नई दिल्ली : कांग्रेस के शीर्ष प्रचारक राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मध्य प्रदेश के चंबल क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जहां वे 30 अप्रैल को भिंड और 2 मई को मुरैना में पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे. मध्य प्रदेश के एआईसीसी प्रभारी जितेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत को बताया, 'राहुल गांधी 30 अप्रैल को भिंड में एक रैली को संबोधित करेंगे. प्रियंका गांधी 2 मई को मुरैना में रैली को संबोधित करेंगी. चंबल क्षेत्र हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है जहां हम एक मजबूत अभियान चला रहे हैं.'
21 अप्रैल को राहुल गांधी को एमपी की सतना संसदीय सीट पर एक रैली को संबोधित करना था, लेकिन अस्वस्थ होने के कारण उन्हें अपना दौरा रद्द करना पड़ा. उनके स्थान पर पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी उम्मीदवार सिद्धार्थ कुशवाह के पक्ष में रैली को संबोधित किया, जिनका मुकाबला भाजपा के गणेश सिंह से था.
भिंड में कांग्रेस ने भंडार से मौजूदा विधायक फूल सिंह बरैया को मैदान में उतारा है, जिनका मुकाबला बीजेपी की मौजूदा सांसद संध्या रे से है. मुरैना में कांग्रेस के सत्यपाल सिंह सिकरवार का मुकाबला बीजेपी के शिवमंगल सिंह तोमर से है. सबसे पुरानी पार्टी को राज्य चुनाव जीतने की उम्मीद थी लेकिन वह जीत नहीं सकी. हालांकि, मुरैना क्षेत्र में इसका प्रदर्शन बेहतर रहा था.
2019 में मिली थी सिर्फ एक सीट : अब पार्टी 2019 के रुझान को पलटने पर ध्यान केंद्रित कर रही है जिसमें कांग्रेस राज्य की 29 लोकसभा सीटों में से केवल एक ही जीत सकी थी. जितेंद्र सिंह ने कहा, इस बार हम कई सीटें जीतेंगे.'
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस छिंदवाड़ा जैसी सीटें जीतने को लेकर आश्वस्त है, जहां पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के बेटे नकुल नाथ चुनाव लड़ रहे हैं. राजगढ़ जहां से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चुनाव लड़ रहे हैं, मंडला जहां पार्टी ने अनुभवी ओमकार मरकाम को मैदान में उतारा है, उनका मुकाबला बीजेपी से है. फग्गन सिंह कुलस्ते और शहडोल में कांग्रेस प्रत्याशी फुंदेलाल मार्को का मुकाबला भाजपा की हिमाद्री सिंह सहित अन्य से है.
एआईसीसी के मध्य प्रदेश प्रभारी सचिव सीपी मित्तल ने ईटीवी भारत को बताया, 'लोकसभा चुनाव में अब तक मतदान प्रतिशत पिछले राष्ट्रीय चुनावों की तुलना में कम रहा है. खास यह कि विधानसभा चुनाव की तुलना में महिला मतदाताओं का प्रतिशत कम हुआ है. इससे बीजेपी के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है.'
उन्होंने कहा कि 'हमारे नेता नौकरियों, शिक्षा, महिला सुरक्षा और किसानों की दुर्दशा पर ध्यान केंद्रित रखेंगे, जो लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दे हैं.' 2023 का विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस ने राज्य टीम में बदलाव किया था और जीतू पटवारी को राज्य इकाई प्रमुख और उमंग सिंघार को सीएलपी नेता बनाया था.
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि स्थानीय इकाई राज्य चुनाव हारने के कुछ महीनों के भीतर फिर से संगठित होने में सक्षम हो गई है और एक मजबूत प्रदर्शन कर रही है. वरिष्ठ नेता शोभा ओझा ने कहा, 'राज्य के वरिष्ठ नेता नियमित रूप से सभी सीटों पर मतदाताओं को संबोधित कर रहे हैं और पार्टी घोषणापत्र के लाभों पर प्रकाश डाल रहे हैं. मतदाता राज्य सरकार से नाराज़ हैं क्योंकि उन्होंने अपने वादे पूरे नहीं किए हैं. लोग नौकरियों और ऋण माफी के हमारे वादों के बारे में बात कर रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि 'I.N.D.I.A ब्लॉक की उम्मीदवार मीरा यादव का नामांकन मामूली आधार पर खारिज होने के बाद हम खजुराहो फॉरवर्ड ब्लॉक के उम्मीदवार आरबी प्रजापति का समर्थन कर रहे हैं.'