटिस जारी किया है. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने एजेंसी को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई की तारीख 17 मई मुकर्रर की है. हेमंत सोरेन ने सोरेन ने झारखंड उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी.

वहीं दूसरी ओर रांची पीएमएलए कोर्ट से हेमंत सोरेन की जमानत याचिका खारिज हो गई है. इस याचिका पर 1 मई को बहस हुई थी. इसके बाद जज राजीव रंजन ने दोनों पक्षों को 4 मई तक लिखित तौर पर जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दलीलें रखी थी. उनका कहना था कि ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें कोई सबूत पेश नहीं किया गया है. ऐसे में उनके खिलाफ शेड्यूल ऑफेंस का मामला नहीं बनता है. उनके मुवक्किल को राजनीति से प्रेरित होकर फंसाया गया है. ऐसे में उन्हें जमानत दी जानी चाहिए.

दूसरी तरफ ईडी की ओर से जोएब हुसैन ने जमानत की मांग का विरोध करते हुए कहा था कि हेमंत सोरेन प्रभावशाली व्यक्ति हैं. अगर उन्हें जमानत मिल गई, तो वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं. ईडी ने जो दस्तावेज कोर्ट में पेश किए हैं, इससे साफ है कि जमीन घोटाले में उनकी सीधी संलिप्तता है.

रांची में हेमंत सोरेन के वकील प्रदीप चंद्रा ने कहा कि कोर्ट ने जो भी फैसला सुनाया है. उसका वह सम्मान करते हैं. लेकिन वह अपने मुवक्किल को बेल करवाने के लिए अपर कोर्ट को रुख करेंगे. हेमंत सोरेन के वकील प्रदीप चंद्र ने बताया कि उन्हें भरोसा है कि उच्च न्यायालय से उन्हें राहत दी जाएगी. मालूम हो कि पिछले दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी चुनाव में प्रचार प्रसार करने के लिए बेल दिया गया है.

बता दें कि रांची के बड़गाईं अंचल में 8.66 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में ईडी ने विगत 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. ईडी ने मामले में 30 मार्च को अदालत में हेमंत सोरेन के अलावा जमीन के मूल रैयत राजकुमार पाहन, हेमंत सोरेन के करीबी विनोद कुमार, राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद और हिलेरियस कच्छप के खिलाफ चार्जशीट भी फाइल की है. इसमें बताया गया है कि हेमंत सोरेन ने न सिर्फ गैरकानूनी तरीके से जमीन हासिल की, बल्कि जांच शुरू होने पर साक्ष्यों को नष्ट करने की कोशिश की. हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी के ढाई महीने बाद पहली बार जमानत की याचिका दाखिल की थी.

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Last Updated : May 13, 2024, 1:54 PM IST
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