लखनऊः देश की दो सबसे हाई प्रोफाइल सीटों में शामिल उत्तर प्रदेश की रायबरेली और अमेठी सीट पर कौन प्रत्याशी होगा, इसको लेकर देश में चर्चाओं का बाजार गर्म है. इसी बीच अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की लिए रॉबर्ट वाड्रा ने इच्छा जाहिर की है. अपने जारी एक बयान में उन्होंने कहा है कि लोग चाहते हैं कि मैं राजनीति में आऊं. अगर मुझे मौका मिलता है, तो मैं अमेठी की जनता के बीच जाकर उनके लिए काम करना चाहूंगा. उन्होंने कहा कि मैं 1999 में प्रियंका गांधी के साथ मिलकर अमेठी में सबसे पहले चुनावी प्रचार शुरू किया था.
तब से लेकर लगातार अमेठी, रायबरेली, जगदीशपुर व सुल्तानपुर में सक्रिय रहा हूं. आज भी अमेठी की जनता मुझसे जुड़ी है. लोग मुझे मेरे जन्मदिन पर तीज त्योहार पर संपर्क करते हैं. लोगों की इच्छाओं के अनुरूप अगर मैं राजनीति में अपना पहला कदम रखता हूं और सांसद बनने की सोचता हूं, तो अमेठी को ही रिप्रेजेंट करूं. रॉबर्ट वाड्रा के इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीतिक गलियारे में उनके अमेठी से चुनाव लड़ने की बात शुरू हो गई है.
एएनआई को दिए बयान में कहा कि मैं अमेठी के लोगों को, रायबरेली के लोगों को जरूर देखो चाहूंगा कि कोई भी उनको रिप्रेजेंट करें जो भी वहां का सांसद हो वह उनकी प्रगति की बात करें. उनके अच्छाई की बात करें और सुरक्षा की बात करें और भेदभाव की राजनीति न करें, क्योंकि जो वहाँ कि अभी सांसद हैं उनसे वह अमेठी के लोग बहुत परेशान हैं. और अमेठी में उनको लगा है कि गलती हुई, क्योंकि उनका मेरे ख्याल से ज्यादा वहां आना-जाना नहीं है. वहां कुछ प्रगति के बारे में नहीं सोच रहे हैं, बस हो यह देखने की गांधी परिवार के ऊपर कैसे कोई भी बुनियाद सवाल उठाए इल्जाम लगाए. और बस शोर शराबा करें और अपनी पोजीशन का गलत इस्तेमाल करें. तो मैं देखता हूं कि ज्यादातर वह उसी में लगी हुई है और क्योंकि बरसों से गांधी परिवार ने अमेठी, रायबरेली, सुल्तानपुर जगदीशपुर उन सारे एरिया में मेहनत से काम किया.
लोगों के बहुत ही प्रगति हुई, मैं फिर से कहूंगा कि जब अमेठी के लोगों को लग रहा है कि उन्होंने गलती की स्मृति जी को जिताया और और राहुल को वहां से जो भी है की दूसरी कांस्टीट्यूएंसी खोजने पड़ी यह जो भी है, मुझे लग रहा है कि वह चाहते हैं कि गांधी परिवार का कोई भी सदस्य वापस आएं. वह उसे भारी बहुमत से जीतेंगे यहां तक कि वह मेरे से भी प्रेरणा करते हैं और आशा करते हैं कि मैं वहां अपना पहला कदम अगर राजनीति में रखता हूं और सांसद बनने की सोचता हूं तुम्हें अमेठी को ही रिप्रेजेंट करू. क्योंकि मैंने 99 से अपनी जो प्रचार शुरू प्रियंका के साथ शुरू किया वह अमेठी नहीं था.
और वह उसे समय की तो राजनीति और पॉलिटिक्स बहुत अलग थी क्योंकि वहां संजय सिंह थे वहां पर दहशत फैलाई हुई थी. हम लोग रात भर संवेदनशील एरियाज में होते थे और वहां पोस्टर लगाई और बस्ते बाटे और अपने कार्यकर्ता के साथ दिनभर रात भर मेहनत की उनका हौसला और भरोसा दिलाया कि हम लोग हैं. और वह डेट रहे. अपने जो भी उनकी एरिया है कांस्टीट्यूएंसी है जो उनका बूथ है. उसके ऊपर पूरा भरोसा करते रहे तो उनको पता है कि हमने कितनी मेहनत की और कितना भाईचारा और प्रेम था और अभी भी है और वहां के लोग जिनके साथ मैं काम किया मेहनत की वह अभी से अभी भी मेरे घर के बाहर, दफ्तर के बाहर सोशल मीडिया के द्वारा वह में से मैसेज भेजते हैं.
मेरे जन्मदिन पर वह केक काटते हैं और लोगों को कोई कुछ ना कुछ लंगर वगैरा या सेवा करते हैं. क्योंकि उनको पता है वही चीज मुझे पसंद है, क्योंकि देश भर में लोग देखते हैं कि मैं लोगों के बीच में रहता हूं और विकलांग लोगों को और अंधे बच्चों के साथ जितनी मेहनत में कर सकता हूं और जो भी चैरिटी में पूरे समय अपना निकलता हूं. और मेरा धार्मिक दौर होता है अब तो वह लोग भी जरूर मेरे जन्मदिन और अलग-अलग त्यौहार मेरे नाम से बनाते हैं और कुछ ना कुछ वहां के लोगों को बताते हैं.यूपी कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन सीपी राय ने इस पर कोई भी बयान देने से इनकार कर दिया.