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रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने राहुल गांधी को दिया राष्ट्र'ज्ञान', 'नेशन फर्स्ट कैरेक्टर मस्ट' की कही बात - Ramesh Pokhriyal Nishank PC - RAMESH POKHRIYAL NISHANK PC

Ramesh Pokhriyal Nishank Press Conference हरिद्वार में पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी पर कई कटाक्ष किए. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कही भी कुछ भी बोलने को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं.

Ramesh Pokhriyal Nishank Press Conference
रमेश पोखरियाल निशंक की प्रेस कॉन्फ्रेंस (PHOTO- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 19, 2024, 7:47 PM IST

Updated : Sep 19, 2024, 8:51 PM IST

हरिद्वारः उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को हरिद्वार के डाम कोठी में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर कई निशाने साधे. उन्होंने विदेश में राहुल के दिये गये बयानों पर चिंता जताई. साथ ही रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने राहुल गांधी को राष्ट्र'ज्ञान' भी दिया. इसके साथ ही केंद्रीय द्वारा पास किए गए वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव का भी उन्होंने समर्थन किया है. निशंक ने कहा इससे विकास को बल मिलेगा. प्रशासनिक टीमों को भी राहत मिलेगी.

रमेश पोखरियाल निशंक की राहुल गांधी को नसीहत (ETV Bharat)

राहुल गांधी और कांग्रेस पर कई निशाने साधे. निशंक ने कहा कि राहुल गांधी तो हमेशा ही चर्चा में रहते हैं. कभी भी कुछ भी बोल देते हैं. विदेश जाते हैं तो भूल जाते हैं कि वह अपने देश में नहीं हैं, और अपने ही देश के खिलाफ बोलकर आ जाते हैं. जब यहां (भारत) आते हैं तो उनके लोग उनको फटकारते हैं.

नेशन फर्स्ट करेक्टर मस्ट जरूरी: निशंक ने कहा कि, भारत पूरे राष्ट्र का गुरू रहा है. इस देश में पूरी दुनिया के राष्ट्र आए हैं और उन्होंने माना है कि भारत पूरी दुनिया को लीडरशिप दे सकता है. कांग्रेस के नेताओं को राहुल गांधी को समझाना चाहिए कि देश से बढ़कर कुछ नहीं है. इसलिए राष्ट्र सर्वोपरी है. इसलिए नेशन फर्स्ट और करेक्टर मस्ट होना जरूरी है.

वन नेशन वन इलेक्शन पर बोले: निशंक ने कहा कि जब एक राष्ट्र की बात होती है, एक निशान, एक प्रधान और एक विधान की बात होती है तो फिर एक चुनाव की बात क्यों ना हो. अक्सर चुनाव के दौरान आचार संहिता लग जाती है. इससे 6 महीने तक विकास के कार्य ठप पड़ जाते है. 6 महीने खत्म होते ही दूसरा चुनाव आ जाता है. इन चुनावों की तैयारी में प्रशासनिक अल्मा भी व्यस्त रहता है. इससे विकास पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है. इसलिए एक राष्ट्र एक चुनाव जरूरी है.

राष्ट्रहित में फैसला: पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, वन नेशन वन इलेक्शन पर देश के लोगों को रुचि है. लोग उसको चाहते हैं. कुछ लोग विरोध करने की कोशिश करते हैं, उनका ना तो कोई विजन है और ना कोई मिशन है. लेकिन हकीकत में इसका विश्लेषण करेंगे तो यह राष्ट्र के हित में है. प्रगति के हित में है. यह निर्णय देश को उन्नति की दिशा में सशक्त करना है. इसीलिए सबको इस निर्णय का स्वागत करना चाहिए.

ये भी पढ़ेंः राहुल गांधी के आरक्षण बयान पर छिड़ा संग्राम, सीएम धामी ने साधा निशाना, संविधान विरोधी बताई सोच

ये भी पढ़ेंः वन नेशन वन इलेक्शन: संविधान में संशोधन, NDA और विपक्ष का समर्थन जरूरी, जानें कितना मुमकिन है एक साथ चुनाव?

हरिद्वारः उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को हरिद्वार के डाम कोठी में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर कई निशाने साधे. उन्होंने विदेश में राहुल के दिये गये बयानों पर चिंता जताई. साथ ही रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने राहुल गांधी को राष्ट्र'ज्ञान' भी दिया. इसके साथ ही केंद्रीय द्वारा पास किए गए वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव का भी उन्होंने समर्थन किया है. निशंक ने कहा इससे विकास को बल मिलेगा. प्रशासनिक टीमों को भी राहत मिलेगी.

रमेश पोखरियाल निशंक की राहुल गांधी को नसीहत (ETV Bharat)

राहुल गांधी और कांग्रेस पर कई निशाने साधे. निशंक ने कहा कि राहुल गांधी तो हमेशा ही चर्चा में रहते हैं. कभी भी कुछ भी बोल देते हैं. विदेश जाते हैं तो भूल जाते हैं कि वह अपने देश में नहीं हैं, और अपने ही देश के खिलाफ बोलकर आ जाते हैं. जब यहां (भारत) आते हैं तो उनके लोग उनको फटकारते हैं.

नेशन फर्स्ट करेक्टर मस्ट जरूरी: निशंक ने कहा कि, भारत पूरे राष्ट्र का गुरू रहा है. इस देश में पूरी दुनिया के राष्ट्र आए हैं और उन्होंने माना है कि भारत पूरी दुनिया को लीडरशिप दे सकता है. कांग्रेस के नेताओं को राहुल गांधी को समझाना चाहिए कि देश से बढ़कर कुछ नहीं है. इसलिए राष्ट्र सर्वोपरी है. इसलिए नेशन फर्स्ट और करेक्टर मस्ट होना जरूरी है.

वन नेशन वन इलेक्शन पर बोले: निशंक ने कहा कि जब एक राष्ट्र की बात होती है, एक निशान, एक प्रधान और एक विधान की बात होती है तो फिर एक चुनाव की बात क्यों ना हो. अक्सर चुनाव के दौरान आचार संहिता लग जाती है. इससे 6 महीने तक विकास के कार्य ठप पड़ जाते है. 6 महीने खत्म होते ही दूसरा चुनाव आ जाता है. इन चुनावों की तैयारी में प्रशासनिक अल्मा भी व्यस्त रहता है. इससे विकास पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है. इसलिए एक राष्ट्र एक चुनाव जरूरी है.

राष्ट्रहित में फैसला: पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, वन नेशन वन इलेक्शन पर देश के लोगों को रुचि है. लोग उसको चाहते हैं. कुछ लोग विरोध करने की कोशिश करते हैं, उनका ना तो कोई विजन है और ना कोई मिशन है. लेकिन हकीकत में इसका विश्लेषण करेंगे तो यह राष्ट्र के हित में है. प्रगति के हित में है. यह निर्णय देश को उन्नति की दिशा में सशक्त करना है. इसीलिए सबको इस निर्णय का स्वागत करना चाहिए.

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Last Updated : Sep 19, 2024, 8:51 PM IST
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