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370 से फायदा कुछ राजनीतिक परिवार को था या जम्मू कश्मीर को: पीएम मोदी

Prime Minister Modi in Srinagar : प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर में कृषि-अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए लगभग 5000 करोड़ रुपये के कार्यक्रम राष्ट्र को समर्पित करेंगे. समग्र कृषि विकास कार्यक्रम' समर्पित दक्ष किसान पोर्टल के माध्यम से जम्मू-कश्मीर में लगभग 2.5 लाख किसानों को कौशल विकास प्रदान करेगा; कार्यक्रम के अंतर्गत लगभग 2000 किसान खिदमत घर भी स्थापित किए जाएंगे.

Prime Minister Modi in Srinagar
पीएम मोदी की फाइल फोटो. (PIB)
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By ANI

Published : Mar 7, 2024, 10:12 AM IST

Updated : Mar 7, 2024, 2:31 PM IST

श्रीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'विकसित भारत, विकसित जम्मू कश्मीर' कार्यक्रम में भाग लेने के लिए गुरुवार को श्रीनगर पहुंचे. प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान 6,400 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का अनावरण किया. अब वह एक जनसभा को संबोधित कर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि धरती पर स्वर्ग आने की अनुभूति शब्दों से परे है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे बताया गया है कि 285 ब्लॉकों के 1 लाख लोग वर्चुअली हमसे जुड़े हैं. मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं. यह नया जम्मू-कश्मीर है जिसका हम दशकों से इंतजार कर रहे थे. क्या वह नया जम्मू-कश्मीर है जिसके लिए डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपना जीवन बलिदान कर दिया. इस नए जम्मू-कश्मीर में उज्ज्वल भविष्य और चुनौतियों से पार पाने का साहस है. आपके प्रसन्न चेहरों को देखकर, देश भर के 140 करोड़ लोग संतुष्ट महसूस कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं 2014 के बाद जब भी यहां आया, मैंने हमेशा कहा है कि मैं ये सभी प्रयास आपका दिल जीतने के लिए कर रहा हूं और मैं देख रहा हूं कि मैं आपका दिल जीतने में कामयाब रहा हूं. मैं कड़ी मेहनत करता रहूंगा. यह मोदी की गारंटी है.

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि अब मेरा अगला मिशन 'वेड इन इंडिया' है. लोगों को जम्मू-कश्मीर आना चाहिए और अपनी शादियों की मेजबानी करनी चाहिए. दुनिया ने देखा है कि कैसे जम्मू-कश्मीर में जी20 का आयोजन किया गया था. एक समय था जब लोग कहते थे, पर्यटन के लिए जम्मू-कश्मीर में कौन जाएगा? आज जम्मू-कश्मीर में पर्यटन सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है. 2023 में 2 करोड़ से ज्यादा पर्यटक यहां आ चुके हैं...अब दुनिया भर से बड़ी-बड़ी हस्तियां भी जम्मू-कश्मीर आ रही हैं..

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि जम्मू-कश्मीर 'परिवारवाद' और भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा शिकार रहा है. यहां की पिछली सरकारों ने हमारे जम्मू-कश्मीर बैंक को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, बैंक को अपने रिश्तेदारों और भतीजों से भर दिया था. परिवारवादियों ने बैंक को बर्बाद कर दिया है. कुप्रबंधन के कारण बैंक को इतना घाटा हुआ है कि आप सभी के हजारों करोड़ रुपये डूबने का खतरा है.

नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रतिबंधों से यह आजादी धारा 370 हटने के बाद आई है. दशकों तक राजनीतिक लाभ के लिए कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को 370 के नाम पर गुमराह किया और देश को गुमराह किया. क्या धारा 370 से जम्मू-कश्मीर को फायदा हुआ या केवल कुछ राजनीतिक परिवार ही इसका फायदा उठा रहे थे?

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को सच्चाई पता चल गई है कि उन्हें गुमराह किया गया था. कुछ परिवारों के फायदे के लिए जम्मू-कश्मीर को जंजीरों में जकड़ कर रखा गया था. आज वहां हैं 370 नहीं, इसलिए जम्मू-कश्मीर के युवाओं की प्रतिभा का पूरा सम्मान हो रहा है. उन्हें नए अवसर मिल रहे हैं. आज यहां सभी के लिए समान अधिकार और समान अवसर हैं.

इस दौरान उन्होंने श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में 'विकसित भारत विकसित जम्मू कश्मीर' कार्यक्रम के दौरान शोपियां, जम्मू, कुपवाड़ा, श्रीनगर, गांदरबल, बांदीपुरा, कठुआ और किश्तवाड़ के लाभार्थियों से बातचीत की.

अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधान निरस्त किये जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी का कश्मीर घाटी का यह पहला दौरा है. अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री यहां श्रीनगर हवाई अड्डे पर उतरे और फिर सेना की 15 या चिनार कोर के मुख्यालय बादामीबाग छावनी के लिए रवाना हो गये. अधिकारियों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी बादामीबाग छावनी में युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर और शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के बाद एक काफिले में गुपकर और जीरो ब्रिज से होते हुए बख्शी स्टेडियम पहुंचेगे, जहां उनका कार्यक्रम निर्धारित है.

इससे पहले पीएमओ की ओर से जानकारी दी गई थी कि पीएम मोदी 12 बजे प्रधानमंत्री बख्शी स्टेडियम, श्रीनगर पहुंचेंगे, जहां वह 'विकसित भारत विकसित जम्मू कश्मीर' कार्यक्रम में भाग लेंगे. कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर में कृषि-अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए लगभग 5000 करोड़ रुपये के कार्यक्रम- 'समग्र कृषि विकास कार्यक्रम' राष्ट्र को समर्पित करेंगे.

वह स्वदेश दर्शन और प्रसाद (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन ड्राइव) योजना के अंतर्गत 1400 करोड़ रुपये से अधिक राशि की पर्यटन क्षेत्र से संबंधित कई परियोजनाओं का शुभारंभ भी करेंगे, इसमें 'हजरतबल तीर्थ का एकीकृत विकास', श्रीनगर परियोजना भी शामिल है.

प्रधानमंत्री 'देखो अपना देश पीपुल्स चॉइस पर्यटन गंतव्य पोल और चलो इंडिया वैश्विक प्रवासी' अभियान भी लॉन्च करेंगे. वह चुनौती आधारित गंतव्य विकास (सीबीडीडी) योजना के अंतर्गत चयनित पर्यटन स्थलों की भी घोषणा करेंगे. इसके अलावा, प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर के लगभग 1000 नए जम्मू-कश्मीर के सरकारी कर्मचारियों को नियुक्ति आदेशों का वितरण करेंगे और विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ बातचीत भी करेंगे, जिनमें उपलब्धि प्राप्त महिलाएं, लखपति दीदियां, किसान, उद्यमी आदि शामिल हैं.

जम्मू-कश्मीर की कृषि-अर्थव्यवस्था को पूर्ण रूप से बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री 'समग्र कृषि विकास कार्यक्रम' (एचएडीपी) राष्ट्र को समर्पित करेंगे. एचएडीपी एक एकीकृत कार्यक्रम है जिसमें जम्मू और कश्मीर में कृषि-अर्थव्यवस्था के तीन प्रमुख क्षेत्र अर्थात बागवानी, कृषि और पशुधन पालन में गतिविधियों के पूर्ण परिदृश्य को सम्मिलित किया गया है.

इस कार्यक्रम की ओर से समर्पित दक्ष किसान पोर्टल के माध्यम से लगभग 2.5 लाख किसानों को कौशल विकास प्रशिक्षण दिए जाने की आशा है. कार्यक्रम के अंतर्गत, लगभग 2000 किसान खिदमत घर स्थापित किए जाएंगे और कृषक समुदाय के कल्याण के लिए मजबूत मूल्य श्रृंखलाओं की स्थापना की जाएंगी. इस कार्यक्रम से रोजगार सृजन होगा जिससे जम्मू-कश्मीर के लाखों सीमांत परिवार लाभान्वित होंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण इन स्थलों पर विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे और सुविधाओं का निर्माण करके देश के प्रमुख तीर्थ और पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के समग्र अनुभव की गुणवत्ता में सुधार करना है. इसके अनुरूप, प्रधानमंत्री 1400 करोड़ रुपये से अधिक राशि की स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजनाओं के अंतर्गत विविध पहल राष्ट्र को समर्पित करेंगे और लॉन्च करेंगे.

प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित की जाने वाली परियोजनाओं में श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में 'हजरतबल तीर्थ का एकीकृत विकास' का विकास, मेघालय के पूर्वोत्तर सर्किट में विकसित की गईं पर्यटन सुविधाएं; बिहार और राजस्थान में आध्यात्मिक सर्किट; बिहार में ग्रामीण एवं तीर्थंकर सर्किट; जोगुलम्बा गडवाल जिला, तेलंगाना में जोगुलम्बा देवी मंदिर का विकास; और अन्नुपुर जिला, मध्य प्रदेश में अमरकंटक मंदिर का विकास सम्मिलित है.

हजरतबल तीर्थ पर तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के निर्माण और उनके समग्र आध्यात्मिक अनुभव की गुणवत्ता में सुधार, के प्रयास स्वरूप 'हजरतबल तीर्थ का एकीकृत विकास' परियोजना क्रियान्वित की गई है. परियोजना के प्रमुख तत्वों में तीर्थस्थल की चारदीवारी के निर्माण सहित पूरे क्षेत्र का स्थल विकास शामिल है; हजरतबल तीर्थ परिसर की रोशनी; तीर्थस्थल के चारों ओर घाटों और देवरी पथों का सुधार; सूफी व्याख्या केंद्र का निर्माण; पर्यटक सुविधा केंद्र का निर्माण; संकेतक की स्थापना; बहुस्तरीय मंजिला कार पार्किंग; सार्वजनिक सुविधा ब्लॉक और तीर्थस्थल के प्रवेश द्वार का निर्माण व अन्य शामिल हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगभग 43 परियोजनाओं का शुभारंभ भी करेंगे जो देश में तीर्थयात्रा और पर्यटक स्थलों की एक विस्तृत श्रृंखला को विकसित करेंगे. इनमें आंध्र प्रदेश के काकीनाडा जिले में अन्नवरम मंदिर, तमिलनाडु के तंजावुर और मयिलादुथुराई जिले और पुडुचेरी के कराईकल जिले में नवग्रह मंदिर; कर्नाटक के मैसूर जिले में श्री चामुंडेश्वरी देवी मंदिर; राजस्थान के बीकानेर जिले में करणी माता मंदिर, हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में मां चिंतपूर्णी मंदिर; गोवा में बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस चर्च महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल शामिल हैं.

परियोजनाओं में अरुणाचल प्रदेश में मेचुका एडवेंचर पार्क, गुंजी, पिथोरागढ़, उत्तराखंड में ग्रामीण पर्यटन क्लस्टर अनुभव; अनंतगिरि वन, अनंतगिरि, तेलंगाना में इकोटूरिज्म जोन; सोहरा, मेघालय में मेघालय युग की गुफा का अनुभव और झरना ट्रेल्स का अनुभव, जोरहाट, असम में सिनामारा टी एस्टेट की परिकल्पना, कांजली वेटलैंड,कपूरथला, पंजाब में इकोटूरिज्म का अनुभव, लेह में जूली लेह जैव विविधता पार्क जैसे विभिन्न अन्य स्थलों और अनुभव केंद्रों का विकास भी शामिल है.

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री चुनौती आधारित गंतव्य विकास (सीबीडीडी) योजना के तहत चयनित 42 पर्यटन स्थलों की घोषणा करेंगे. केंद्रीय बजट 2023-24 के दौरान घोषित की गई अभिनव योजना का उद्देश्य पर्यटन स्थलों के विकास को उत्प्रेरित करके पूर्ण रूप से पर्यटक अनुभव प्रदान करना है, साथ ही स्थिरता को प्रोत्साहन देना है और पर्यटन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा का परिचय कराना है. 42 गंतव्यों की पहचान चार श्रेणियों में की गई है (संस्कृति और विरासत गंतव्य में 16; आध्यात्मिक स्थलों में 11; इकोटूरिज्म और अमृत धरोहर में 10; और वाइब्रेंट विलेज में 5).

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'देखो अपना देश पीपल्स चॉइस 2024' के रूप में पर्यटन पर देश की नब्ज पहचानने की प्रथम राष्ट्रव्यापी पहल का शुभारंभ करेंगे. राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण का उद्देश्य नागरिकों के साथ जुड़कर सबसे पसंदीदा पर्यटक आकर्षणों की पहचान करना और 5 पर्यटन श्रेणियों - आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और विरासत, प्रकृति और वन्य जीवन, साहसिक और अन्य श्रेणियों में पर्यटकों की अवधारणा को समझना है.

चार मुख्य श्रेणियों के अलावा, 'अन्य' श्रेणी वह है जहां कोई अपने व्यक्तिगत पसंदीदा पर्यटन के लिए मतदान कर सकता है. लुप्त पर्यटन आकर्षणों और स्थलों जैसे वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज, वेलनेस टूरिज्म, वेडिंग टूरिज्म आदि का अनावरण करने में सहायता कर सकता है. यह मतदान अभ्यास भारत सरकार के नागरिक सहभागिता पोर्टल मॉयगव प्लेटफॉर्म पर आयोजित किया जा रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय प्रवासियों को अतुलनीय भारत के राजदूत बनने और भारत में पर्यटन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 'चलो इंडिया वैश्विक प्रवासी अभियान' का शुभारंभ करेंगे. यह अभियान प्रधानमंत्री के आह्वान के आधार पर शुरू किया जा रहा है, जिसमें उन्होंने भारतीय प्रवासी सदस्यों से कम से कम 5 गैर-भारतीय मित्रों को भारत भ्रमण के लिए प्रोत्साहित करने का अनुरोध किया. 3 करोड़ से अधिक प्रवासी भारतीयों सहित, भारतीय पर्यटन के लिए प्रवासी भारतीय सांस्कृतिक राजदूत के रूप में कार्य करते हुए एक प्रमुख अग्रदूत के रूप में कार्य कर सकते हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे बताया गया है कि 285 ब्लॉकों के 1 लाख लोग वर्चुअली हमसे जुड़े हैं. मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं. यह नया जम्मू-कश्मीर है जिसका हम दशकों से इंतजार कर रहे थे. क्या वह नया जम्मू-कश्मीर है जिसके लिए डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपना जीवन बलिदान कर दिया. इस नए जम्मू-कश्मीर में उज्ज्वल भविष्य और चुनौतियों से पार पाने का साहस है. आपके प्रसन्न चेहरों को देखकर, देश भर के 140 करोड़ लोग संतुष्ट महसूस कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं 2014 के बाद जब भी यहां आया, मैंने हमेशा कहा है कि मैं ये सभी प्रयास आपका दिल जीतने के लिए कर रहा हूं और मैं देख रहा हूं कि मैं आपका दिल जीतने में कामयाब रहा हूं. मैं कड़ी मेहनत करता रहूंगा. यह मोदी की गारंटी है.

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि अब मेरा अगला मिशन 'वेड इन इंडिया' है. लोगों को जम्मू-कश्मीर आना चाहिए और अपनी शादियों की मेजबानी करनी चाहिए. दुनिया ने देखा है कि कैसे जम्मू-कश्मीर में जी20 का आयोजन किया गया था. एक समय था जब लोग कहते थे, पर्यटन के लिए जम्मू-कश्मीर में कौन जाएगा? आज जम्मू-कश्मीर में पर्यटन सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है. 2023 में 2 करोड़ से ज्यादा पर्यटक यहां आ चुके हैं...अब दुनिया भर से बड़ी-बड़ी हस्तियां भी जम्मू-कश्मीर आ रही हैं..

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि जम्मू-कश्मीर 'परिवारवाद' और भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा शिकार रहा है. यहां की पिछली सरकारों ने हमारे जम्मू-कश्मीर बैंक को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, बैंक को अपने रिश्तेदारों और भतीजों से भर दिया था. परिवारवादियों ने बैंक को बर्बाद कर दिया है. कुप्रबंधन के कारण बैंक को इतना घाटा हुआ है कि आप सभी के हजारों करोड़ रुपये डूबने का खतरा है.

नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रतिबंधों से यह आजादी धारा 370 हटने के बाद आई है. दशकों तक राजनीतिक लाभ के लिए कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को 370 के नाम पर गुमराह किया और देश को गुमराह किया. क्या धारा 370 से जम्मू-कश्मीर को फायदा हुआ या केवल कुछ राजनीतिक परिवार ही इसका फायदा उठा रहे थे?

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को सच्चाई पता चल गई है कि उन्हें गुमराह किया गया था. कुछ परिवारों के फायदे के लिए जम्मू-कश्मीर को जंजीरों में जकड़ कर रखा गया था. आज वहां हैं 370 नहीं, इसलिए जम्मू-कश्मीर के युवाओं की प्रतिभा का पूरा सम्मान हो रहा है. उन्हें नए अवसर मिल रहे हैं. आज यहां सभी के लिए समान अधिकार और समान अवसर हैं.

इस दौरान उन्होंने श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में 'विकसित भारत विकसित जम्मू कश्मीर' कार्यक्रम के दौरान शोपियां, जम्मू, कुपवाड़ा, श्रीनगर, गांदरबल, बांदीपुरा, कठुआ और किश्तवाड़ के लाभार्थियों से बातचीत की.

अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधान निरस्त किये जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी का कश्मीर घाटी का यह पहला दौरा है. अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री यहां श्रीनगर हवाई अड्डे पर उतरे और फिर सेना की 15 या चिनार कोर के मुख्यालय बादामीबाग छावनी के लिए रवाना हो गये. अधिकारियों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी बादामीबाग छावनी में युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर और शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के बाद एक काफिले में गुपकर और जीरो ब्रिज से होते हुए बख्शी स्टेडियम पहुंचेगे, जहां उनका कार्यक्रम निर्धारित है.

इससे पहले पीएमओ की ओर से जानकारी दी गई थी कि पीएम मोदी 12 बजे प्रधानमंत्री बख्शी स्टेडियम, श्रीनगर पहुंचेंगे, जहां वह 'विकसित भारत विकसित जम्मू कश्मीर' कार्यक्रम में भाग लेंगे. कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर में कृषि-अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए लगभग 5000 करोड़ रुपये के कार्यक्रम- 'समग्र कृषि विकास कार्यक्रम' राष्ट्र को समर्पित करेंगे.

वह स्वदेश दर्शन और प्रसाद (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन ड्राइव) योजना के अंतर्गत 1400 करोड़ रुपये से अधिक राशि की पर्यटन क्षेत्र से संबंधित कई परियोजनाओं का शुभारंभ भी करेंगे, इसमें 'हजरतबल तीर्थ का एकीकृत विकास', श्रीनगर परियोजना भी शामिल है.

प्रधानमंत्री 'देखो अपना देश पीपुल्स चॉइस पर्यटन गंतव्य पोल और चलो इंडिया वैश्विक प्रवासी' अभियान भी लॉन्च करेंगे. वह चुनौती आधारित गंतव्य विकास (सीबीडीडी) योजना के अंतर्गत चयनित पर्यटन स्थलों की भी घोषणा करेंगे. इसके अलावा, प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर के लगभग 1000 नए जम्मू-कश्मीर के सरकारी कर्मचारियों को नियुक्ति आदेशों का वितरण करेंगे और विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ बातचीत भी करेंगे, जिनमें उपलब्धि प्राप्त महिलाएं, लखपति दीदियां, किसान, उद्यमी आदि शामिल हैं.

जम्मू-कश्मीर की कृषि-अर्थव्यवस्था को पूर्ण रूप से बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री 'समग्र कृषि विकास कार्यक्रम' (एचएडीपी) राष्ट्र को समर्पित करेंगे. एचएडीपी एक एकीकृत कार्यक्रम है जिसमें जम्मू और कश्मीर में कृषि-अर्थव्यवस्था के तीन प्रमुख क्षेत्र अर्थात बागवानी, कृषि और पशुधन पालन में गतिविधियों के पूर्ण परिदृश्य को सम्मिलित किया गया है.

इस कार्यक्रम की ओर से समर्पित दक्ष किसान पोर्टल के माध्यम से लगभग 2.5 लाख किसानों को कौशल विकास प्रशिक्षण दिए जाने की आशा है. कार्यक्रम के अंतर्गत, लगभग 2000 किसान खिदमत घर स्थापित किए जाएंगे और कृषक समुदाय के कल्याण के लिए मजबूत मूल्य श्रृंखलाओं की स्थापना की जाएंगी. इस कार्यक्रम से रोजगार सृजन होगा जिससे जम्मू-कश्मीर के लाखों सीमांत परिवार लाभान्वित होंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण इन स्थलों पर विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे और सुविधाओं का निर्माण करके देश के प्रमुख तीर्थ और पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के समग्र अनुभव की गुणवत्ता में सुधार करना है. इसके अनुरूप, प्रधानमंत्री 1400 करोड़ रुपये से अधिक राशि की स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजनाओं के अंतर्गत विविध पहल राष्ट्र को समर्पित करेंगे और लॉन्च करेंगे.

प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित की जाने वाली परियोजनाओं में श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में 'हजरतबल तीर्थ का एकीकृत विकास' का विकास, मेघालय के पूर्वोत्तर सर्किट में विकसित की गईं पर्यटन सुविधाएं; बिहार और राजस्थान में आध्यात्मिक सर्किट; बिहार में ग्रामीण एवं तीर्थंकर सर्किट; जोगुलम्बा गडवाल जिला, तेलंगाना में जोगुलम्बा देवी मंदिर का विकास; और अन्नुपुर जिला, मध्य प्रदेश में अमरकंटक मंदिर का विकास सम्मिलित है.

हजरतबल तीर्थ पर तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के निर्माण और उनके समग्र आध्यात्मिक अनुभव की गुणवत्ता में सुधार, के प्रयास स्वरूप 'हजरतबल तीर्थ का एकीकृत विकास' परियोजना क्रियान्वित की गई है. परियोजना के प्रमुख तत्वों में तीर्थस्थल की चारदीवारी के निर्माण सहित पूरे क्षेत्र का स्थल विकास शामिल है; हजरतबल तीर्थ परिसर की रोशनी; तीर्थस्थल के चारों ओर घाटों और देवरी पथों का सुधार; सूफी व्याख्या केंद्र का निर्माण; पर्यटक सुविधा केंद्र का निर्माण; संकेतक की स्थापना; बहुस्तरीय मंजिला कार पार्किंग; सार्वजनिक सुविधा ब्लॉक और तीर्थस्थल के प्रवेश द्वार का निर्माण व अन्य शामिल हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगभग 43 परियोजनाओं का शुभारंभ भी करेंगे जो देश में तीर्थयात्रा और पर्यटक स्थलों की एक विस्तृत श्रृंखला को विकसित करेंगे. इनमें आंध्र प्रदेश के काकीनाडा जिले में अन्नवरम मंदिर, तमिलनाडु के तंजावुर और मयिलादुथुराई जिले और पुडुचेरी के कराईकल जिले में नवग्रह मंदिर; कर्नाटक के मैसूर जिले में श्री चामुंडेश्वरी देवी मंदिर; राजस्थान के बीकानेर जिले में करणी माता मंदिर, हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में मां चिंतपूर्णी मंदिर; गोवा में बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस चर्च महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल शामिल हैं.

परियोजनाओं में अरुणाचल प्रदेश में मेचुका एडवेंचर पार्क, गुंजी, पिथोरागढ़, उत्तराखंड में ग्रामीण पर्यटन क्लस्टर अनुभव; अनंतगिरि वन, अनंतगिरि, तेलंगाना में इकोटूरिज्म जोन; सोहरा, मेघालय में मेघालय युग की गुफा का अनुभव और झरना ट्रेल्स का अनुभव, जोरहाट, असम में सिनामारा टी एस्टेट की परिकल्पना, कांजली वेटलैंड,कपूरथला, पंजाब में इकोटूरिज्म का अनुभव, लेह में जूली लेह जैव विविधता पार्क जैसे विभिन्न अन्य स्थलों और अनुभव केंद्रों का विकास भी शामिल है.

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री चुनौती आधारित गंतव्य विकास (सीबीडीडी) योजना के तहत चयनित 42 पर्यटन स्थलों की घोषणा करेंगे. केंद्रीय बजट 2023-24 के दौरान घोषित की गई अभिनव योजना का उद्देश्य पर्यटन स्थलों के विकास को उत्प्रेरित करके पूर्ण रूप से पर्यटक अनुभव प्रदान करना है, साथ ही स्थिरता को प्रोत्साहन देना है और पर्यटन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा का परिचय कराना है. 42 गंतव्यों की पहचान चार श्रेणियों में की गई है (संस्कृति और विरासत गंतव्य में 16; आध्यात्मिक स्थलों में 11; इकोटूरिज्म और अमृत धरोहर में 10; और वाइब्रेंट विलेज में 5).

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'देखो अपना देश पीपल्स चॉइस 2024' के रूप में पर्यटन पर देश की नब्ज पहचानने की प्रथम राष्ट्रव्यापी पहल का शुभारंभ करेंगे. राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण का उद्देश्य नागरिकों के साथ जुड़कर सबसे पसंदीदा पर्यटक आकर्षणों की पहचान करना और 5 पर्यटन श्रेणियों - आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और विरासत, प्रकृति और वन्य जीवन, साहसिक और अन्य श्रेणियों में पर्यटकों की अवधारणा को समझना है.

चार मुख्य श्रेणियों के अलावा, 'अन्य' श्रेणी वह है जहां कोई अपने व्यक्तिगत पसंदीदा पर्यटन के लिए मतदान कर सकता है. लुप्त पर्यटन आकर्षणों और स्थलों जैसे वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज, वेलनेस टूरिज्म, वेडिंग टूरिज्म आदि का अनावरण करने में सहायता कर सकता है. यह मतदान अभ्यास भारत सरकार के नागरिक सहभागिता पोर्टल मॉयगव प्लेटफॉर्म पर आयोजित किया जा रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय प्रवासियों को अतुलनीय भारत के राजदूत बनने और भारत में पर्यटन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 'चलो इंडिया वैश्विक प्रवासी अभियान' का शुभारंभ करेंगे. यह अभियान प्रधानमंत्री के आह्वान के आधार पर शुरू किया जा रहा है, जिसमें उन्होंने भारतीय प्रवासी सदस्यों से कम से कम 5 गैर-भारतीय मित्रों को भारत भ्रमण के लिए प्रोत्साहित करने का अनुरोध किया. 3 करोड़ से अधिक प्रवासी भारतीयों सहित, भारतीय पर्यटन के लिए प्रवासी भारतीय सांस्कृतिक राजदूत के रूप में कार्य करते हुए एक प्रमुख अग्रदूत के रूप में कार्य कर सकते हैं.

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Last Updated : Mar 7, 2024, 2:31 PM IST
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