नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अक्टूबर 2024 को नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) परिसर में जन औषधि केंद्र का उद्घाटन करेंगे. इस समारोह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी शामिल होंगे. जन औषधि केंद्र का एम्स परिसर में खोलने का मुख्य उद्देश्य लोगों को सस्ती और अच्छी दवाइयां उचित मूल्य पर उपलब्ध कराना है.
एम्स में जन औषधि केंद्र खुलने से यहां इलाज के लिए आने वाले हजारों मरीजों को फायदा होगा. इस केंद्र से एम्स की ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले मरीजों और गंभीर बीमारियों का इलाज करा रहे मरीजों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध हो सकेंगी.
सस्ती मिलेंगी दवाएं
यह जन औषधि केंद्र 1,724 वर्ग फीट के एक भवन में स्थापित किया गया है. इसमें गुणवत्ता वाली लगभग 2047 दवाइयों के साथ साथ 300 सर्जिकल इक्विपमेंट भी बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे. ये सभी प्रोडक्ट बाजार में बिक रहे उत्पादों की तुलना में 50 से 90 फीसदी तक सस्ते मिलेंगे.
यहां उपलब्ध दवाएं हृदय रोग, ब्लड प्रेशर, संक्रामक रोग, एलर्जी, जठरांत्र संबंधी समस्याएं, कैंसर उपचार, इत्यादि में काम आएंगी. इसके अतिरिक्त आम मरीजों को आयुर्वेदिक और न्यूट्रास्यूटिकल्स जैसे गुणवत्ता के कई उत्पाद सस्ती दरों पर उपलब्ध होंगे.
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) के तहत खुलने जा रहे इस केंद्र से हर रोज 1,000 से अधिक रोगियों को सीधा लाभ मिलेगा. अत्याधुनिक ट्रीटमेंट और एक्सपर्ट केयर के लिए प्रसिद्ध एम्स जैसे अस्पताल में यह केंद्र आशा की किरण के रूप में काम करेगा, हर व्यक्ति के लिए उनकी आर्थिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना समान स्वास्थ्य देखभाल की दिशा में मार्ग प्रशस्त करेगा.
देश भर में 14,000 से अधिक जन औषधि केंद्र
बता दें कि इस समय देश भर में 14,000 से अधिक जन औषधि केंद्र कार्यरत हैं, जो हर दिन लगभग दस लाख लोगों को सस्ती और अच्छी दवाइयां पहुंचा कर लाभ पहुंचा रहे हैं. ये केंद्र देश के लगभग सभी जिले में अपनी स्वस्थ सेवाओं को पहुंचा रहें हैं, यहां तक कि सबसे दूरदराज और कम सेवा वाले क्षेत्रों तक भी पहुंच गए हैं और 780 से अधिक जिलों को कवर कर हैं. भारत सरकार ने अगले दो साल में इन केंद्रों की संख्या को बढ़ाकर 25,000 करने का लक्ष्य रखा है.
मरीजों के लिए आशा की किरण
इस संबंध में AIIMS ने कहा कि जन औषधि केंद्र का उद्घाटन भारत की हेल्थ सर्विस को नया आकार देने के फार्मासूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑ इंडिया के निरंतर प्रयासों में से एक ऐतिहासिक प्रयास साबित होगा. यह केंद्र केवल मौजूदा सुविधाओं में ही वृद्धि नहीं है, बल्कि यह नई दिल्ली में किफायती दवाइयों के विकल्पों की तलाश करने वाले असंख्य मरीजों के लिए आशा की एक बड़ी किरण है.
बयान में कहा गया है कि इससे ब्रांडेड कंपनियों की तुलना में बहुत कम कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाली जनेरिक दवाएं उपलब्ध कराकर, यह पहल उन लोगों के लिए लाभकारी साबित होगी, जो लंबे समय से दवाइयों के खर्चों से जूझ रहे हैं. यह पहल सरकार की स्वास्थ्य समानता को बढ़ावा देने की मजबूत प्रतिबद्धता को भी पुष्ट करती है. यह एक ऐसे समाज की दृष्टि को दर्शाती है जहां हर व्यक्ति, शहरी केंद्रों से लेकर सबसे दूरदराज के गांवों तक बिना वित्तीय बोझ के आवश्यक दवाएं हासिल कर सके.
एम्स परिसर में खुल रहे इस जन औषधि केंद्र से सस्ती और अच्छी दवाइयों की उपलब्धता देश की हेल्थ सर्विस में एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा, क्यूंकि इस केंद्र से मरीजों को बाजार में बिक रहे उत्पादों की तुलना में 50 से 90 फीसदी तक सस्ती दरों पर दवाएं मिल सकेंगी.