सुल्तानपुर: राहुल गांधी मानहानि मामले में एक बार फिर सुनवाई टल गई. MP/MLA कोर्ट में शनिवार को शिकायतकर्ता भाजपा नेता विजय मिश्रा को पेश होकर पूरे प्रकरण का एविडेंस पेश करना था. लेकिन विजय मिश्रा के अधिवक्ता संतोष पाण्डेय और राहुल गांधी के अधिवक्ता काशी प्रसाद शुक्ला ने बताया कि अधिवक्ता संघ की तरफ से न्यायालय परिसर में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया है. इसलिए व्यस्तता की वजह से आगे की तिथि का अनुरोध किया. जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए अगली तिथि 1अक्टूबर लगाई है. अब कोर्ट में इस मामले में 1 अक्टूबर को विजय मिश्रा को कोर्ट में साक्ष्य प्रस्तुत करना होगा. इससे पहले भी विजय मिश्र साक्ष्य के लिए समय लेते रहे हैं.
दरअसल, कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान राहुल गांधी ने तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष वर्तमान में देश के गृहमंत्री अमित शाह को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी. राहुल के बयान से आहत होकर कॉपरेटिव के पूर्व चेयरमैन और भाजपा नेता विजय मिश्रा ने अगस्त 2018 को सुल्तानपुर की MP/MLA कोर्ट में रिट दायर की थी. करीब पांच वर्षों तक मामले में तारीख पर तारीख पड़ती रही.
दिसम्बर 2023 में तत्कालीन मजिस्ट्रेट योगेश यादव ने राहुल गांधी के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया था. एनबीडब्ल्यू जारी होने के बाद जनवरी 2024 में राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता काशी प्रसाद शुक्ला प्रस्तुत हुए और समय मांगा था. इसके बाद बाद भारत जोड़ो न्याय यात्रा लेकर 19 फरवरी को अमेठी पहुंचे. इसके अगले दिन राहुल गांधी ने 20 फ़रवरी को कोर्ट में सरेंडर किया. कोर्ट ने 25-25 हजार के दो मुचलके पर जमानत दी. कोर्ट से जमानत मिलने के बाद राहुल गांधी को बयान मुल्ज़िम की कार्रवाई के लिए कोर्ट में हाजिर होना था.
जिसके लिए 13 पेशियां पड़ गई, जब कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया तब 26 जुलाई को राहुल गांधी कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट में राहुल गांधी ने कहा था कि मैं निर्दोष हूं, मेरे खिलाफ राजनीतिक साजिश हुई है. मैं सारे आरोपों से इनकार करता हूं. मेरी और मेरी पार्टी की छवि धूमिल करने के लिए आरोप लगाए गए हैं. राहुल के बयान के बाद कोर्ट ने सुनवाई के लिए 12 अगस्त फिर 23 अगस्त की तिथि नियत थी. लेकिन शिकायकर्ता विजय मिश्रा के अस्वस्थ होने के कारण 19 सितंबर को तारीख दी थी. 19 सितंबर को विजय मिश्रा के अधिवक्ता कोर्ट में पेश होकर व्यस्तता के कारण अगली तारीख मांगी थी. अधिवक्ता संतोष पाण्डेय के व्यस्तता के चलते कोर्ट ने उनके अनुरोध पर अगली तारीख 21 सितंबर नियति की थी.