मुंबई: महाराष्ट्र के पुणे में पोर्श कार एक्सीडेंट मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. परिवार का अंडरवर्ल्ड डॉन कनेक्शन सामने आया है. पता चला है कि पुलिस पहले भी इस परिवार के साथ शाही व्यवहार कर चुकी है. इसके साथ ही, तेज रफ्तार से गाड़ी चलाकर दो बेकसूरों की जान लेने वाले नाबालिग आरोपी के दादा का अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन से सीधा संबंध है. जानकारी के मुताबिक, इससे पहले पुणे शहर के कल्याणनगर हादसे में एक नाबालिग आरोपी के परिवार की भी पुलिस तलाश कर रही है. नाबालिग के दादा पर अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के साथ मिलकर हत्या की सुपारी देने का आरोप है.
दादा ने दी हत्या की सुपारी: आरोपी नाबालिग के दादा सुरेंद्र कुमार अग्रवाल का अपने भाई से आर्थिक कारणों को लेकर विवाद चल रहा था. उस विवाद के चलते सुरेंद्र कुमार ने अपने भाई राम अग्रवाल के साथी अजय भोसले की हत्या के लिए सीधे छोटा राजन को सुपारी दे दी थी. छोटा राजन के गुंडों ने भोसले पर गोलियां चलाईं थीं. इस मामले में छोटा राजन और अन्य आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल: इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि, मामले के मास्टरमाइंड और कथित सुपारी देने वाले के खिलाफ कोई आरोप दर्ज नहीं किया गया. दिलचस्प बात यह है कि उन्हें गिरफ्तार भी नहीं किया गया. आरोप लगाया जा रहा है कि आर्थिक संबंधों के कारण पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया.
आरोपी नाबालिग के दादा सुरेंद्र कुमार अग्रवाल के अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के साथ संबंध सामने आने से मामले ने अलग मोड़ ले लिया है. सुरेंद्र कुमार के खिलाफ बंड गार्डन पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. इससे यह तस्वीर सामने आ गई है कि पुणे पुलिस को लंबे समय से यह परिवार नियंत्रित कर रहा है.
अनिल देशमुख ने फडणवीस से मांगा इस्तीफा: पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मांग की है कि पुणे में हुए हादसे पर राज्य के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने एक्स मीडिया पर पोस्ट कर कहा, 'देवेंद्र जी, अभी कुछ दिन पहले ही आपने कहा था कि अगर गाड़ी के नीचे कुत्ता भी आ गया तो विपक्ष इस्तीफे की मांग करेगा... आज गरीब परिवार के दो बच्चे अमीर की कार के नीचे कुचल दिए गए, और जिसने ये दोनों जाने लीं उसे आपके सिस्टम ने पिज्जा बर्गर खिलाया. दस घंटे के भीतर उसकी जमानत भी करवा दी (वो भी रविवार के दिन). देवेंद्र जी, अब आप ही बताइए कि हम गृह मंत्री का इस्तीफा क्यों नहीं मांगे?.
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