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भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू - President address

President Murmu address joint session of Parliament: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई संसद में संयुक्त सत्र को दूसरी बार संबोधित किया. फरवरी में अंतरिम बजट के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने लोकसभा कक्ष में संयुक्त सत्र को संबोधित किया था. पढ़ें ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

President Droupadi Murmu
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (फाइल फोटो) (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 27, 2024, 7:01 AM IST

Updated : Jun 27, 2024, 11:52 AM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज बृहस्पतिवार को नए संसद भवन में संयुक्त सत्र को संबोधित किया. इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. उन्होंने कहा कि देश में छह दशक के बाद पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार बनी है. लोगों ने तीसरी बार इस सरकार पर भरोसा जताया है. लोग जानते हैं कि केवल यही सरकार उनकी आकांक्षाओं को पूरा कर सकती है.

यह नई सरकार के संयुक्त सत्र को पहला संबोधन है. हालांकि, फरवरी में राष्ट्रपति मुर्मू ने पिछली सरकार के अंतरिम बजट के दौरान नई संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया था. नई संसद में कोई केंद्रीय कक्ष नहीं है, जहां से राष्ट्रपति संयुक्त सत्र को संबोधित करतीं हैं, फिर भी लोकसभा कक्ष संयुक्त सत्र के लिए 1,272 सदस्यों को समायोजित करने में सक्षम है. अपने भाषण में राष्ट्रपति मुर्मू कार्य क्षेत्र की रूपरेखा बताएंगी, केंद्र की नई सरकार 2047 तक 'विकसित भारत' बनाने पर जोर देगी.

नया संसद भवन: नए संसद भवन का उद्घाटन पिछले साल 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. नया परिसर षटकोणीय आकार का है और इसे मौजूदा परिसर के बगल में बनाया गया है. इमारत को 150 साल से ज्यादा समय तक चलने के हिसाब से डिजाइन किया गया है. इसे भूकंपरोधी बनाया गया है और इसमें भारत के अलग-अलग हिस्सों की वास्तुकला शैलियों को शामिल किया गया है. भविष्य में होने वाले परिसीमन को ध्यान में रखते हुए लोकसभा और राज्यसभा कक्षों में ज्यादा सदस्यों के बैठने की जगह है.

लोकसभा में 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता है और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की क्षमता है. नई संसद में चार मंजिलें हैं जिनमें मंत्रियों और समिति कक्षों के लिए अलग-अलग कार्यालय हैं. नए संसद भवन में तीन प्रवेश द्वार हैं, जिनके नाम ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार हैं. उल्लेखनीय है कि नया संसद भवन सरकार की सेंट्रल विस्टा परियोजना के अंतर्गत आता है. नए संसद भवन के अलावा, सेंट्रल विस्टा परियोजना में कई अन्य सरकारी भवनों और सार्वजनिक स्थानों का पुनर्निर्माण भी शामिल है. संपूर्ण परियोजना 2026 तक पूरी होने की संभावना है. सेंट्रल विस्टा परियोजना की कुल लागत 20,000 करोड़ रुपये (2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर) होने का अनुमान है.

ये भी पढ़ें- लोकसभा में आपातकाल पर प्रस्ताव, पीएम मोदी ने कही ये बात - Parliament Session

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज बृहस्पतिवार को नए संसद भवन में संयुक्त सत्र को संबोधित किया. इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. उन्होंने कहा कि देश में छह दशक के बाद पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार बनी है. लोगों ने तीसरी बार इस सरकार पर भरोसा जताया है. लोग जानते हैं कि केवल यही सरकार उनकी आकांक्षाओं को पूरा कर सकती है.

यह नई सरकार के संयुक्त सत्र को पहला संबोधन है. हालांकि, फरवरी में राष्ट्रपति मुर्मू ने पिछली सरकार के अंतरिम बजट के दौरान नई संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया था. नई संसद में कोई केंद्रीय कक्ष नहीं है, जहां से राष्ट्रपति संयुक्त सत्र को संबोधित करतीं हैं, फिर भी लोकसभा कक्ष संयुक्त सत्र के लिए 1,272 सदस्यों को समायोजित करने में सक्षम है. अपने भाषण में राष्ट्रपति मुर्मू कार्य क्षेत्र की रूपरेखा बताएंगी, केंद्र की नई सरकार 2047 तक 'विकसित भारत' बनाने पर जोर देगी.

नया संसद भवन: नए संसद भवन का उद्घाटन पिछले साल 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. नया परिसर षटकोणीय आकार का है और इसे मौजूदा परिसर के बगल में बनाया गया है. इमारत को 150 साल से ज्यादा समय तक चलने के हिसाब से डिजाइन किया गया है. इसे भूकंपरोधी बनाया गया है और इसमें भारत के अलग-अलग हिस्सों की वास्तुकला शैलियों को शामिल किया गया है. भविष्य में होने वाले परिसीमन को ध्यान में रखते हुए लोकसभा और राज्यसभा कक्षों में ज्यादा सदस्यों के बैठने की जगह है.

लोकसभा में 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता है और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की क्षमता है. नई संसद में चार मंजिलें हैं जिनमें मंत्रियों और समिति कक्षों के लिए अलग-अलग कार्यालय हैं. नए संसद भवन में तीन प्रवेश द्वार हैं, जिनके नाम ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार हैं. उल्लेखनीय है कि नया संसद भवन सरकार की सेंट्रल विस्टा परियोजना के अंतर्गत आता है. नए संसद भवन के अलावा, सेंट्रल विस्टा परियोजना में कई अन्य सरकारी भवनों और सार्वजनिक स्थानों का पुनर्निर्माण भी शामिल है. संपूर्ण परियोजना 2026 तक पूरी होने की संभावना है. सेंट्रल विस्टा परियोजना की कुल लागत 20,000 करोड़ रुपये (2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर) होने का अनुमान है.

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Last Updated : Jun 27, 2024, 11:52 AM IST
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