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काशी विश्वनाथ मंदिर में पुजारी के वेश में तैनात रहेंगे पुलिसकर्मी, जानिए क्या है पूरा मामला? - Kashi Vishwanath temple in varanasi

वाराणसी के श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में पुलिसकर्मी पुजारी (Kashi Vishwanath temple in varanasi) के वेश में तैनात रहे. भक्तों को किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए मंदिर प्रशासन के साथ वाराणसी पुलिस ने यह फैसला लिया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 10, 2024, 9:51 PM IST

वाराणसी : श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में बढ़ रही भीड़ के बीच भक्तों को हर तरह की असुविधा से बचने और सुरक्षा की भावना के साथ उन्हें एक बेहतर माहौल देने के लिए विश्वनाथ मंदिर प्रशासन के साथ वाराणसी पुलिस मिलकर प्रयास कर रही है. इसे लेकर मंगलवार को पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने काशी विश्वनाथ धाम परिसर में सुरक्षा गोष्ठी का आयोजन किया था.

ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मियों को सुरक्षा टिप्स देने के साथ ही श्रद्धालुओं को 'नो टच पॉलिसी' लागू करते हुए क्राउड मैनेजमेंट पर और बेहतर काम करने के लिए पुलिसकर्मियों से कहा गया था और इस बात का ध्यान रखने के लिए भी कहा गया है कि श्रद्धालुओं के साथ किसी तरह की अभद्रता नहीं होनी चाहिए. इसे लेकर अब मोहित अग्रवाल की नई प्लानिंग के तहत गर्भगृह में एक महिला और एक पुरुष पुलिसकर्मी को पुजारी के वेश में तैनात करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद आज यह सुविधा लागू हो गई. विश्वनाथ मंदिर गर्भगृह और उसके आसपास पुलिस वाले बिल्कुल पुजारी के रूप में नजर आ रहे थे. धोती-कुर्ता, गले में हर-हर महादेव, जय काशी विश्वनाथ लिखा हुआ पटका पहनकर पुलिसकर्मी भी ड्यूटी कर रहे थे. हालांकि, यह प्रक्रिया पहले भी लागू रही है और गर्भगृह में तैनात होने वाले जवानों को वर्दी की जगह कुर्ते-धोती में तैनात किया जा चुका है.

पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल का कहना था कि गर्भगृह में तैनात पुलिसकर्मियों की जिम्मेदारी दर्शन के बाद भक्तों को तत्काल आगे बढ़ाने की होगी. जिससे कोई भी भक्त भोलेनाथ का दर्शन करने से दूर ना हो और उन्हें बिना किसी परेशानी और धक्का मुक्की के दर्शन करने के साथ ही पुलिस की एक बेहतर छवि देखने को मिले. पुलिस आयुक्त ने ड्यूटी में तैनात पुरुष और महिला जवानों से बातचीत भी की थी. सुरक्षा कर्मियों से उनके ड्यूटी प्वाइंट की जानकारी लेने के साथ ही गर्मी से बचाव के तरीके और गर्मी पर सतर्कता बरतने के साथ खुद का ख्याल रखने के लिए भी कहा था. उन्होंने बताया कि प्रदेश पुलिसकर्मी को ड्यूटी से पूर्व तीन दिनों की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी और विश्वनाथ मंदिर परिसर में तैनात होने वाले जवानों को अलग से ट्रेंड किया जाएगा.

पुलिसकर्मियों को मंदिर के महत्वपूर्ण प्वाइंट्स के साथ ही काशी के महत्वपूर्ण स्थलों, घाटों के अलावा और अन्य जानकारियां भी दी जाएंगी, ताकि अगर कोई पुलिसकर्मी किसी की मदद करता है और कोई श्रद्धालु पुलिसकर्मी से जानकारी मांगता है तो उन्हें भी इस बारे में निराश न होना पड़े. ट्रेनिंग में पुलिस को व्यवहार कुशलता के साथ ही बनारस की जानकारी के साथ भी प्रशिक्षित किया जाएगा. वीआईपी आगमन के दौरान श्रद्धालुओं के साथ बदसलूकी ना हो इस बात का भी विशेष ध्यान रखने के लिए पुलिस कमिश्नर ने कहा है.

यह भी पढ़ें : मरीजों के मददगार बनेंगे बाबा विश्वनाथ, चढ़ावे की धनराशि से एक वक्त का मिलेगा भोजन, अस्पतालों से किया जा रहा संपर्क - Kashi Vishwanath Temple In Varanasi

यह भी पढ़ें : श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास का फेसबुक पेज हैक, जांच में जुटी पुलिस - Shri Kashi Vishwanath Temple

वाराणसी : श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में बढ़ रही भीड़ के बीच भक्तों को हर तरह की असुविधा से बचने और सुरक्षा की भावना के साथ उन्हें एक बेहतर माहौल देने के लिए विश्वनाथ मंदिर प्रशासन के साथ वाराणसी पुलिस मिलकर प्रयास कर रही है. इसे लेकर मंगलवार को पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने काशी विश्वनाथ धाम परिसर में सुरक्षा गोष्ठी का आयोजन किया था.

ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मियों को सुरक्षा टिप्स देने के साथ ही श्रद्धालुओं को 'नो टच पॉलिसी' लागू करते हुए क्राउड मैनेजमेंट पर और बेहतर काम करने के लिए पुलिसकर्मियों से कहा गया था और इस बात का ध्यान रखने के लिए भी कहा गया है कि श्रद्धालुओं के साथ किसी तरह की अभद्रता नहीं होनी चाहिए. इसे लेकर अब मोहित अग्रवाल की नई प्लानिंग के तहत गर्भगृह में एक महिला और एक पुरुष पुलिसकर्मी को पुजारी के वेश में तैनात करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद आज यह सुविधा लागू हो गई. विश्वनाथ मंदिर गर्भगृह और उसके आसपास पुलिस वाले बिल्कुल पुजारी के रूप में नजर आ रहे थे. धोती-कुर्ता, गले में हर-हर महादेव, जय काशी विश्वनाथ लिखा हुआ पटका पहनकर पुलिसकर्मी भी ड्यूटी कर रहे थे. हालांकि, यह प्रक्रिया पहले भी लागू रही है और गर्भगृह में तैनात होने वाले जवानों को वर्दी की जगह कुर्ते-धोती में तैनात किया जा चुका है.

पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल का कहना था कि गर्भगृह में तैनात पुलिसकर्मियों की जिम्मेदारी दर्शन के बाद भक्तों को तत्काल आगे बढ़ाने की होगी. जिससे कोई भी भक्त भोलेनाथ का दर्शन करने से दूर ना हो और उन्हें बिना किसी परेशानी और धक्का मुक्की के दर्शन करने के साथ ही पुलिस की एक बेहतर छवि देखने को मिले. पुलिस आयुक्त ने ड्यूटी में तैनात पुरुष और महिला जवानों से बातचीत भी की थी. सुरक्षा कर्मियों से उनके ड्यूटी प्वाइंट की जानकारी लेने के साथ ही गर्मी से बचाव के तरीके और गर्मी पर सतर्कता बरतने के साथ खुद का ख्याल रखने के लिए भी कहा था. उन्होंने बताया कि प्रदेश पुलिसकर्मी को ड्यूटी से पूर्व तीन दिनों की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी और विश्वनाथ मंदिर परिसर में तैनात होने वाले जवानों को अलग से ट्रेंड किया जाएगा.

पुलिसकर्मियों को मंदिर के महत्वपूर्ण प्वाइंट्स के साथ ही काशी के महत्वपूर्ण स्थलों, घाटों के अलावा और अन्य जानकारियां भी दी जाएंगी, ताकि अगर कोई पुलिसकर्मी किसी की मदद करता है और कोई श्रद्धालु पुलिसकर्मी से जानकारी मांगता है तो उन्हें भी इस बारे में निराश न होना पड़े. ट्रेनिंग में पुलिस को व्यवहार कुशलता के साथ ही बनारस की जानकारी के साथ भी प्रशिक्षित किया जाएगा. वीआईपी आगमन के दौरान श्रद्धालुओं के साथ बदसलूकी ना हो इस बात का भी विशेष ध्यान रखने के लिए पुलिस कमिश्नर ने कहा है.

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