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हर्बल टी का हब बनेगा उत्तराखंड, टिहरी की प्रियंका ने तैयार किए 105 तरह की चाय के फार्मूले, जापान से मिला ऑर्डर - VEDAVI HERBAL TEA

Uttarakhand Vedavi Herbal Tea देश में युवा नए आइडियाज के साथ उद्यमिता के क्षेत्र में कदम बढ़ा रहे हैं. उत्तराखंड की प्रियंका भी कुछ ऐसे ही फॉर्मूलों के साथ हर्बल टी के बाजार में उतर गई हैं. खास बात यह है कि करीब 3 साल की रिसर्च के बाद उन्होंने लोगों को 105 तरह की हर्बल चाय पिलाने का प्लान तैयार किया है. प्रियंका को ना केवल देहरादून और देश के कई दूसरे राज्यों से बेहतर रिस्पॉन्स मिल रहा है, बल्कि जापान से भी, उन्हें पहला आर्डर मिल गया है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 11, 2024, 1:49 PM IST

Updated : Jul 12, 2024, 6:33 PM IST

Uttarakhand Herbal Tea
हर्बल टी के रूप प्रसिद्ध होगा उत्तराखंड (photo- ETV Bharat)
टिहरी की प्रियंका ने हर्बल चाय के क्षेत्र में बड़ी क्रांति लाने की कोशिश (video-ETV Bharat)

देहरादून: कोरोना काल में जब काम धंधों की बंदी का दौर चल रहा था, तब कुछ युवा परिस्थितियों के लिहाज से नए काम धंधों के आइडियाज पर विचार कर रहे थे. मूल रूप से टिहरी में थौलधार ब्लॉक की रहने वाली प्रियंका भी अपने पति हिम्मत बिष्ट के साथ इसी चर्चा में जुटी थी. यह वो समय था जब लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद के उत्पादों का सेवन कर रहे थे. बॉटनी से एमएससी की पढ़ाई कर चुकी प्रियंका ने हर्बल उत्पादों को चाय के क्षेत्र में आगे बढ़ाने का फैसला लिया और इसके लिए प्रियंका ने रिसर्च का काम शुरू कर दिया. रिसर्च के साथ करीब 105 तरह की चाय के फार्मूले तैयार कर लिए. हालांकि अभी प्रियंका ने 18 तरह की चाय बाजार में लॉन्च की हैं, जिन्हें वह सेहत वाली चाय का नाम देती हैं.

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औषधीय उत्पादों के मिश्रण से चाय का निर्माण (photo- ETV Bharat)

वेदावी हर्बल टी के नाम से उत्पाद: 37 वर्षीय प्रियंका बिष्ट ने वेदावी हर्बल टी के नाम से अपने उत्पाद को बाजार में उतारे हैं. हालांकि प्रियंका अभी शुरुआत कर रही हैं और उन्होंने ऑनलाइन अपने उत्पाद को लोगों तक पहुंचाने की व्यवस्था की है. लेकिन जिस तरह प्रियंका को देहरादून समेत देश के अलग-अलग शहरों से रिस्पांस मिल रहा है, उससे वह बेहद उत्साहित हैं. प्रियंका के पति हिम्मत बिष्ट कहते हैं कि वेदावी हर्बल टी को जापान से भी एक आर्डर मिला है, लेकिन विदेशों तक उत्पादन को पहुंचाने के लिए फिलहाल उनकी तरफ से औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है, ताकि यह उत्पाद देश से निकालकर दूसरे देशों तक पहुंचाया जा सके.

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वेदावी हर्बल टी के नाम से उत्पाद (photo- ETV Bharat)

औषधीय उत्पादों के मिश्रण से चाय का निर्माण: प्रियंका का हर्बल टी को लेकर मकसद लोगों को सेहत वाली चाय पहुंचाना है और इसी कॉन्सेप्ट के साथ उन्होंने स्टार्टअप को शुरू किया है. उन्होंने जितनी भी चाय बाजार में उतारी हैं, वो सभी सेहत के लिहाज से किसी न किसी रूप में खास हैं. बात देवभूमि हर्बल टी की हो या कैमोमाइल टी, हॉट टी, ब्लू टी, लैवंडर टी, ब्लैक, ग्रीन, वाइट टी, हिबिस्कस और आइस टी की हर चाय अपने आप में खास है. मोटापा, दिल के मरीज, डायबिटीज, पाचन, वात-पित्त-कफ का संतुलन, त्वचा, हेयर हेल्थ समेत कई रोगों को देखते हुए औषधीय उत्पादों के मिश्रण से चाय का निर्माण किया जाता है.

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हर्बल टी को बनाने में बुरांश पुष्प और घास का होता है उपयोग (photo- ETV Bharat)

बुरांश पुष्प और घास का होता है उपयोग: इस दौरान उत्तराखंड के कई उत्पादों का चाय के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसमें उत्तराखंड में बहुतायत में मिलने वाली कंडाली घास, बुरांश पुष्प, कैमोमाइल, गुलाब, रोस्पेटल्स, अश्वगंधा, तुलसी और पुदीना समेत करीब 60 से 70 तरह की जड़ी बूटियां इस्तेमाल में लाई जाती हैं. इसके अलावा कश्मीर, हिमाचल और कोलकाता से लेकर नॉर्थ ईस्ट के कुछ राज्यों से भी जड़ी बूटियों के बेहतर उत्पादों को लाया जाता है.

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प्रियंंका को जापान से हर्बल चाय का मिला ऑर्डर (photo- ETV Bharat)

हर्बल चाय बनाने की प्रक्रिया का ये है फार्मूला: प्रियंका हर्बल चाय बनाने की प्रक्रिया को बेहद बारीकी से मॉनिटर करती हैं. इसमें उत्तराखंड समेत बाकी राज्यों से कुछ गुणवत्ता युक्त जड़ी बूटियों को मंगाना, इसके बाद उनकी क्वालिटी को चेक करना, अगले चरण में रॉ उत्पाद को फिल्टर करना, इन्हें पूरी तरह साफ करना, सुखाना और फिर पैक करना शामिल है. इसके बाद जरूरत के हिसाब से उत्पादन का मिश्रण तैयार करना और फार्मूले के आधार पर चाय तैयार करना शामिल है.

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प्रियंका ने 18 तरह की चाय बाजार में लॉन्च की (photo- ETV Bharat)

चाय के स्वाद उसके सुगंध और पैकिंग पर विशेष काम: प्रियंका ने चाय का फार्मूला बनाते समय इस बात का खास ख्याल रखा कि हर्बल उत्पाद को हर आयु वर्ग का व्यक्ति पसंद कर सके. इसमें दूध वाली चाय से लेकर बाकी तरह की चाय के लिए भी अलग-अलग फार्मूले तैयार हुए हैं. इस दौरान चाय के मिश्रण में जड़ी बूटी और औषधि उत्पाद के अलावा किसी भी उत्पाद को नहीं मिलाया जाता, जबकि चाय के मिश्रण को तैयार करते समय स्वाद का विशेष तौर पर ख्याल रखा गया है. इसके अतिरिक्त चाय की सुगंध भी आकर्षक रहे, इसके लिए विशेष जड़ी बूटियां का इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि किसी भी उत्पाद के लिए सबसे महत्वपूर्ण उसकी पैकिंग पर भी प्रियंका ने खास ध्यान दिया है. हर्बल चाय की पैकिंग को खास डिजाइन किया गया है, इसमें गिफ्ट पैक से लेकर डिलीवरी ऑन डिमांड वाली पैकिंग भी खास बनाई गई है.

युवाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में किया जा रहा प्रोत्साहित: देश में युवाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में विशेष तौर पर प्रोत्साहित किया जा रहा है और नौकरी के पीछे जाने की बजाय नौकरी देने वाला बनने की बात भी कही जा रही है. प्रियंका ने भी अपने इनोवेटिव आइडियाज के जरिए खुद का स्टार्टअप शुरू करने की पहल की है और युवाओं को भी स्टार्टअप के लिए खुद को तैयार करने का सुझाव दिया है. इसके अलावा प्रियंका ने बाकी युवाओं से भी अपने इस स्टार्टअप से जुड़ने की अपील की है.

हर्बल चाय के हब के रूप में जाना जाएगा उत्तराखंड: प्रियंका का कहना है कि यदि कोई युवा हर्बल चाय को लेकर मार्केटिंग या कच्चे उत्पाद के उत्पादन को लेकर काम करना चाहता है, तो इस क्षेत्र में भी बेहतर मौके हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से चाय के लिए आज असम का नाम लिया जाता है, इसी तरह हर्बल चाय के लिए उत्तराखंड एक गढ़ के रूप में स्थापित होगा. असम में चाय को लेकर रिसर्च के दौरान उन्होंने देखा कि चाय की एक पत्ती से दुनिया भर में करीब 3000 तरह की चाय बन रही हैं, जबकि उत्तराखंड में तो जड़ी बूटी और औषधीय पौधों के हजारों उत्पाद हैं. इन उत्पादों से वह कई तरह की चाय के फार्मूले बनाने पर आगे भी काम करती रहेंगी.

कई लोगों को रोजगार भी दे रहीं प्रियंका: प्रियंका के नए स्टार्टअप से कई लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप से लोकल उत्पाद को खरीद कर वह उन्हें मजबूती दे रही हैं. उनके स्टार्टअप में भी कुछ लोग जुड़कर अपनी रोजी-रोटी को आगे बढ़ा रहे हैं. प्रियंका का कहना है कि अभी 3 साल की रिसर्च के बाद उन्होंने काम की शुरुआत की है. इसलिए अभी कुछ ही लोग उनसे जुड़े हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हर्बल टी के इस बाजार को वह काफी ऊंचाइ पर ले जाएंगी, जो आने वाले समय में एक बड़ा व्यवसाय बनकर उभरेगा.

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टिहरी की प्रियंका ने हर्बल चाय के क्षेत्र में बड़ी क्रांति लाने की कोशिश (video-ETV Bharat)

देहरादून: कोरोना काल में जब काम धंधों की बंदी का दौर चल रहा था, तब कुछ युवा परिस्थितियों के लिहाज से नए काम धंधों के आइडियाज पर विचार कर रहे थे. मूल रूप से टिहरी में थौलधार ब्लॉक की रहने वाली प्रियंका भी अपने पति हिम्मत बिष्ट के साथ इसी चर्चा में जुटी थी. यह वो समय था जब लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद के उत्पादों का सेवन कर रहे थे. बॉटनी से एमएससी की पढ़ाई कर चुकी प्रियंका ने हर्बल उत्पादों को चाय के क्षेत्र में आगे बढ़ाने का फैसला लिया और इसके लिए प्रियंका ने रिसर्च का काम शुरू कर दिया. रिसर्च के साथ करीब 105 तरह की चाय के फार्मूले तैयार कर लिए. हालांकि अभी प्रियंका ने 18 तरह की चाय बाजार में लॉन्च की हैं, जिन्हें वह सेहत वाली चाय का नाम देती हैं.

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औषधीय उत्पादों के मिश्रण से चाय का निर्माण (photo- ETV Bharat)

वेदावी हर्बल टी के नाम से उत्पाद: 37 वर्षीय प्रियंका बिष्ट ने वेदावी हर्बल टी के नाम से अपने उत्पाद को बाजार में उतारे हैं. हालांकि प्रियंका अभी शुरुआत कर रही हैं और उन्होंने ऑनलाइन अपने उत्पाद को लोगों तक पहुंचाने की व्यवस्था की है. लेकिन जिस तरह प्रियंका को देहरादून समेत देश के अलग-अलग शहरों से रिस्पांस मिल रहा है, उससे वह बेहद उत्साहित हैं. प्रियंका के पति हिम्मत बिष्ट कहते हैं कि वेदावी हर्बल टी को जापान से भी एक आर्डर मिला है, लेकिन विदेशों तक उत्पादन को पहुंचाने के लिए फिलहाल उनकी तरफ से औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है, ताकि यह उत्पाद देश से निकालकर दूसरे देशों तक पहुंचाया जा सके.

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वेदावी हर्बल टी के नाम से उत्पाद (photo- ETV Bharat)

औषधीय उत्पादों के मिश्रण से चाय का निर्माण: प्रियंका का हर्बल टी को लेकर मकसद लोगों को सेहत वाली चाय पहुंचाना है और इसी कॉन्सेप्ट के साथ उन्होंने स्टार्टअप को शुरू किया है. उन्होंने जितनी भी चाय बाजार में उतारी हैं, वो सभी सेहत के लिहाज से किसी न किसी रूप में खास हैं. बात देवभूमि हर्बल टी की हो या कैमोमाइल टी, हॉट टी, ब्लू टी, लैवंडर टी, ब्लैक, ग्रीन, वाइट टी, हिबिस्कस और आइस टी की हर चाय अपने आप में खास है. मोटापा, दिल के मरीज, डायबिटीज, पाचन, वात-पित्त-कफ का संतुलन, त्वचा, हेयर हेल्थ समेत कई रोगों को देखते हुए औषधीय उत्पादों के मिश्रण से चाय का निर्माण किया जाता है.

Uttarakhand Herbal Tea
हर्बल टी को बनाने में बुरांश पुष्प और घास का होता है उपयोग (photo- ETV Bharat)

बुरांश पुष्प और घास का होता है उपयोग: इस दौरान उत्तराखंड के कई उत्पादों का चाय के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसमें उत्तराखंड में बहुतायत में मिलने वाली कंडाली घास, बुरांश पुष्प, कैमोमाइल, गुलाब, रोस्पेटल्स, अश्वगंधा, तुलसी और पुदीना समेत करीब 60 से 70 तरह की जड़ी बूटियां इस्तेमाल में लाई जाती हैं. इसके अलावा कश्मीर, हिमाचल और कोलकाता से लेकर नॉर्थ ईस्ट के कुछ राज्यों से भी जड़ी बूटियों के बेहतर उत्पादों को लाया जाता है.

Uttarakhand Herbal Tea
प्रियंंका को जापान से हर्बल चाय का मिला ऑर्डर (photo- ETV Bharat)

हर्बल चाय बनाने की प्रक्रिया का ये है फार्मूला: प्रियंका हर्बल चाय बनाने की प्रक्रिया को बेहद बारीकी से मॉनिटर करती हैं. इसमें उत्तराखंड समेत बाकी राज्यों से कुछ गुणवत्ता युक्त जड़ी बूटियों को मंगाना, इसके बाद उनकी क्वालिटी को चेक करना, अगले चरण में रॉ उत्पाद को फिल्टर करना, इन्हें पूरी तरह साफ करना, सुखाना और फिर पैक करना शामिल है. इसके बाद जरूरत के हिसाब से उत्पादन का मिश्रण तैयार करना और फार्मूले के आधार पर चाय तैयार करना शामिल है.

Uttarakhand Herbal Tea
प्रियंका ने 18 तरह की चाय बाजार में लॉन्च की (photo- ETV Bharat)

चाय के स्वाद उसके सुगंध और पैकिंग पर विशेष काम: प्रियंका ने चाय का फार्मूला बनाते समय इस बात का खास ख्याल रखा कि हर्बल उत्पाद को हर आयु वर्ग का व्यक्ति पसंद कर सके. इसमें दूध वाली चाय से लेकर बाकी तरह की चाय के लिए भी अलग-अलग फार्मूले तैयार हुए हैं. इस दौरान चाय के मिश्रण में जड़ी बूटी और औषधि उत्पाद के अलावा किसी भी उत्पाद को नहीं मिलाया जाता, जबकि चाय के मिश्रण को तैयार करते समय स्वाद का विशेष तौर पर ख्याल रखा गया है. इसके अतिरिक्त चाय की सुगंध भी आकर्षक रहे, इसके लिए विशेष जड़ी बूटियां का इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि किसी भी उत्पाद के लिए सबसे महत्वपूर्ण उसकी पैकिंग पर भी प्रियंका ने खास ध्यान दिया है. हर्बल चाय की पैकिंग को खास डिजाइन किया गया है, इसमें गिफ्ट पैक से लेकर डिलीवरी ऑन डिमांड वाली पैकिंग भी खास बनाई गई है.

युवाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में किया जा रहा प्रोत्साहित: देश में युवाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में विशेष तौर पर प्रोत्साहित किया जा रहा है और नौकरी के पीछे जाने की बजाय नौकरी देने वाला बनने की बात भी कही जा रही है. प्रियंका ने भी अपने इनोवेटिव आइडियाज के जरिए खुद का स्टार्टअप शुरू करने की पहल की है और युवाओं को भी स्टार्टअप के लिए खुद को तैयार करने का सुझाव दिया है. इसके अलावा प्रियंका ने बाकी युवाओं से भी अपने इस स्टार्टअप से जुड़ने की अपील की है.

हर्बल चाय के हब के रूप में जाना जाएगा उत्तराखंड: प्रियंका का कहना है कि यदि कोई युवा हर्बल चाय को लेकर मार्केटिंग या कच्चे उत्पाद के उत्पादन को लेकर काम करना चाहता है, तो इस क्षेत्र में भी बेहतर मौके हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से चाय के लिए आज असम का नाम लिया जाता है, इसी तरह हर्बल चाय के लिए उत्तराखंड एक गढ़ के रूप में स्थापित होगा. असम में चाय को लेकर रिसर्च के दौरान उन्होंने देखा कि चाय की एक पत्ती से दुनिया भर में करीब 3000 तरह की चाय बन रही हैं, जबकि उत्तराखंड में तो जड़ी बूटी और औषधीय पौधों के हजारों उत्पाद हैं. इन उत्पादों से वह कई तरह की चाय के फार्मूले बनाने पर आगे भी काम करती रहेंगी.

कई लोगों को रोजगार भी दे रहीं प्रियंका: प्रियंका के नए स्टार्टअप से कई लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप से लोकल उत्पाद को खरीद कर वह उन्हें मजबूती दे रही हैं. उनके स्टार्टअप में भी कुछ लोग जुड़कर अपनी रोजी-रोटी को आगे बढ़ा रहे हैं. प्रियंका का कहना है कि अभी 3 साल की रिसर्च के बाद उन्होंने काम की शुरुआत की है. इसलिए अभी कुछ ही लोग उनसे जुड़े हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हर्बल टी के इस बाजार को वह काफी ऊंचाइ पर ले जाएंगी, जो आने वाले समय में एक बड़ा व्यवसाय बनकर उभरेगा.

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Last Updated : Jul 12, 2024, 6:33 PM IST
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