अयोध्या: राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में श्रद्धालुओं और पर्यटन की संख्या बढ़ गई है. इसके साथ ही यहां की सुविधाओं में भी बड़ा परिवर्तन आया है. वहीं विभिन्न प्रदेश के होटल और धर्मशालाएं भी बढ़ रहे हैं. आगामी दिनों में होने वाले महाकुंभ से बड़ी तादाद में श्रद्धालु अयोध्या पहुंच सकते हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने यह संभावना जताई है.
श्रीराम मंदिर जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि आज सारा देश अयोध्या आ रहा है. राम जन्मभूमि पर प्रतिदिन 70 से 80 हजार लोग दर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1990 का वह काल भी जानते हैं. जब यहां पर रोटी मिलना भी मुश्किल था. यहां पर कोई होटल भी नहीं था. अयोध्या एक छोटी सी नगरी है.
यहां साधुओं की आबादी ज्यादा है और ग्राहस्थों की संख्या कम है. यहां कोई उद्योग और व्यापार नहीं है. तीर्थयाटन ही यहां की आय हैं. जैसे-जैसे यहां पर मंदिर बन रहा है, तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ रही है, तो अयोध्या का भौतिक विकास भी बहुत हो रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या के लिए लगभग 36000 करोड़ खर्च कर रही है.
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ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने कहा कि आगामी प्रयागराज में मकर संक्रांति से महाशिवरात्रि तक कुम्भ मेला है. अपेक्षा है कि 25 से 30 करोड़ लोग आएंगे. यह संभावना हो सकती है. इसमें से अगर 2 से 4 लाख श्रद्धालु भी अयोध्या आ गए तो क्या होगा. जबकि सरकार के मन में है कि इस संख्या का 25 प्रतिशत जनता अयोध्या आएगी और 10 प्रतिशत भी यहां के लिए बहुत होता है.
ऐसे में यहां पर कुछ आवश्यकताओं की जरूरत पड़ेगी. इस पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब समाज और देश के लोग यहां पर आते हैं तो यहां से एक अच्छी विचारधारा के सोच को लेकर वापस जाएं यही विचार है.
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