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असम में जुमे की नमाज ब्रेक समाप्त होने पर सियासत तेज, तेजस्वी के बयान पर सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने किया पलटवार - Namaz Break

Himanta Biswa Sarma. असम में नमाज ब्रेक बंद होने के फैसले को लेकर देश में राजनीति गरमा गई है. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने असम के सीएम पर निशाना साधा है तो वहीं, हिमंता बिस्वा सरमा ने तेजस्वी पर जोरदार पलटवार किया है.

Namaz Break
असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 31, 2024, 3:39 PM IST

Updated : Aug 31, 2024, 4:29 PM IST

रांची: असम विधानसभा में मुस्लिम विधायकों को शुक्रवार के दिन नमाज के लिए दिए जाने वाले 2 घंटे की ब्रेक को खत्म कर दिया गया है. इसके बाद देश में सियासत तेज हो गई है. झारखंड दौरे पर आए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस फैसले पर बिहार के राजद नेता तेजस्वी यादव के द्वारा दिए गए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा (ईटीवी भारत)

उन्होंने कहा कि असम में जो यह फैसला हुआ है उसके पीछे मुख्यमंत्री का हाथ नहीं बल्कि वहां के हिंदू मुस्लिम विधायकों का सम्मिलित फैसला है. जिसे स्पीकर को अवगत कराया गया. तत्पश्चात यह निर्णय लिया गया है. गौरतलब है कि असम विधानसभा में यह प्रथा मुस्लिम लीग के द्वारा 1937 में शुरू की गई थी.

रांची भाजपा प्रदेश कार्यालय में हिमंता बिस्वा सरमा ने तेजस्वी यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बिहार झारखंड सहित देश के लोकसभा और राज्यसभा में जुमा ब्रेक का प्रावधान नहीं है. ऐसे में यदि उन्हें लगता है कि यह अच्छा है तो पहले अपने राज्य बिहार में 4 घंटे का जुमा ब्रेक की शुरुआत क्यों नहीं करना चाहते हैं. जब वे उपमुख्यमंत्री थे तो इस तरह का प्रावधान वह कर सकते थे.

उन्होंने कहा कि इस्लाम में कहा गया है कि मिठाई खाने से रोकने के लिए पहले खुद मिठाई खाना छोड़ना चाहिए. इसी तरह यदि किसी भी राज्य को या लगता है कि यह सही है तो चार-चार घंटे का जुमा ब्रेक की शुरुआत कर लें उसके बाद सलाह देने का काम करें.

असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा (ईटीवी भारत)

तेजस्वी यादव ने इस मसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते अपने एक्स हैंडल पर लिखा है कि "असम के मुख्यमंत्री सस्ती लोकप्रियता हासिल करने एवं “योगी का चाइनीज वर्जन” बनने के प्रयास में जानबूझकर मुसलमानों को परेशान करने वाले कृत्य करते रहते है. BJP के लोगों ने नफरत फैलाने, मोदी-शाह का ध्यान आकृष्ट करने एवं समाज में ध्रुवीकरण करने के लिए मुसलमान भाइयों को सॉफ्ट टारगेट बना लिया है."


झारखंड विधानसभा में नहीं है जुमा ब्रेक का प्रावधान

झारखंड विधानसभा में जुमा ब्रेक का प्रावधान नहीं है. हालांकि जुमा का नमाज अदा करने के लिए सदन की कार्यवाही अमूमन 12.30 बजे स्थगित करने की परंपरा जरूर रही है. इस कड़ी में 2021 में नमाज कक्ष विधानसभा में आवंटित किया गया था. इसके लिए बकायदा विधानसभा सचिवालय की ओर से आदेश निकाला गया. जिसके बाद काफी विवाद हुआ और विपक्ष की नाराजगी के साथ विधानसभा का यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया.

विधानसभा के द्वारा बाद में सात विधायकों की टीम बनाई गई और कमेटी ने 31 जुलाई 2023 को रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट में देश के अन्य राज्यों का हवाला दिया गया. मामला न्यायालय में है. बहरहाल असम में जुमा ब्रेक का प्रावधान समाप्त होते ही इसको लेकर सियासत जरूर तेज हो गई है.

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रांची: असम विधानसभा में मुस्लिम विधायकों को शुक्रवार के दिन नमाज के लिए दिए जाने वाले 2 घंटे की ब्रेक को खत्म कर दिया गया है. इसके बाद देश में सियासत तेज हो गई है. झारखंड दौरे पर आए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस फैसले पर बिहार के राजद नेता तेजस्वी यादव के द्वारा दिए गए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा (ईटीवी भारत)

उन्होंने कहा कि असम में जो यह फैसला हुआ है उसके पीछे मुख्यमंत्री का हाथ नहीं बल्कि वहां के हिंदू मुस्लिम विधायकों का सम्मिलित फैसला है. जिसे स्पीकर को अवगत कराया गया. तत्पश्चात यह निर्णय लिया गया है. गौरतलब है कि असम विधानसभा में यह प्रथा मुस्लिम लीग के द्वारा 1937 में शुरू की गई थी.

रांची भाजपा प्रदेश कार्यालय में हिमंता बिस्वा सरमा ने तेजस्वी यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बिहार झारखंड सहित देश के लोकसभा और राज्यसभा में जुमा ब्रेक का प्रावधान नहीं है. ऐसे में यदि उन्हें लगता है कि यह अच्छा है तो पहले अपने राज्य बिहार में 4 घंटे का जुमा ब्रेक की शुरुआत क्यों नहीं करना चाहते हैं. जब वे उपमुख्यमंत्री थे तो इस तरह का प्रावधान वह कर सकते थे.

उन्होंने कहा कि इस्लाम में कहा गया है कि मिठाई खाने से रोकने के लिए पहले खुद मिठाई खाना छोड़ना चाहिए. इसी तरह यदि किसी भी राज्य को या लगता है कि यह सही है तो चार-चार घंटे का जुमा ब्रेक की शुरुआत कर लें उसके बाद सलाह देने का काम करें.

असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा (ईटीवी भारत)

तेजस्वी यादव ने इस मसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते अपने एक्स हैंडल पर लिखा है कि "असम के मुख्यमंत्री सस्ती लोकप्रियता हासिल करने एवं “योगी का चाइनीज वर्जन” बनने के प्रयास में जानबूझकर मुसलमानों को परेशान करने वाले कृत्य करते रहते है. BJP के लोगों ने नफरत फैलाने, मोदी-शाह का ध्यान आकृष्ट करने एवं समाज में ध्रुवीकरण करने के लिए मुसलमान भाइयों को सॉफ्ट टारगेट बना लिया है."


झारखंड विधानसभा में नहीं है जुमा ब्रेक का प्रावधान

झारखंड विधानसभा में जुमा ब्रेक का प्रावधान नहीं है. हालांकि जुमा का नमाज अदा करने के लिए सदन की कार्यवाही अमूमन 12.30 बजे स्थगित करने की परंपरा जरूर रही है. इस कड़ी में 2021 में नमाज कक्ष विधानसभा में आवंटित किया गया था. इसके लिए बकायदा विधानसभा सचिवालय की ओर से आदेश निकाला गया. जिसके बाद काफी विवाद हुआ और विपक्ष की नाराजगी के साथ विधानसभा का यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया.

विधानसभा के द्वारा बाद में सात विधायकों की टीम बनाई गई और कमेटी ने 31 जुलाई 2023 को रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट में देश के अन्य राज्यों का हवाला दिया गया. मामला न्यायालय में है. बहरहाल असम में जुमा ब्रेक का प्रावधान समाप्त होते ही इसको लेकर सियासत जरूर तेज हो गई है.

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Last Updated : Aug 31, 2024, 4:29 PM IST
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