पूर्णिया: आज के समय में युवा अपने भविष्य को लेकर अनेकों प्रकार के गोल निर्धारित कर अपनी मेहनत में जुटे हुए हैं. औसतन प्रत्येक 3 में से एक युवा जहां यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहा है, तो कई युवा क्रिकेट व खेल जगत में नाम बनाना चाहते हैं. मगर हमें ऐसा सुनने में बहुत ही कम मिलता है कि कोई चित्रकारी की दुनिया का बेताज बादशाह बनना चाह रहा है. ईटीवी आज आपको ऐसे ही एक चित्रकार से मिलवाने जा रहा है, जिसने देश विदेश में प्रदेश का नाम रोशन किया है.
पूर्णिया के चित्रकार का कमाल: पूर्णिया के एक युवा ऐसे भी हैं जिन्होंने चित्रकला में कई मुकाम अपने नाम तो कर ही चुके हैं, साथ ही साथ वो नई पीढ़ी में भी चित्रकला की मिठास को घोलना चाहते हैं. उनका मानना है कि भारत जैसे विविधताओं वाले देश मे कई हीरे ऐसे हैं, जिन्हें बस तरासने की जरूरत है. जिले के एक्रिलिक पेंटर राजीव राज अपनी प्रतिभा से युवाओं को तरासने में जुट गये हैं. इसी क्रम में वे पूर्णिया में बच्चों को पेंटिंग में रुचि लेने के लिए प्रेरित करने के साथ ही उनका मार्गदर्शन भी कर रहे हैं.
कैनवास पर उकेरा बाढ़ त्रासदी का दर्द: महज 31 घंटे में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दुनिया की सबसे बड़ी पेंटिंग बनाने वाले चित्रकार राजीव राज ने सीमांचल की बाढ़ त्रासदी की तस्वीर को कैनवास पर उकेरा है. राजीव राज की कई पेंटिंग जापान व स्विट्जरलैंड में लगने वाले प्रदर्शनी में भी शामिल हो चुकी है. बीपीएससी समेत कई परीक्षाओं में इनसे जुड़े सवाल पूछे जाते रहे हैं.
सबसे बड़ी पेंटिंग बनाने का स्थापित किया कीर्तिमान: राजीव राज ने अटल बिहारी वाजपेयी की पेंटिंग बनाने के पीछे का कारण बताया कि वे साफ-सुथरी छवि के नेता थे. अगर राजनीति की बात करें तो वो देशहित में पॉलिटिक्स करते थे, ना कि पार्टी के हित में करते थे. अटल बिहारी वाजपेयी का कवि हृदय था. इसलिए मैंने उनकी पेंटिंग बनाने का निर्णय लिया था.
"मैंने 31 घंटे के अंदर वाजपेयी जी की दुनिया की सबसे बड़ी पेंटिंग बनायी थी. इस दौरान मैं तरल पदार्थों पर निर्भर रहा. मेरे हाथ एक पल के लिए भी रुके नहीं. शाम को 4:43 बजे पेंटिंग बनानी शुरू की थी जिसे अगले दिन 11:20 मिनट पर मैंने पूरा किया. कोसी की त्रासदी पर भी हमने रिसर्च बेस्ड काम किया है."- राजीव राज, चित्रकार
देश के बाहर भी कर चुके हैं बिहार का नाम रोशन: 2012 में पहली बार राजीव राज को स्विट्जरलैंड के बेसल शहर में अंतरराष्ट्रीय स्तर की पेंटिंग प्रदर्शनी में भाग लेने का मौका मिला था. राजीव राज अपनी कोसी शैली में कुल बारह पेंटिंग की प्रदर्शनी लगा कर पूर्णिया ही नहीं बिहार को गौरवान्वित किया है. 2017 में जापान के टोक्यो में इंटरनेशनल आर्ट फेयर में चित्रकार राजीव राज की कोसी पेंटिंग शैली पर आधारित कुल बारह चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई थी.
बना चुके हैं लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड: राजीव राज विश्व की सबसे बड़ी अटल बिहारी वाजपेई की पेंटिंग लगातार 31 घंटे में बनाकर विश्व रिकॉर्ड कायम किया था, जिसके तहत उन्हें लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया. 2020 में बिहार का सर्वश्रेष्ठ कला पुरस्कार राधा मोहन पुरस्कार से बिहार सरकार द्वारा चित्रकार राजीव राज को सम्मानित किया जा चुका है.
स्विट्जरलैंड से दुबई तक कोसी पेंटिंग की चमक-दमक : कोसी माटी के चित्रकार राजीव राज हमेशा अपनी कलाकृति में कोसी की पृष्ठभूमि को केंद्र में रख कर चित्रकारी करते हैं. 2008 की प्रलयंकारी बाढ़ विभीषिका को चित्रकार राजीव राज ने दर्जनों पेंटिंग के माध्यम से कोसी के क्रोध और उग्र स्वभाव के कारण को अपने पेंटिंग के माध्यम से स्पष्ट किया था. कोसी नदी के उद्गम से लेकर संगम तक की पूरी धर्म ग्रंथ कथाओं को उन्होंने कैनवास में रूप दिया था.
कोसी की सात बहनों की पेंटिंग: ईटीवी भारत से बातचीत में राजीव राज ने बताया कि कोसी की सात बहनों को पहली बार कैनवास पर मूर्त रूप मैंने ही दिया है. कोसी नदी की त्रासदी पर बनाई गई इनकी उत्कृष्ट कलाकृति से चित्रकार राजीव चर्चा में आए थे. 2011 में चित्रकार राजीव ने कोसी त्रासदी पर बनाई हुई कुछ पेंटिंग्स को फाइन आर्ट अमेरिका के साइट पर दिया था. 2023 में चार दिवसीय दुबई आर्ट फेयर में भी राजीव राज के साथ-साथ विश्व के कई देशों के नामचीन कलाकार की पेंटिंग प्रदर्शित की गयी.
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