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EC ने जारी किए सख्त निर्देश, चुनाव प्रचार, रैलियों में नहीं दिखेंगे बच्चे - चुनाव अभियानों में बच्चों का उपयोग

Election Commission of India : चुनाव आयोग ने सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं. इसके अंतर्गत बच्चों के चुनाव प्रचार करने के अलावा रैलियों आदि में भाग लेने से बचना चाहिए. आयोग ने राजनीतिक नेताओं और उम्मीदवारों को किसी भी तरह के प्रचार गतिविधियों में बच्चों के उपयोग नहीं करने के लिए कहा गया है.

Election Commission of India
चुनाव आयोग
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By PTI

Published : Feb 5, 2024, 4:15 PM IST

Updated : Feb 5, 2024, 10:08 PM IST

नई दिल्ली :लोकसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने सोमवार को राजनीतिक दलों से कहा कि वे पोस्टर एवं पर्चों सहित प्रचार की किसी भी सामग्री में बच्चों का इस्तेमाल किसी भी रूप में न करें. राजनीतिक दलों को भेजे परामर्श में निर्वाचन आयोग ने दलों और उम्मीदवारों द्वारा चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरीके से बच्चों का इस्तेमाल किए जाने के प्रति अपनी कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति से अवगत कराया.

आयोग ने कहा कि नेताओं और उम्मीदवारों को प्रचार गतिविधियों में बच्चों का इस्तेमाल किसी भी तरीके से नहीं करना चाहिए, चाहे वे बच्चे को गोद में उठा रहे हों या वाहन में या फिर रैलियों में बच्चे को ले जाना हों. आयोग ने एक बयान में कहा, 'किसी भी तरीके से राजनीतिक प्रचार अभियान चलाने के लिए बच्चों के इस्तेमाल पर भी यह प्रतिबंध लागू है, जिसमें कविता, गीत, बोले गए शब्द, राजनीतिक दल या उम्मीदवार के प्रतीक चिह्न का प्रदर्शन शामिल है.'

आयोग ने कहा कि लेकिन यदि कोई नेता जो किसी भी राजनीतिक दल की चुनाव प्रचार गतिविधि में शामिल नहीं है और कोई बच्चा अपने माता-पिता या अभिभावक के साथ उसके समीप केवल मौजूद होता है तो इस परिस्थिति में यह दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा. मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने निर्वाचन आयोग के प्रमुख हितधारकों के रूप में राजनीतिक दलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर लगातार जोर दिया है. उन्होंने खासकर, आगामी संसदीय चुनावों के मद्देनजर लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने में उनसे सक्रिय भागीदार बनने का आग्रह किया है.

बच्चों से संबंधित यह परामर्श ऐसे समय में जारी किया गया है जब कुछ दिन पहले ही आयोग ने राजनीतिक दलों को दिव्यांगों के प्रति सम्मानजनक संवाद रखने की सलाह दी थी. आयोग ने पार्टियों और उम्मीदवारों को बाल श्रम से संबंधित संबंधित कानूनों की भी याद दिलाई और उनसे कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा. आयोग ने कहा कि 2014 में बंबई उच्च न्यायालय ने भी यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया था कि राजनीतिक दल चुनाव संबंधित किसी भी गतिविधि में नाबालिग बच्चों की भागीदारी की अनुमति नहीं दें. राजीव कुमार के मुख्य चुनाव आयुक्त बनने के बाद से आयोग राजनीतिक दलों की विभिन्न गतिविधियों को सुचारू बनाने के उद्देश्य से निर्देशों को सक्रिय रूप से लागू कर रहा है.

ये भी पढ़ें - मप्र, राजस्थान, तेलंगाना में एक फीसदी से कम मतदाताओं ने चुना नोटा, छत्तीसगढ़ में 1.29 फीसदी

नई दिल्ली :लोकसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने सोमवार को राजनीतिक दलों से कहा कि वे पोस्टर एवं पर्चों सहित प्रचार की किसी भी सामग्री में बच्चों का इस्तेमाल किसी भी रूप में न करें. राजनीतिक दलों को भेजे परामर्श में निर्वाचन आयोग ने दलों और उम्मीदवारों द्वारा चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरीके से बच्चों का इस्तेमाल किए जाने के प्रति अपनी कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति से अवगत कराया.

आयोग ने कहा कि नेताओं और उम्मीदवारों को प्रचार गतिविधियों में बच्चों का इस्तेमाल किसी भी तरीके से नहीं करना चाहिए, चाहे वे बच्चे को गोद में उठा रहे हों या वाहन में या फिर रैलियों में बच्चे को ले जाना हों. आयोग ने एक बयान में कहा, 'किसी भी तरीके से राजनीतिक प्रचार अभियान चलाने के लिए बच्चों के इस्तेमाल पर भी यह प्रतिबंध लागू है, जिसमें कविता, गीत, बोले गए शब्द, राजनीतिक दल या उम्मीदवार के प्रतीक चिह्न का प्रदर्शन शामिल है.'

आयोग ने कहा कि लेकिन यदि कोई नेता जो किसी भी राजनीतिक दल की चुनाव प्रचार गतिविधि में शामिल नहीं है और कोई बच्चा अपने माता-पिता या अभिभावक के साथ उसके समीप केवल मौजूद होता है तो इस परिस्थिति में यह दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा. मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने निर्वाचन आयोग के प्रमुख हितधारकों के रूप में राजनीतिक दलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर लगातार जोर दिया है. उन्होंने खासकर, आगामी संसदीय चुनावों के मद्देनजर लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने में उनसे सक्रिय भागीदार बनने का आग्रह किया है.

बच्चों से संबंधित यह परामर्श ऐसे समय में जारी किया गया है जब कुछ दिन पहले ही आयोग ने राजनीतिक दलों को दिव्यांगों के प्रति सम्मानजनक संवाद रखने की सलाह दी थी. आयोग ने पार्टियों और उम्मीदवारों को बाल श्रम से संबंधित संबंधित कानूनों की भी याद दिलाई और उनसे कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा. आयोग ने कहा कि 2014 में बंबई उच्च न्यायालय ने भी यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया था कि राजनीतिक दल चुनाव संबंधित किसी भी गतिविधि में नाबालिग बच्चों की भागीदारी की अनुमति नहीं दें. राजीव कुमार के मुख्य चुनाव आयुक्त बनने के बाद से आयोग राजनीतिक दलों की विभिन्न गतिविधियों को सुचारू बनाने के उद्देश्य से निर्देशों को सक्रिय रूप से लागू कर रहा है.

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Last Updated : Feb 5, 2024, 10:08 PM IST
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