रायपुर: लोकसभा चुनाव में इस बार भ्रष्टाचार का मुद्दा तूल पकड़ता नजर आ रहा है. प्रदेश में दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले को लेकर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. जहां एक ओर कांग्रेस इलेक्टोरल बॉन्ड के मामले को लेकर पूरे प्रदेश भर में भाजपा के खिलाफ माहौल बना रही है. वहीं, दूसरी ओर बीजेपी महादेव सट्टा ऐप को लेकर कांग्रेस पर हमलावर है.
कांग्रेस का बीजेपी पर प्रहार: महादेव सट्टा ऐप को लेकर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि, "सारा प्रदेश जानता है कि ईडी-आईटी ने भाजपा के एजेंट के रूप में पूरे देश में काम किया है. विपक्षी दलों के नेताओं की छवि खराब करने की कोशिश की है. दो ढाई साल से ईडी जिस मामले की जांच करती रही, उसे कुछ नहीं मिला. उस ईडी ने अंततः ईओडब्लू को भूपेश बघेल के खिलाफ एक चिट्ठी लिखी और षडयंत्र पूर्वक मुकदमा दर्ज कराया. छत्तीसगढ़ की जनता जान रही है कि यह एक षड्यंत्र है. भाजपा ने ईडी, सीबीआई और आईटी को वसूली एजेंट के रूप में भेजा है." उन्होने आरोप लगाया कि" पहले छापे मरवाते हैं फिर उद्योगपतियों से पैसे वसूलते है. इतना ही नहीं छापे के अलावा घूस लेने का नया तरीका भी इजाद किया है. पहले इलेक्टोरल बॉन्ड में पैसा दो, उसके बाद आपको ठेका दिया जाएगा. यह भ्रष्टाचार का नया रिकॉर्ड भाजपा ने कायम किया है. इस मुद्दे को लेकर हम जनता के बीच जाएंगे."
बीजेपी ने कांग्रेस पर किया प्रहार: कांग्रेस के आरोप पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राजीव चक्रवर्ती ने कहा कि, "महादेव मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी घिरी हुई है. जांच का प्रारंभिक चरण है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, महादेव से लेकर तमाम जो भ्रष्टाचार हुए हैं. पूरे भ्रष्टाचार की परतें खुलेंगी. कांग्रेस पार्टी को इसका जवाब देना चाहिए. इलेक्टोरल बॉन्ड से हर पार्टी को फंड मिला है. ऐसी इसमें कहीं भी दुर्भावना की बात नहीं है, जो इस प्रकार की बातें करते हैं. वह पहले अपने इतिहास को देख लें. जैन डायरी, हवाला कांड हुआ था. उस प्रकार से नगद लेनदेन हुआ करता था, हमने उस पर रोक लगाई है. सर्वोच्च न्यायालय में यह मामला चल रहा है. हम पूरी तरह से पारदर्शी हैं. कोर्ट और जनता के प्रति हमारी जवाबदेही है. ऐसी कोई बात नहीं है, जिसमें हम कटघरे में खड़े हों."
कांग्रेस के द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड की लिस्ट कोई बड़ी बात नहीं है. लिस्ट में बहुत सारी कंपनियां होती है. सारी कंपनियों पर ऑडिट होता है. सारी कंपनियां हर एक राजनीतिक दलों को चंदा देती है. इस तरह से बातों का भ्रम फैलाना कि ईडी की छापेमारी होने के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड मिलता है, यह गलत है. -राजीव चक्रवर्ती, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता
जानिए क्या कहते हैं पॉलिटिकल एक्सपर्ट: इस पूरे मामले में पॉलिटिकल एक्सपर्ट उचित शर्मा का कहना है कि, "महादेव ऐप मामले को पहले ही भाजपा ने विधानसभा चुनाव में कैश कर लिया है, अब मुझे नहीं लगता कि यह मुद्दा लोकसभा में काम करेगा. लोकसभा में अपने अलग मुद्दे होते हैं. उनका अलग मेनिफेस्टो होता है, इसलिए मुझे नहीं लगता कि दूसरी बार यह कार्ड चल पाएगा. पूर्व सचिव ने एक पत्र लिखा है, मुझे भी मीडिया के माध्यम से देखने को मिला. यह पार्टी के अंदर का मामला है. गबन के आरोप लगाए गए हैं, जो काफी गंभीर आरोप हैं. हालांकि इसके पहले भी कई पत्रों में इस तरह के आरोप लग चुके हैं."
इलेक्टोरल बॉन्ड एक राष्ट्रीय मुद्दा है. इसकी बहुत पहले से जांच चल रही थी. सुप्रीम कोर्ट की वजह से यह जनता के सामने आए. कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष चाहे वह इंडिया गठबंधन में शामिल हो या ना हो , क्षेत्रीय दल हो, यह एक बड़ा मुद्दा हाथ लगा है. इस मुद्दे को जनता के बीच 2024 के चुनाव में ये कितना भुना पाएंगे, यह देखना होगा. कांग्रेस ने कई सीटों पर अब तक नामों की घोषणा नहीं की है. कब नाम की घोषणा होगी. कब लोगों से मिलेंगे. कब जनसंपर्क बनाएंगे. कैसे अपने मेनिफेस्टो को समझाएंगे. यह वर्तमान में अजीब सी स्थिति कांग्रेस के साथ देखने को मिल रही है. -उचित शर्मा, पॉलिटिकल एक्सपर्ट
राहुल कहते हैं उनकी मार्केटिंग अच्छी नहीं है: आगे उचित शर्मा ने कहा कि, "मुद्दों को लेकर राहुल गांधी भी कहते हैं कि उनकी मार्केटिंग अच्छी नहीं है. हमारे मानस पटल में क्या चल रहा है, यह हम लोगों तक नहीं पहुंचा पाते हैं. इस बात को खुद राहुल गांधी कहते हैं. इतने बड़े-बड़े मुद्दे हैं. इन मुद्दों को जनता तक पहुंचने में कांग्रेस असफल रहती है. भाजपा की बात की जाए तो इस मामले में वह कॉर्पोरेट तरीके से काम करती है. वह अपनी कमजोरी को भी हथियार बनाकर लोगों तक पेश करती है. यह केंद्र का चुनाव है, केंद्र के मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ा जाता है."
ऐसे में देखना होगा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर भाजपा और कांग्रेस लोगों तक कितना पहुंच पाती है. जनता का झुकाव लोकसभा चुनाव में किस पार्टी पर होगा, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.