प्रयागराज : भगवान श्री राम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद अयोध्या से लेकर अमेरिका तक राममय हो चुका है. भगवान राम की भक्ति में लीन न्यूयार्क में रहने वाली सोनल सिंह तो नौकरी से छुट्टी लेकर माघ मेले में राम नाम लिखने आ गई हैं. उनका कहना है कि उन्हें राम नाम लिखने से आत्मीय सुख शांति की प्राप्ति होती है. उन्हीं की तरह राम नाम बैंक के शिविर में कई रामभक्त इसी धुन में लगे हुए हैं.
संगमनगरी में चल रहे माघ मेले में राम नाम बैंक का शिविर लगा हुआ है. जिसमें देश-विदेश से लोग आकर राम नाम लिखकर आत्मिक सुख की अनुभति कर रहे हैं. इस शिविर में जहां अमेरिका के न्यूयार्क सिटी से आईं एनआरआई सोनल राम नाम लिख रही हैं, वहीं दूसरी तरफ से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवा भी पढ़ाई से समय निकालकर राम नाम लिखने पहुंच रहे हैं. शिविर संचालक गुंजन वार्ष्णेय बताती हैं कि राम नाम बैंक के उनके शिविर में अलग-अलग राज्यों से आकर लोग राम नाम लिखते हैं और इस कार्य से राम भक्तों के सारे काम बनते हैं और उन्हें अनमोल आत्मीय सुख की प्राप्ति होती है.
20 सालों से जुड़ी हुई हैं राम नाम बैंक से
न्यूयार्क में सॉफ्टवेयर इंजीनियर सोनल सिंह माघ मेले में लगे राम नाम बैंक के शिविर में पहुंची हैं. जहां पर वे राम नाम पुस्तक में राम नाम लिखती हैं. इसी के साथ शिविर में भगवान राम की पूजा और राम नाम का जप करती है. सोनल का कहना है कि उन्हें बचपन से राम में आस्था थी और वे बीस सालों से राम नाम बैंक से जुड़ी हुई हैं. बीते बीस सालों से वे हमेशा राम नाम लिखती रही हैं, लेकिन इस बार अयोध्या में हुए भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद से उनके मन में राम नाम के प्रति और अधिक आस्था बढ़ गई है.
1 करोड़ 8 लाख बार राम नाम लिखने का है लक्ष्य
सोनल का कहना है कि उन्होंने 1 करोड़ 8 लाख बार राम नाम लिखने का लक्ष्य रखा हुआ है. अभी तक वे 24 लाख से अधिक बार राम नाम लिख चुकी हैं. अब वे राम नाम लिखने के साथ ही रामनाम का जप भी करने लगी हैं. डिजिटल तरीके से भी राम नाम लिखकर राम नाम बैंक में जमा कर चुकी हैं. सोनल का कहना है कि जब से अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू हुआ है तब से उनकी राम नाम लिखने की रफ्तार बढ़ गई है. 22 जनवरी को राम लला के भव्य मंदिर और मूर्ति को देखने के बाद उनकी राम से लगन और भी ज्यादा बढ़ गई है. यही वजह है कि वे पहली बार एक महीने के लिए माघ मेले में रहकर राम नाम लिखने आई हुई हैं.अभी तक कभी-कभी माघ मेला में आती थीं, लेकिन इस बार अपने ऑफिस से एक माह की छुट्टी लेकर मेले में आई हुई हैं.
दिन में रामनाम लिखती हैं और रात में करती हैं ऑनलाइन वर्क
सोनल ने बताया कि वे वर्क फ्रॉम होम की इजाजत लेकर प्रयागराज आई हुई हैं. दिन में राम नाम लिखना, जप-तप, पूजा पाठ करती हैं. जबकि रात में कंपनी के लिए वर्क फ्रॉम होम मोड में कार्य करती हैं. उनका कहना है कि उन्हें ऑफिस से छुट्टी तो एक माह की मिली हुई है, लेकिन उन्हें कंपनी के जरूरत के मुताबिक रात में ऑनलाइन काम करना पड़ता है. जब प्रयागराज में दिन में वे राम नाम लिखती हैं, उस वक्त न्यूयार्क में रात रहती है. इसी वजह से वे यहां रात में जागकर कंपनी का कार्य ऑनलाइन कर लेती हैं.
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे सूरज भी रामधुन में मगन
माघ मेले में चल रहे इस राम नाम बैंक में सोनल ही नहीं, दूसरे युवा भी हैं जो अपना योगदान दे रहे हैं. प्रयागराज में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले सूरज ने बताया कि वे यहां रहकर पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन जो वक्त बचता है, उस समय में वह राम नाम लिखते हैं. अपने कमरे में भी रहकर वे राम नाम पुस्तिका में राम नाम लिखते हैं. उसके अलावा उन्हें जब भी मौका मिलता है, उसी समय में माघ मेला में शिविर आकर रामनाम लिखते हैं. उनका कहना है कि राम नाम लिखने से उन्हें मानसिक शांति के साथ ही पुण्य मिलता है. राम नाम लिखने से राम की कृपा उन पर बनेगी और जिससे उनका कल्याण होगा और भविष्य उज्ज्वल बनेगा.
राम नाम बैंक से जुड़े हैं देश भर के लोग
राम नाम बैंक चलाने वालीं ज्योतिषाचार्य गुंजन वार्ष्णेय ने बताया कि इससे देश-विदेश के लोग जुड़े हुए हैं. जो रामनाम लिखकर कॉपी कोरियर के जरिये भेजते हैं.इसके साथ ही लोग अब ऑनलाइन भी राम नाम लिखकर सबमिट कर देते हैं. गुंजन वार्ष्णेय ने बताया कि सोनल सिंह 20 सालों से उनके रामनाम बैंक के साथ जुड़ी हुई हैं और और वे हर साल सवा लाख के करीब रामनाम लिखती रही हैं. राम मंदिर के निर्माण के साथ ही उनकी रामनाम लिखने की गति भी तेज हो गई है. वे 1 करोड़ 8 लाख राम नाम लिखने के लक्ष्य को जल्द पूरा करने में जुट गई हैं.