राजनांदगांव: कांग्रेस और अंतर्रकलह ऐसा लगता है जैसे अब एक ही सिक्के के दो पहलू बन गए हैं. बीते दिनों भूपेश बघेल के भरे मंच से सुरेंद्र दाऊ ने कांग्रेस को जमकर खरी खोटी सुनाई. दाऊ के बाद कांग्रेस कमेटी के पूर्व महामंत्री और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य अरुण सिसोदिया ने लेटर बम से कांग्रेस को जमकर कोसा. सिसोदिया ने पत्र के मार्फत यहां तक लिख दिया कि पूर्व मुख्यमंत्री के इशारे पर 5 करोड़ 89 लाख की राशि विनोद वर्मा के बेटे की कंपनी को दी गई.
पहले फूटा लेटर बम अब स्लीपर सेल करने पर बवाल: अरुण सिसोदिया ने आज सुरेंद्र दाऊ से मुलाकात की. दोनों बागियों की मुलाकत के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में ये लोग कांग्रेस पार्टी पर अपने हमले और तेज करेंगे. अरुण सिसोदिया ने पीसीसी चीफ दीपक बैज को पत्र लिखा है. बैज को लिखे पत्र में कहा है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सिसोदिया का आरोप है कि अग्नवाल ने अपने मित्र और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनितिक सलाहकार विनोद वर्मा के बेटे की कंपनी टेसू मीडिया लैब गाजियाबाद को 5 करोड 89 लाख दिए. आरोप है कि जो पैसे दिए गए बिना प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और प्रभारी महामंत्री की जानकारी के दिए गए.
नियम क्या कहता है: कोषाध्यक्ष को कार्यादेश जारी करने अनुमति नहीं और पार्टी बायलोज के अनुसार प्रदेश कार्यकारणी में प्रस्ताव लाकर पास करना आवश्यक है. प्रदेश अध्यक्ष से नोट शीट एप्रूवल लिया जाना जरूरी है. अरुण सिसोदिया का आरोप है कि बिना अनुमति के ही पैसों का भुगतान टेसू मीडिया लैब को किया गया.
पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बयान पर सियासी तंज: भूपेश बघेल ने कहा है कि जो भी लोग पार्टी को लेकर गलत बयानबाजी कर रहे हैं वो बीजेपी के स्लीपर सेल से जुड़े हैं. बघेल के बयान पर सिसोदिया ने चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस के आस पास बहुत सारे साथी स्लीपर सेल बनकर घूम रहे हैं, उन्हे नुकसान पहुंचा रहे हैं. कांग्रेस के लिए ये नुकसान काफी घातक साबित होगा. सिसोदिया ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय नेतृत्व को इस पर ध्यान देना चाहिए. ऐसे स्लीपर सेल की पहचान कर उनको पार्टी से बाहर किया जाना चाहिए.