नई दिल्ली: आयुष्मान भारत योजना के तहत 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा लॉन्च करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल और दिल्ली की जनता से माफी मांगी. पीएम मोदी ने कहा, "बंगाल और दिल्ली के लोगों से मैं माफी मांगता हूं कि मैं आपकी मदद नहीं कर सकता हूं." उन्होंने कहा कि राजनीतिक हितों की वजह से इन राज्यों ने इसे लागू करने में परेशानी खड़ी की है.
जाहिर सी बात है ये योजना 70 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य से जुड़ी जनकल्याणकारी योजना है. ऐसे में यदि दोनों राज्य उसे लागू नहीं करते तो इसका सीधा-सीधा असर वोट बैंक पर पड़ेगा. पंजाब, दिल्ली और पश्चिम बंगाल ने आयुष्मान भारत योजना को अपने राज्यों में लागू नहीं किया है. इसलिए इसके तहत नई योजना आयुष्मान वय वंदन कार्ड का लाभ वरिष्ठ नागरिकों को नहीं मिलेगा. ये योजनाएं सीधे-सीधे जनता से जुड़ती हैं और जनता की नाराजगी उन्हें बैकफुट पर ला सकती है.
झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को देखते हुए एनडीए की सभी पार्टियां इस नई स्कीम को गेम-चेंजर की तरह देख रही हैं, वहीं इंडिया गठबंधन में शामिल दो पार्टियों के विरोध ने बाकी दलों को पशोपेश में डाल दिया है, क्योंकि इस योजना के राज्यों में लागू नहीं किए जाने से वहां की इंडिया गठबंधन में शामिल सभी पार्टियों को इसका असर भी झेलना पड़ सकता है.
इस मुद्दे पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि देश में लगभग चार करोड़ गरीबों ने अब तक आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठाया है. इसके तहत 4 करोड़ गरीब अस्पताल में भर्ती हुए, इनमें से कुछ को अलग-अलग बीमारियों के लिए इलाज कराया गया. कई विशेष परिस्थितियों में ऐसे भी उदाहरण है जहां आयुष्मान की लिमिट भी बढ़ाई गई. अब तो केंद्र सरकार ने हर वर्ग के 70 साल से ऊपर के लोगों को इसमें हेल्थ इंश्योरेंस दिया है.
उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों की विपक्षी सरकारें इसमें जनता की भलाई नहीं बल्कि अपने राजनीतिक हित साध रही हैं. जनता को मिलने वाले लाभ से उन्हें वंचित करना चाहती हैं. आरपी सिंह ने कहा कि इसका सीधा-सीधा असर उनके वोट बैंक पर पड़ने वाला है, क्योंकि जनता को वो उनके हक से वंचित कर रहे हैं और इसका जवाब उन्हें जनता ही चुनाव में हराकर देगी.
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की सरकार कहने के लिए तो आम आदमी की भलाई का दावा करती है, मगर वो आम आदमी के खिलाफ काम करती है.
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