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पीएम मोदी बोले, महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को बिना देरी सजा दी जाए - PM Modi independence Day speech

PM Modi independence Day speech: 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया. अपने भाषण के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातें कही. उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराध पर भी प्रकाश डाला.

Prime Minister Narendra Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (ANI VIDEO)
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By ANI

Published : Aug 15, 2024, 10:48 AM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों पर अपनी व्यथा व्यक्त की और ऐसे अपराधों की त्वरित जांच की वकालत करते हुए कहा कि अपराधियों को जल्द से जल्द सख्त सजा दी जानी चाहिए. हाल ही में कोलकाता के एक अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या के मामले को लेकर देशव्यापी विरोध के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ देश में आक्रोश है. देश, समाज और राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा.

प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं आज लाल किले से एक बार फिर अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं. एक समाज के तौर पर हमें महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के बारे में गंभीरता से सोचना होगा. देश में इसके खिलाफ आक्रोश है. मैं इस आक्रोश को महसूस कर सकता हूं. देश, समाज और राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा.'

प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, 'महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की शीघ्र जांच हो, इन जघन्य कृत्यों को अंजाम देने वालों को यथाशीघ्र कठोर दंड मिले - यह समाज में विश्वास पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण है.'

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के अत्याचार करने वालों को दी जाने वाली सजा पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए ताकि इस पाप को करने वाले लोगों में डर पैदा हो. उन्होंने कहा, 'मैं यह भी कहना चाहूंगा कि जब बलात्कार और महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं होती हैं, तो इस पर व्यापक चर्चा होती है लेकिन जब ऐसी राक्षसी प्रवृत्ति के व्यक्ति को सजा मिलती है, तो यह खबरों में नहीं आता, बल्कि एक कोने में सिमट कर रह जाता है. समय की मांग है कि सजा पाने वालों पर व्यापक चर्चा हो, ताकि इस पाप को करने वाले यह समझें कि इसके लिए फांसी की सजा मिलती है. मुझे लगता है कि यह डर पैदा करना बहुत जरूरी है.'

9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर मृत पाई गई. परिवार ने आरोप लगाया है कि पीड़िता के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. इस घटना ने व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है और चिकित्सा समुदाय के भीतर और बाहर विरोध प्रदर्शन हुए हैं. पूरे देश में डॉक्टरों ने एक पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी (पीजीटी) डॉक्टर की हत्या और कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ जोरदार समर्थन जताते हुए पीड़िता के लिए न्याय की मांग की है.

प्रधानमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों पर भी प्रकाश डाला, जिनमें अब लगभग 10 करोड़ महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं. उन्होंने कहा, 'जब महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र होती हैं, तो इससे समाज में बदलाव आता है.' प्रधानमंत्री ने कहा कि मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया है ताकि सरकार कामकाजी माताओं के लिए बाधा न बने.

प्रधानमंत्री ने कहा, 'कामकाजी महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया है. हम न केवल महिलाओं का सम्मान करते हैं, न केवल उनके लिए संवेदनशील निर्णय लेते हैं, बल्कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए निर्णय लेते हैं कि सरकार मां की अपने बच्चे को एक उत्कृष्ट नागरिक बनाने की आवश्यकताओं में बाधा न बने.'

दशकों पहले देश के लिए लड़ने वालों के बलिदान को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र उनका ऋणी और कृतज्ञ है. पीएम मोदी ने कहा, 'यह उन लोगों को सलाम करने का दिन है जिन्होंने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और अपने प्राणों की आहुति दी. हम हर बहादुर दिल को नमन करते हैं और श्रद्धा के साथ अपना सम्मान देते हैं.'

प्रधानमंत्री ने राष्ट्र से 2047 तक विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में काम करने का भी आग्रह किया. उन्होंने कहा कि 40 करोड़ भारतीयों ने दशकों पहले अंग्रेजों को भगाने के लिए ताकत और साहस दिखाया था. आजादी से पहले, 40 करोड़ भारतीयों ने साहस, समर्पण और बहादुरी दिखाई और एक आदर्श वाक्य के साथ आगे बढ़े और सभी प्रतिकूलताओं के बावजूद औपनिवेशिक शासन की बेड़ियों को तोड़ दिया. उनका एकमात्र लक्ष्य स्वतंत्रता था. अगर 40 करोड़ भारतीय ऐसा कर सकते हैं, तो मेरे परिवार के 140 करोड़ भारतीय चमत्कार कर सकते हैं, अगर वे एक प्रतिज्ञा करें तो सभी चुनौतियों के बावजूद हम 2047 तक विकसित भारत बना सकते हैं.'

उन्होंने कहा, 'अब विकसित भारत 2047 के लिए जीने का समय है और हम भारतीय दृढ़ संकल्प के साथ खड़े हैं. हमें हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना है. यह भारतीयों का दृढ़ संकल्प है जो मेरे संकल्प को आगे बढ़ा रहा है. भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बन सकता है. एक समय था जब लोगों के मन में करो या मरो की भावना थी और हमें आजादी मिली और अब हमारे पास राष्ट्र के लिए जीने की ताकत होनी चाहिए और इससे एक मजबूत भारत बन सकता है.' रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य गणमान्य लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया. प्रधानमंत्री को सफेद कुर्ता और नीली पोशाक और पारंपरिक बहुरंगी साफा पहने हुए देखा गया.

इस वर्ष का उत्सव 11वीं बार है जब प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित किया. इससे वे जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले तीसरे प्रधानमंत्री बन गए हैं. इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस का विषय 'विकसित भारत 2047' है, जिसका उद्देश्य 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के लिए सरकार के प्रयासों को आगे बढ़ाना है.

ये भी पढ़ें- 78वां स्वतंत्रता दिवस: पीएम मोदी ने कहा- 'देश में एक सेकुलर सिविल कोड हो'

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों पर अपनी व्यथा व्यक्त की और ऐसे अपराधों की त्वरित जांच की वकालत करते हुए कहा कि अपराधियों को जल्द से जल्द सख्त सजा दी जानी चाहिए. हाल ही में कोलकाता के एक अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या के मामले को लेकर देशव्यापी विरोध के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ देश में आक्रोश है. देश, समाज और राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा.

प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं आज लाल किले से एक बार फिर अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं. एक समाज के तौर पर हमें महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के बारे में गंभीरता से सोचना होगा. देश में इसके खिलाफ आक्रोश है. मैं इस आक्रोश को महसूस कर सकता हूं. देश, समाज और राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा.'

प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, 'महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की शीघ्र जांच हो, इन जघन्य कृत्यों को अंजाम देने वालों को यथाशीघ्र कठोर दंड मिले - यह समाज में विश्वास पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण है.'

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के अत्याचार करने वालों को दी जाने वाली सजा पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए ताकि इस पाप को करने वाले लोगों में डर पैदा हो. उन्होंने कहा, 'मैं यह भी कहना चाहूंगा कि जब बलात्कार और महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं होती हैं, तो इस पर व्यापक चर्चा होती है लेकिन जब ऐसी राक्षसी प्रवृत्ति के व्यक्ति को सजा मिलती है, तो यह खबरों में नहीं आता, बल्कि एक कोने में सिमट कर रह जाता है. समय की मांग है कि सजा पाने वालों पर व्यापक चर्चा हो, ताकि इस पाप को करने वाले यह समझें कि इसके लिए फांसी की सजा मिलती है. मुझे लगता है कि यह डर पैदा करना बहुत जरूरी है.'

9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर मृत पाई गई. परिवार ने आरोप लगाया है कि पीड़िता के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. इस घटना ने व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है और चिकित्सा समुदाय के भीतर और बाहर विरोध प्रदर्शन हुए हैं. पूरे देश में डॉक्टरों ने एक पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी (पीजीटी) डॉक्टर की हत्या और कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ जोरदार समर्थन जताते हुए पीड़िता के लिए न्याय की मांग की है.

प्रधानमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों पर भी प्रकाश डाला, जिनमें अब लगभग 10 करोड़ महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं. उन्होंने कहा, 'जब महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र होती हैं, तो इससे समाज में बदलाव आता है.' प्रधानमंत्री ने कहा कि मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया है ताकि सरकार कामकाजी माताओं के लिए बाधा न बने.

प्रधानमंत्री ने कहा, 'कामकाजी महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया है. हम न केवल महिलाओं का सम्मान करते हैं, न केवल उनके लिए संवेदनशील निर्णय लेते हैं, बल्कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए निर्णय लेते हैं कि सरकार मां की अपने बच्चे को एक उत्कृष्ट नागरिक बनाने की आवश्यकताओं में बाधा न बने.'

दशकों पहले देश के लिए लड़ने वालों के बलिदान को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र उनका ऋणी और कृतज्ञ है. पीएम मोदी ने कहा, 'यह उन लोगों को सलाम करने का दिन है जिन्होंने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और अपने प्राणों की आहुति दी. हम हर बहादुर दिल को नमन करते हैं और श्रद्धा के साथ अपना सम्मान देते हैं.'

प्रधानमंत्री ने राष्ट्र से 2047 तक विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में काम करने का भी आग्रह किया. उन्होंने कहा कि 40 करोड़ भारतीयों ने दशकों पहले अंग्रेजों को भगाने के लिए ताकत और साहस दिखाया था. आजादी से पहले, 40 करोड़ भारतीयों ने साहस, समर्पण और बहादुरी दिखाई और एक आदर्श वाक्य के साथ आगे बढ़े और सभी प्रतिकूलताओं के बावजूद औपनिवेशिक शासन की बेड़ियों को तोड़ दिया. उनका एकमात्र लक्ष्य स्वतंत्रता था. अगर 40 करोड़ भारतीय ऐसा कर सकते हैं, तो मेरे परिवार के 140 करोड़ भारतीय चमत्कार कर सकते हैं, अगर वे एक प्रतिज्ञा करें तो सभी चुनौतियों के बावजूद हम 2047 तक विकसित भारत बना सकते हैं.'

उन्होंने कहा, 'अब विकसित भारत 2047 के लिए जीने का समय है और हम भारतीय दृढ़ संकल्प के साथ खड़े हैं. हमें हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना है. यह भारतीयों का दृढ़ संकल्प है जो मेरे संकल्प को आगे बढ़ा रहा है. भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बन सकता है. एक समय था जब लोगों के मन में करो या मरो की भावना थी और हमें आजादी मिली और अब हमारे पास राष्ट्र के लिए जीने की ताकत होनी चाहिए और इससे एक मजबूत भारत बन सकता है.' रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य गणमान्य लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया. प्रधानमंत्री को सफेद कुर्ता और नीली पोशाक और पारंपरिक बहुरंगी साफा पहने हुए देखा गया.

इस वर्ष का उत्सव 11वीं बार है जब प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित किया. इससे वे जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले तीसरे प्रधानमंत्री बन गए हैं. इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस का विषय 'विकसित भारत 2047' है, जिसका उद्देश्य 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के लिए सरकार के प्रयासों को आगे बढ़ाना है.

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