कोटा. गुजरात के राजकोट से चुनाव लड़ रहे भाजपा प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला के बयान से देशभर के राजपूत समाज में रोष है. जगह-जगह अब यह मांग भी की जा रही है कि पुरुषोत्तम रुपाला की उम्मीदवारी भाजपा से रद्द की जाए. इसको लेकर कोटा - बूंदी लोकसभा सीट पर भी विरोध प्रदर्शन जारी है. राजपूत समाज के कुछ संगठन सक्रिय होकर पूरे देश में काम कर रहे हैं और वो बीजेपी को वोट नहीं देने की शपथ लोगों को दिला रहे हैं.
दूसरी तरफ, कोटा - बूंदी लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इस मामले में अपनी बात रखी हैं. उन्होंने पुरुषोत्तम रुपाला के बयान को व्यक्तिगत बताया है और इसके संबंध में सोशल मीडिया पर पोस्ट भी शेयर की है. बिरला ने सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक पर लिखा है कि "केंद्रीय मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला द्वारा विगत दिनों दिया गया बयान, उनकी व्यक्तिगत अभिव्यक्ति है. भारतीय जनता पार्टी का इससे कोई संबंध नहीं है. कोटा- बूंदी का राजपूत समाज मेरा अपना परिवार है. सुख-दुख की प्रत्येक घड़ी में, मैं उनके साथ रहा हूं. समाज ने भी मुझे सदैव अपनत्व, प्रेम और स्नेह प्रदान किया है."
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हालांकि, राजपूत समाज लगातार कोटा में अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन कर रहा है. कोटा में रुपाला का पुतला भी दहन किया गया. इसके अलावा बूंदी में कुछ जगहों पर राजपूत समाज के लोगों को एकत्रित कर महिपाल सिंह मकराना ने शपथ दिलाई कि बीजेपी को वोट नहीं करेंगे. इसके चलते ही बिरला को अपनी सफाई देनी पड़ी है.
कोटा - बूंदी में एक लाख राजपूत वोटर : इधर, श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष मंजीत सिंह नाथावत का कहना है कि कोटा-बूंदी लोकसभा सीट पर एक लाख के आसपास राजपूत समाज के वोटर हैं. राजपूत वोटर आम रूप से भाजपा के साथ ही खड़ा होता है, लेकिन भाजपा ने रुपाला का टिकट नहीं काटा है. इसलिए राजपूत समाज अब भाजपा का बहिष्कार करेगा. इसके लिए लगातार मीटिंग और विरोध प्रदर्शन किया जाता रहेगा. बूंदी में राजपूतों को शपथ भी राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने आकर दिलाई थी. उन्होंने कहा कि हम 20 अप्रैल के पहले कोटा में राजपूत समाज की एक बड़ी बैठक रखने वाले हैं.