नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार 23 अगस्त को यूक्रेन जाएंगे. वह राजधानी कीव में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जलेंस्की के साथ वार्ता करेंगे. पीएम मोदी यूक्रेन का दौरा करने से पहले पोलैंड की यात्रा करेंगे. विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि भारत यूक्रेन में संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान खोजने में योगदान देने के लिए तैयार है.
#WATCH | Secretary West, MEA, Tanmaya Lal says, " pm narendra modi will undertake an official visit to ukraine later this week on friday, august 23, on the invitation of ukrainian president volodymyr zelenskyy. this is also a landmark and a historic visit since this will be the… pic.twitter.com/xs71GtdsfT
— ANI (@ANI) August 19, 2024
विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने सोमवार को नई दिल्ली में मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार 23 अगस्त को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन की आधिकारिक यात्रा करेंगे. यह ऐतिहासिक यात्रा होगी, क्योंकि दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के 30 से अधिक वर्षों में पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन का दौरा करेगा. उन्होंने कहा कि यह यात्रा नेताओं के बीच हाल ही में हुई उच्च-स्तरीय बातचीत पर आधारित होगी.
#WATCH | Secretary West, MEA, Tanmaya Lal says, " india has maintained a very clear and consistent position that diplomacy and dialogue can resolve this conflict (between russia and ukraine) and which can lead to enduring peace, so dialogue is absolutely essential. lasting peace… pic.twitter.com/u7ehhzJi0b
— ANI (@ANI) August 19, 2024
उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से यूक्रेन में संघर्ष को हल करने के लिए कूटनीति और बातचीत की वकालत करता रहा है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की कीव यात्रा पर यूक्रेन में चल रहा संघर्ष चर्चा का हिस्सा होगा. एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भारत के रूस और यूक्रेन दोनों के साथ स्वतंत्र संबंध हैं.
तन्मय लाल ने कहा कि भारत ने बहुत स्पष्ट और सुसंगत स्थिति बनाए रखी है कि कूटनीति और बातचीत से रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष को हल किया जा सकता है और इससे स्थायी शांति की स्थापना हो सकती है, इसलिए बातचीत बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि स्थायी शांति सिर्फ उन विकल्पों के माध्यम से हासिल की जा सकती है जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हों और यह केवल बातचीत के जरिये ही संभव हो सकता है. भारत सभी हितधारकों के साथ बातचीत की प्रक्रिया में है.
भारत यूक्रेन में शांति के लिए हर संभव योगदान देने को तैयार
विदेश मंत्री के अधिकारी ने कहा कि पूर्व में प्रधानमंत्री मोदी ने रूस और यूक्रेन दोनों देशों के नेताओं के साथ बातचीत की है और हाल ही में रूस का दौरा भी किया है. भारत इस जटिल मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान खोजने में मदद करने के लिए हर संभव सहायता और योगदान देने के लिए तैयार है और इस स्तर पर यह अनुमान या पूर्वानुमान लगाना उचित नहीं है कि भारत और यूक्रेन के नेताओं के बीच इन चर्चाओं का परिणाम क्या निकलेगा.
Office of Ukraine President Volodymyr Zelenskyy issues statement - On August 23, the National Flag Day of Ukraine, Prime Minister of India Narendra Modi will pay an official visit to Ukraine. This is the first visit of an Indian Prime Minister to Ukraine in the history of our… pic.twitter.com/YMFgOxfZGV
— ANI (@ANI) August 19, 2024
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के कार्यालय का बयान
पीएम मोदी की कीव यात्रा को लेकर यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के कार्यालय ने बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि 23 अगस्त को यूक्रेन के राष्ट्रीय ध्वज दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कीव की आधिकारिक यात्रा पर आएंगे. यह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के इतिहास में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा है. इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. बयान में उम्मीद जताई गई है कि पीएम मोदी की यात्रा के दौरान यूक्रेन और भारत के बीच कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.
#WATCH | Secretary West, MEA, Tanmaya Lal says, " pm narendra modi will be undertaking an official visit to poland this week on 21st and 22nd august on the invitation of pm donald tusk. this is a landmark visit as the pm of indian is visiting poland after 45 years. this visit… pic.twitter.com/efFnImIs9O
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45 वर्षों के बाद पोलैंड की यात्रा जाएंगे भारतीय प्रधानमंत्री
पीएम मोदी की पोलैंड यात्रा के संबंध में विदेश मंत्रालय के अधिकारी तन्मय लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सप्ताह 21 और 22 अगस्त को पीएम डोनाल्ड टस्क के निमंत्रण पर पोलैंड की आधिकारिक यात्रा करेंगे. यह ऐतिहासिक यात्रा है क्योंकि 45 वर्षों के बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री पोलैंड की यात्रा पर जाएंगे. यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत-पोलैंड अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं.
1940 के दशक से भारत-पोलैंड के बीच संबंध
उन्होंने कहा कि पोलैंड में भारतीय समुदाय के लगभग 25,000 रहते हैं. इसमें लगभग 5,000 छात्र शामिल हैं. उन्होंने कहा कि पोलैंड की सरकार और वहां के लोगों ने संघर्ष के बीच यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन गंगा' के दौरान सहायता की पेशकश की थी. वर्ष 2022 में पोलैंड के रास्ते 4,000 से अधिक भारतीय छात्रों को निकाला गया था. भारत-पोलैंड के बीच संबंध 1940 के दशक में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान से हैं, जब पोलैंड की 6,000 से अधिक महिलाओं और बच्चों को भारत की दो रियासतों - जामनगर और कोल्हापुर में शरण दी गई थी.
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