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राजकोट गेम जोन अग्निकांड: IAS, IPS को आरोपी बनाने की याचिका पर SIT को नोटिस - Notice to SIT - NOTICE TO SIT

Rajkot game zone fire Court notice to SIT: गुजरात के राजकोट की एक अदालत ने गेम जोन अग्निकांड मामले में कड़ा रूख अपनाया है. अदालत ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए विशेष जांच दल (SIT) को नोटिस जारी किया है.

Rajkot game zone fire
राजकोट गेम जोन अग्निकांड (ANI)
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By PTI

Published : May 30, 2024, 10:19 AM IST

राजकोट: गुजरात के राजकोट की एक अदालत ने गेम जोन अग्निकांड मामले में एसआईटी से इस त्रासदी के बाद ट्रांसफर किए गए आईपीएस, आईएएस और सस्पेंड किए गए अन्य अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग संबंधी याचिका पर रिपोर्ट मांगी है.

गुजरात के राजकोट की एक अदालत ने टीआरपी गेम जोन अग्निकांड की जांच कर रही एसआईटी से उस याचिका पर रिपोर्ट मांगी है जिसमें इस त्रासदी के बाद स्थानांतरित किए गए आईपीएस और आईएएस अधिकारियों तथा निलंबित किए गए अन्य अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की गई है.

'आपराधिक जांच याचिका' में तत्कालीन राजकोट पुलिस आयुक्त राजू भार्गव, नगर आयुक्त आनंद पटेल और दो आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIRs) दर्ज करने की मांग की गई है. 25 मई की घटना के बाद इनका तबादला कर दिया गया. वहीं, नौ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया. इस हादसे में 27 लोगों की जान चली गई थी.

याचिकाकर्ता विनेश छाया के वकील राजेश जालू ने बताया कि अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट बी पी ठाकर ने बुधवार को विशेष जांच दल (SIT) को नोटिस जारी कर सभी अधिकारियों के खिलाफ चल रही जांच की स्थिति रिपोर्ट 20 जून तक मांगी है. याचिका में तर्क दिया गया कि जिन आधारों पर इन अधिकारियों को स्थानांतरित या निलंबित किया गया, वे प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पर्याप्त थे.

याचिकाकर्ता ने इन अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 304 (गैर इरादतन हत्या), 337 (किसी व्यक्ति को जल्दबाजी या लापरवाही से कार्य करके चोट पहुंचाना, जिससे मानव जीवन या दूसरों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाए) और 338 (किसी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचाना, जिससे उसका जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा खतरे में पड़ जाए) के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की. याचिका में कहा गया, 'इस वर्तमान शिकायत को दायर करने का कारण यह भी है कि कर्तव्यों में लापरवाही के कारण 27 लोगों की मौत हो गई और अन्य लोग घायल हो गए.'

याचिका में कहा गया है कि टीआरपी का गेम पिछले तीन-चार वर्षों से बिना किसी अनुमति या लाइसेंस के चल रहा था. भार्गव के अलावा, राजकोट के तत्कालीन पुलिस उपायुक्त सुधीर कुमार देसाई और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (ACP) विधि चौधरी के साथ-साथ तत्कालीन नगर आयुक्त आनंद पटेल को भी घटना के दो दिन बाद स्थानांतरित कर दिया गया.

निलंबित किए गए नगर निगम अधिकारियों में मुख्य अग्निशमन अधिकारी इलेश खेर, उप मुख्य अग्निशमन अधिकारी भीखाभाई थेबा, सहायक अभियंता जयदीप चौधरी, सहायक नगर नियोजक गौतम जोशी, अग्निशमन केंद्र अधिकारी राहित विगोरा, सड़क एवं भवन विभाग के उप कार्यकारी अभियंता एम आर सुमा, तत्कालीन सहायक अभियंता पारस कोठिया तथा पुलिस निरीक्षक वी आर पटेल और एन आई राठौड़ शामिल हैं. संबंधित घटनाक्रम में अदालत ने अग्निकांड मामले में गिरफ्तार पांचवें आरोपी किरीटसिंह जडेजा को आठ दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया.

ये भी पढ़ें- TRP गेम जोन अग्निकांड: DNA से पहचाने गए 4 शव, कुल मरने वालों की संख्या 32 हुई - Rajkot Fire Mishap

राजकोट: गुजरात के राजकोट की एक अदालत ने गेम जोन अग्निकांड मामले में एसआईटी से इस त्रासदी के बाद ट्रांसफर किए गए आईपीएस, आईएएस और सस्पेंड किए गए अन्य अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग संबंधी याचिका पर रिपोर्ट मांगी है.

गुजरात के राजकोट की एक अदालत ने टीआरपी गेम जोन अग्निकांड की जांच कर रही एसआईटी से उस याचिका पर रिपोर्ट मांगी है जिसमें इस त्रासदी के बाद स्थानांतरित किए गए आईपीएस और आईएएस अधिकारियों तथा निलंबित किए गए अन्य अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की गई है.

'आपराधिक जांच याचिका' में तत्कालीन राजकोट पुलिस आयुक्त राजू भार्गव, नगर आयुक्त आनंद पटेल और दो आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIRs) दर्ज करने की मांग की गई है. 25 मई की घटना के बाद इनका तबादला कर दिया गया. वहीं, नौ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया. इस हादसे में 27 लोगों की जान चली गई थी.

याचिकाकर्ता विनेश छाया के वकील राजेश जालू ने बताया कि अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट बी पी ठाकर ने बुधवार को विशेष जांच दल (SIT) को नोटिस जारी कर सभी अधिकारियों के खिलाफ चल रही जांच की स्थिति रिपोर्ट 20 जून तक मांगी है. याचिका में तर्क दिया गया कि जिन आधारों पर इन अधिकारियों को स्थानांतरित या निलंबित किया गया, वे प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पर्याप्त थे.

याचिकाकर्ता ने इन अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 304 (गैर इरादतन हत्या), 337 (किसी व्यक्ति को जल्दबाजी या लापरवाही से कार्य करके चोट पहुंचाना, जिससे मानव जीवन या दूसरों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाए) और 338 (किसी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचाना, जिससे उसका जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा खतरे में पड़ जाए) के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की. याचिका में कहा गया, 'इस वर्तमान शिकायत को दायर करने का कारण यह भी है कि कर्तव्यों में लापरवाही के कारण 27 लोगों की मौत हो गई और अन्य लोग घायल हो गए.'

याचिका में कहा गया है कि टीआरपी का गेम पिछले तीन-चार वर्षों से बिना किसी अनुमति या लाइसेंस के चल रहा था. भार्गव के अलावा, राजकोट के तत्कालीन पुलिस उपायुक्त सुधीर कुमार देसाई और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (ACP) विधि चौधरी के साथ-साथ तत्कालीन नगर आयुक्त आनंद पटेल को भी घटना के दो दिन बाद स्थानांतरित कर दिया गया.

निलंबित किए गए नगर निगम अधिकारियों में मुख्य अग्निशमन अधिकारी इलेश खेर, उप मुख्य अग्निशमन अधिकारी भीखाभाई थेबा, सहायक अभियंता जयदीप चौधरी, सहायक नगर नियोजक गौतम जोशी, अग्निशमन केंद्र अधिकारी राहित विगोरा, सड़क एवं भवन विभाग के उप कार्यकारी अभियंता एम आर सुमा, तत्कालीन सहायक अभियंता पारस कोठिया तथा पुलिस निरीक्षक वी आर पटेल और एन आई राठौड़ शामिल हैं. संबंधित घटनाक्रम में अदालत ने अग्निकांड मामले में गिरफ्तार पांचवें आरोपी किरीटसिंह जडेजा को आठ दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया.

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