नई दिल्ली: बांग्लादेश में मौजूदा नौकरी कोटा प्रणाली को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए, ढाका में भारतीय उच्चायोग ने गुरुवार को भारतीय समुदाय के सदस्यों और भारतीय छात्रों को यात्रा से बचने और अपने आवास परिसर से बाहर कम से कम आने-जाने की सलाह जारी की है.
यह सलाह बांग्लादेशी सरकार द्वारा सभी सार्वजनिक और निजी विश्वविद्यालयों को बंद करने के फैसले के बाद ढाका में छात्रों और पुलिस के बीच हाल ही में हुई हिंसक झड़पों के जवाब में जारी की गई है. परामर्श में कहा गया है कि 'बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति को देखते हुए, बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय समुदाय के सदस्यों और भारतीय छात्रों को यात्रा से बचने और अपने रहने के स्थान से बाहर कम से कम जाने की सलाह दी जाती है.'
इसमें आगे कहा गया कि 'किसी भी तरह की आपात स्थिति या सहायता की आवश्यकता होने पर, कृपया निम्नलिखित 24 घंटे के आपातकालीन नंबरों पर उच्चायोग और हमारे सहायक उच्चायोगों से संपर्क करें.' ढाका में भारतीय उच्चायोग और चटगांव, सिलहट और खुलना में भारतीय सहायक उच्चायोगों ने भारतीय नागरिकों और छात्रों के लिए 24 घंटे आपातकालीन संपर्क नंबर स्थापित किए हैं, जिन्हें सहायता की आवश्यकता है, वह इन पर संपर्क कर सकते हैं:
- भारतीय उच्चायोग, ढाका +880-1937400591 (व्हाट्सएप पर भी)
- भारतीय सहायक उच्चायोग, चटगांव +880-1814654797 / +880-1814654799 (व्हाट्सएप पर भी)
- भारतीय सहायक उच्चायोग, राजशाही +880-1788148696 (व्हाट्सएप पर भी)
- भारतीय सहायक उच्चायोग, सिलहट +880-1313076411 (व्हाट्सएप पर भी)
- भारतीय सहायक उच्चायोग, खुलना +880-1812817799 (व्हाट्सएप पर भी)
सूत्रों के अनुसार, विरोध प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शनकारी देश की सिविल सेवा नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली में तत्काल सुधार की मांग कर रहे हैं, जो वर्तमान में विशिष्ट समूहों के लिए पद आरक्षित करता है, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वालों के वंशज भी शामिल हैं.
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को तनाव चरम पर पहुंच गया, क्योंकि ढाका में विभिन्न स्थानों पर छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हुई. ब्राक यूनिवर्सिटी के पास मेरुल बड्डा में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को जबरन अवरुद्ध कर दिया और पुलिस के साथ हिंसक झड़प की, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग घायल हो गए. बाद में, पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया, जिससे इलाके में यातायात में काफी व्यवधान हुआ.
बांग्लादेश में हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शन कोटा प्रणाली से असंतोष के कारण हुए हैं, जो विशिष्ट समूहों के लिए सिविल सेवा पदों को आरक्षित करता है. यह प्रणाली वर्षों से एक विवादास्पद मुद्दा रही है, जो कोटा प्रणाली और शांतिपूर्ण छात्र आंदोलनों के प्रति कानून प्रवर्तन की प्रतिक्रिया दोनों पर निराशा को दर्शाती है.