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राहत की खबर: कोटा थर्मल की सातों यूनिट में फिर शुरू हुआ उत्पादन, जीएसएस में फॉल्ट के चलते यूनिटें हो गई थी ट्रिप - Kota Thermal Power Plant - KOTA THERMAL POWER PLANT

कोटा थर्मल पावर और जवाहर सागर डैम जल विद्युत परियोजना प्लांट की सभी यूनिट्स ने अचानक काम करना बंद करने से परेशान लोगों को आज सुबह राहत मिल गई. सुबह 6 बजे तक सभी यूनिट्स चालू हो गई है. शुक्रवार रात को आंधी और इसके साथ शुरू हुई बारिश के चलते फॉल्ट आया था.

सातों यूनिट में फिर शुरू हुआ उत्पादन
सातों यूनिट में फिर शुरू हुआ उत्पादन
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 30, 2024, 7:25 AM IST

Updated : Mar 30, 2024, 8:06 AM IST

कोटा. थर्मल पावर प्लांट की सातों यूनिट्स के बंद होने के चलते कई जिलों में बिजली संकट गहरा गया था. शुक्रवार को रात 8 बजे के बाद कोटा थर्मल की सारी 7 यूनिट्स बंद हो गई. इसके साथ ही जवाहर सागर डैम स्थित जल विद्युत परियोजना का प्लांट भी बंद हो गया था. इसमें चल रही तीनों यूनिट में फॉल्ट आ गया था. दोनों को मिलाकर करीब 1300 मेगावाट के आसपास उत्पादन हो रहा था, जिसमें कोटा थर्मल का उत्पादन 1200 मेगावाट से ज्यादा था.

इस पावर प्लांट से बिजली सप्लाई कोटा और बूंदी के अलावा अन्य जिलों में भी की जा रही थी. जहां पर कई गांव, कस्बे और शहर का हिस्सा अंधेरे में डूब गए थे. कोटा थर्मल के मुख्य अभियंता एके आर्य का कहना है कि कोटा थर्मल की यूनिट सकतपुर स्थित राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के 220 केवी के जीएसएस में आए फाल्ट के चलते ट्रिप हुई है. इसके बाद एक-एक कर सभी यूनिट्स को लाइटअप किया गया है. सुबह 6:00 तक सभी सातों यूनिट को चालू कर दिया है और उनसे 1200 मेगावाट के आसपास उत्पादन भी शुरू हो गया है.

पढ़ें: कोटा थर्मल की सातों यूनिट में उत्पादन हुआ बंद, अंधेरे में डूबे कोटा, बूंदी सहित अन्य जिले - All Units Stoped Of Kota Thermal

इसलिए आया था फॉल्ट, लग गई थी आग: थर्मल पावर प्लांट में बिजली उत्पादन बंद होने से कोटा शहर और बूंदी के आसपास अन्य जिलों में भी विद्युत सप्लाई बाधित हुई थी. आधे से ज्यादा कोटा शहर अंधेरे में डूब गया था. राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के सकतपुरा स्थित 220 केवी के जीएसएस पर शुक्रवार रात को आंधी और इसके साथ शुरू हुई बारिश के चलते फॉल्ट आया था. यह फॉल्ट इतना भयंकर था कि विस्फोट के साथ जीएसएस पर आग भी लग गई थी. कोटा थर्मल के मुख्य अभियंता एके आर्य का कहना है कि थर्मल से उत्पादित बिजली वहां भेजी जा रही थी, जिसको रिसीव करने का सिस्टम बंद हो गया. इसी के चलते थर्मल की सभी यूनिट्स अचानक बंद हो गई है. जीएसएस पर विस्फोट के बाद हुए फॉल्ट और विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर देर रात 11:00 बजे ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर भी जीएसएस पर पहुंचे. साथ ही अधिकारियों से उन्होंने घटना की जानकारी ली और विद्युत आपूर्ति तुरंत सुचारु करने के निर्देश दिए थे.

पूरी रात एक यूनिट को करते रहे चालू : देर रात 8:00 बजे के आसपास हुए फॉल्ट के बाद कोटा थर्मल को अपनी यूनिट को लाइट अप करने के लिए भी बिजली उपलब्ध नहीं हो पा रही थी. ऐसे में शुरुआत में 6 व 7 नम्बर की यूनिट को जनरेटर की मदद से लाइट अप किया गया. चीफ इंजीनियर आर्य का कहना है कि देर रात 6 व 7 नम्बर की यूनिट से रात 1:00 बजे के आसपास उत्पादन शुरू हो गया, जिसके बाद सुबह 4:00 बजे एक, तीन और पांच नंबर की यूनिट को लाइट अप किया गया. चार नंबर की यूनिट सुबह 5:00 बजे और दो नंबर यूनिट सुबह 6:00 बजे लाइट अप की गई है.

कोटा. थर्मल पावर प्लांट की सातों यूनिट्स के बंद होने के चलते कई जिलों में बिजली संकट गहरा गया था. शुक्रवार को रात 8 बजे के बाद कोटा थर्मल की सारी 7 यूनिट्स बंद हो गई. इसके साथ ही जवाहर सागर डैम स्थित जल विद्युत परियोजना का प्लांट भी बंद हो गया था. इसमें चल रही तीनों यूनिट में फॉल्ट आ गया था. दोनों को मिलाकर करीब 1300 मेगावाट के आसपास उत्पादन हो रहा था, जिसमें कोटा थर्मल का उत्पादन 1200 मेगावाट से ज्यादा था.

इस पावर प्लांट से बिजली सप्लाई कोटा और बूंदी के अलावा अन्य जिलों में भी की जा रही थी. जहां पर कई गांव, कस्बे और शहर का हिस्सा अंधेरे में डूब गए थे. कोटा थर्मल के मुख्य अभियंता एके आर्य का कहना है कि कोटा थर्मल की यूनिट सकतपुर स्थित राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के 220 केवी के जीएसएस में आए फाल्ट के चलते ट्रिप हुई है. इसके बाद एक-एक कर सभी यूनिट्स को लाइटअप किया गया है. सुबह 6:00 तक सभी सातों यूनिट को चालू कर दिया है और उनसे 1200 मेगावाट के आसपास उत्पादन भी शुरू हो गया है.

पढ़ें: कोटा थर्मल की सातों यूनिट में उत्पादन हुआ बंद, अंधेरे में डूबे कोटा, बूंदी सहित अन्य जिले - All Units Stoped Of Kota Thermal

इसलिए आया था फॉल्ट, लग गई थी आग: थर्मल पावर प्लांट में बिजली उत्पादन बंद होने से कोटा शहर और बूंदी के आसपास अन्य जिलों में भी विद्युत सप्लाई बाधित हुई थी. आधे से ज्यादा कोटा शहर अंधेरे में डूब गया था. राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के सकतपुरा स्थित 220 केवी के जीएसएस पर शुक्रवार रात को आंधी और इसके साथ शुरू हुई बारिश के चलते फॉल्ट आया था. यह फॉल्ट इतना भयंकर था कि विस्फोट के साथ जीएसएस पर आग भी लग गई थी. कोटा थर्मल के मुख्य अभियंता एके आर्य का कहना है कि थर्मल से उत्पादित बिजली वहां भेजी जा रही थी, जिसको रिसीव करने का सिस्टम बंद हो गया. इसी के चलते थर्मल की सभी यूनिट्स अचानक बंद हो गई है. जीएसएस पर विस्फोट के बाद हुए फॉल्ट और विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर देर रात 11:00 बजे ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर भी जीएसएस पर पहुंचे. साथ ही अधिकारियों से उन्होंने घटना की जानकारी ली और विद्युत आपूर्ति तुरंत सुचारु करने के निर्देश दिए थे.

पूरी रात एक यूनिट को करते रहे चालू : देर रात 8:00 बजे के आसपास हुए फॉल्ट के बाद कोटा थर्मल को अपनी यूनिट को लाइट अप करने के लिए भी बिजली उपलब्ध नहीं हो पा रही थी. ऐसे में शुरुआत में 6 व 7 नम्बर की यूनिट को जनरेटर की मदद से लाइट अप किया गया. चीफ इंजीनियर आर्य का कहना है कि देर रात 6 व 7 नम्बर की यूनिट से रात 1:00 बजे के आसपास उत्पादन शुरू हो गया, जिसके बाद सुबह 4:00 बजे एक, तीन और पांच नंबर की यूनिट को लाइट अप किया गया. चार नंबर की यूनिट सुबह 5:00 बजे और दो नंबर यूनिट सुबह 6:00 बजे लाइट अप की गई है.

Last Updated : Mar 30, 2024, 8:06 AM IST
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