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प्रयागराज महाकुंभ में 'शाही स्नान' नहीं? स्नान से जुड़ेगा ये नया शब्द, अखाड़ा परिषद का सिंहस्थ पर फैसला - Prayagraj Mahakumbh Shahi Snaan

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 4, 2024, 12:11 PM IST

Updated : Sep 4, 2024, 1:00 PM IST

उज्जैन में महाकाल की शाही सवारी का नाम बदलने के बाद सिंहस्थ कुंभ मेले के शाही स्नान का नाम बदलने की मांग उठने लगी है. संत समाज का कहना है कि ''शाही इस्लामिक शब्द है, इसलिए इसे बदलकर दिव्य या अमृत स्नान किया जाए.''

Akhada Parishad Change Shahi Snaan Name
प्रयागराज महाकुंभ में नहीं होगा शाही स्नान (ETV Bharat GRaphics)

उज्जैन: उज्जैन में महाकाल मंदिर की शाही सवारी का नाम बदलकर राजसी सवारी करने के बाद अब कुंभ मेले में होने वाले शाही स्नान पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. संत समाज ने शाही शब्द को इस्लामिक बताते हुए इसे हटाने की मांग की है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि, ''इस विषय पर 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों से चर्चा की जाएगी और भविष्य में प्रयागराज, उज्जैन सहित चार जगह होने वाले शाही स्नान का नाम बदलकर राजसी स्नान या किसी अन्य नाम पर विचार किया जाएगा.''

कुंभ के शाही स्नान का नाम बदलने की मांग (ETV Bharat)

शाही शब्द को गुलामी का प्रतीक
रविन्द्र पूरी महाराज अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि, ''13 अखाड़ों के कई संतों से बात करने के बाद शाही शब्द को गुलामी का प्रतीक बताते हुए इसे हिंदू धार्मिक आयोजनों से हटाने की बात कही है.'' उन्होंने कहा कि, ''जिस जगह पर जिसका शासन रहता है तो वहां की भाषा दैनिक जीवन में आ जाती है. यही भारत वर्ष के साथ हुआ. मध्यकाल के दौरान अक्रांताओं का कुछ जगहों पर इस तरह से प्रभाव बढ़ा कि उनकी भाषा की व्यापक्ता हमारे दैनिक जीवन के अंदर आ गई. लेकिन अब वक्त बीत चुका है. तो हमें हमारे मूल स्वरूप की तरफ लौटना चाहिए. मध्य प्रदेश शासन ने बहुत अच्छी बात कही कि शाही सवारी को राजसी सवारी कह सकते हैं. यह स्पष्ठ है किसी भी शब्द से पराधीनता का समावेश होता है तो उसे हटा देना चाहिए. इसलिए हम चाहते हैं कि कुंभ मेले के स्नान दिव्य स्नान कहलाने लगे.''

अखाड़ा परिषद करेगा निर्णय
वहीं निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर शैलेशानंद जी महाराज ने कहा कि, ''कुंभ मेले के स्नान को अमृत स्नान या दिव्य स्नान जैसे नाम दिए जा सकते हैं.'' आव्हान अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद जी महाराज का कहना है कि 'शाही' शब्द इस्लामिक है और इसे हिन्दू धार्मिक आयोजनों से हटाना चाहिए.'' निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर सुमनन्द जी महाराज ने कहा कि, ''यह अखाड़ा परिषद निर्णय करेगा कि शाही शब्द रखना है यह फिर दिव्य शब्द रखना है.'' महाकाल मंदिर के आशीष पुजारी ने कहा कि, "बाबा महाकाल की शाही सवारी का पहले के समय के हिसाब से नाम लिया जाता था. कोई शाही के नाम से कहता है तो कोई राजसी सवारी. यह फिर दिव्य सवारी के नाम से कहता है.

इस मामले पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि, ''कई बर्षो से बाबा महाकाल कि सवारी शाही सवारी के नाम से जानी जाती थी. अब उसका नाम भी बदल दिया है. बाबा महाकाल की शाही सवारी का नाम बदल कर राजसी सवारी कर दिया है.''

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2025 में प्रयागराज में कुंभ मेला
प्रयागराज में 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ में शाही स्नान की तारीखें पहले ही घोषित हो चुकी हैं. जिसमें देश विदेश लाखों भक्त पहुंचेंगे और स्नान करेंगे. संत समाज के विरोध के बाद अब यह देखना होगा कि इन स्नानों का नाम बदला जाएगा या नहीं. उज्जैन में 2028 में आयोजित होने वाले कुंभ में भी इसी प्रकार के परिवर्तन की संभावना जताई जा रही है.

उज्जैन: उज्जैन में महाकाल मंदिर की शाही सवारी का नाम बदलकर राजसी सवारी करने के बाद अब कुंभ मेले में होने वाले शाही स्नान पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. संत समाज ने शाही शब्द को इस्लामिक बताते हुए इसे हटाने की मांग की है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि, ''इस विषय पर 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों से चर्चा की जाएगी और भविष्य में प्रयागराज, उज्जैन सहित चार जगह होने वाले शाही स्नान का नाम बदलकर राजसी स्नान या किसी अन्य नाम पर विचार किया जाएगा.''

कुंभ के शाही स्नान का नाम बदलने की मांग (ETV Bharat)

शाही शब्द को गुलामी का प्रतीक
रविन्द्र पूरी महाराज अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि, ''13 अखाड़ों के कई संतों से बात करने के बाद शाही शब्द को गुलामी का प्रतीक बताते हुए इसे हिंदू धार्मिक आयोजनों से हटाने की बात कही है.'' उन्होंने कहा कि, ''जिस जगह पर जिसका शासन रहता है तो वहां की भाषा दैनिक जीवन में आ जाती है. यही भारत वर्ष के साथ हुआ. मध्यकाल के दौरान अक्रांताओं का कुछ जगहों पर इस तरह से प्रभाव बढ़ा कि उनकी भाषा की व्यापक्ता हमारे दैनिक जीवन के अंदर आ गई. लेकिन अब वक्त बीत चुका है. तो हमें हमारे मूल स्वरूप की तरफ लौटना चाहिए. मध्य प्रदेश शासन ने बहुत अच्छी बात कही कि शाही सवारी को राजसी सवारी कह सकते हैं. यह स्पष्ठ है किसी भी शब्द से पराधीनता का समावेश होता है तो उसे हटा देना चाहिए. इसलिए हम चाहते हैं कि कुंभ मेले के स्नान दिव्य स्नान कहलाने लगे.''

अखाड़ा परिषद करेगा निर्णय
वहीं निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर शैलेशानंद जी महाराज ने कहा कि, ''कुंभ मेले के स्नान को अमृत स्नान या दिव्य स्नान जैसे नाम दिए जा सकते हैं.'' आव्हान अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद जी महाराज का कहना है कि 'शाही' शब्द इस्लामिक है और इसे हिन्दू धार्मिक आयोजनों से हटाना चाहिए.'' निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर सुमनन्द जी महाराज ने कहा कि, ''यह अखाड़ा परिषद निर्णय करेगा कि शाही शब्द रखना है यह फिर दिव्य शब्द रखना है.'' महाकाल मंदिर के आशीष पुजारी ने कहा कि, "बाबा महाकाल की शाही सवारी का पहले के समय के हिसाब से नाम लिया जाता था. कोई शाही के नाम से कहता है तो कोई राजसी सवारी. यह फिर दिव्य सवारी के नाम से कहता है.

इस मामले पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि, ''कई बर्षो से बाबा महाकाल कि सवारी शाही सवारी के नाम से जानी जाती थी. अब उसका नाम भी बदल दिया है. बाबा महाकाल की शाही सवारी का नाम बदल कर राजसी सवारी कर दिया है.''

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2025 में प्रयागराज में कुंभ मेला
प्रयागराज में 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ में शाही स्नान की तारीखें पहले ही घोषित हो चुकी हैं. जिसमें देश विदेश लाखों भक्त पहुंचेंगे और स्नान करेंगे. संत समाज के विरोध के बाद अब यह देखना होगा कि इन स्नानों का नाम बदला जाएगा या नहीं. उज्जैन में 2028 में आयोजित होने वाले कुंभ में भी इसी प्रकार के परिवर्तन की संभावना जताई जा रही है.

Last Updated : Sep 4, 2024, 1:00 PM IST
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