चंडीगढ़: सिरसा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम (Ram Rahim) को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. रंजीत सिंह हत्या मामले में हाई कोर्ट ने राम रहीम और चार अन्य को बरी कर दिया है. इनमें राम रहीम के अलावा अवतार सिंह, कृष्णलाल, जसबीर सिंह और सबदिल सिंह शामिल हैं. एक आरोपी की ट्रायल के दौरान ही मौत हो गई थी. पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने पंचकूला सीबीआई कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए ये फैसला सुनाया है.
रंजीत सिंह हत्याकांड में राम रहीम बरी: दरअसल राम रहीम ने पंचकूला सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राम रहीम को बड़ी राहत दी है. रंजीत सिंह हत्याकांड में पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को 18 अक्टूबर 2021 को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इसी फैसले को राम रहीम ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए राम रहीम और 4 अन्य को को बरी कर दिया है.
सीबीआई जांच में मिली कमियां: राम रहीम के वकील महेंद्र सिंह जोशी ने बताया "हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई की जांच में बहुत सारी कमियां मिली है. सीबीआई वारदात में इस्तेमाल हथियार और कार को बरामद नहीं कर सकी. सीबीआई ने हत्या में 455 बोर पिस्टल का इस्तेमाल का दावा किया था. जबकि वो हथियार 1999 में मोगा पुलिस को सुपुर्द कर दिया था. हत्याकांड के दो गवाहों सुखदेव सिंह और जोगिंदर सिंह के बयानों में भी मिला काफी अंतर मिला. मृतक रंजीत सिंह के पिता जोगिंदर सिंह ने पहले हत्या को लेकर गांव के सरपंच पर आरोप लगाए थे."
22 साल पुराना है मामला: ये 22 साल पुराना मामला है. जिसमें 19 साल बाद सीबीआई कोर्ट ने डेरा मुखी राम रहीम को दोषी करार दिया था. इस मामले में 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय किए थे. हालांकि, शुरुआत में इस मामले में राम रहीम का नाम नहीं था, लेकिन साल 2003 में जांच सीबीआई को सौंपी गई. फिर 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान पर डेरा प्रमुख को आरोपियों में शामिल किया गया. राम रहीम फिलहाल रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है.
क्या है रंजीत सिंह हत्याकांड? 10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रंजीत सिंह की हत्या की गई थी. गोलियों से भूनकर रंजीत को मौत के घाट उतार दिया गया. दरअसल एक गुमनाम चिट्ठी में साध्वियों ने राम रहीम पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. इस मामले में राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है. बताया जाता है कि डेरा प्रबंधन को शक था कि रंजीत ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी. पुलिस जांच से असंतुष्ट रंजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी.
आरोप है कि राम रहीम के कहने पर ही गोलियों से भूनकर रंजीत सिंह की हत्या की गई थी. 2003 में ये मामला सीबीआई के पास आया था. मामले में कुल 6 आरोपी थे. जिसमें से एक आरोपी का नाम सबदिल, दूसरे का नाम जसवीर, तीसरे का नाम अवतार, चौथे का नाम कृष्ण है. एक आरोपी इंद्रसेन था जिसकी सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी.
जेल से बाहर नहीं आएगा राम रहीम: इस मामले में हाई कोर्ट की तरफ से सजा रद्द करने के बाद भी डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह जेल में ही रहेगा. क्योंकि दो साध्वियों के यौन शोषण मामले में उसे 20 साल और छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को पंचकूला की सीबीआई की विशेष अदालत ने इन मामलों में दोषी करार दिया था.