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पीएम मोदी ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का किया दौरा, प्रमुख तकनीकी इकाइयों का किया उद्घाटन - PM Narendra Modi

केरल के तिरुवनंतपुरम में मौजूद ISRO के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण सेंटर विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दौरा किया. पढ़ें पूरी खबर...

PM Narendra Modi to inaugurate technical facilities of ISRO
पीएम मोदी ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का किया दौरा
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By PTI

Published : Feb 27, 2024, 12:29 PM IST

Updated : Feb 27, 2024, 12:58 PM IST

तिरुवनंतपुरम: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मंगलवार को केरल में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की तीन प्रमुख तकनीकी इकाइयों का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री ने यहां विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) की अपनी यात्रा के दौरान गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम की भी समीक्षा की.

मोदी वीएसएससी में एक ‘ट्राइसोनिक विंड टनल’, तमिलनाडु के महेंद्रगिरि में इसरो प्रणोदन परिसर (इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स) में सेमी-क्रायोजेनिक इंटीग्रेटेड इंजन संबंधी इकाई और सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसएचएआर) श्रीहरिकोटा में पीएसएलवी एकीकरण इकाई को भी हरी झंडी दिखाई. ये तीनों प्रोजेक्ट्स 1800 करोड़ रुपए के हैं. इन प्रोजेक्ट्स से ISRO काफी आगे बढ़ेगा और ज्यादा से ज्यादा संख्या में रॉकेट लॉन्च कर पाएगा और ज्यादा सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में भी भेज पाएगा.

बता दें, वीएसएससी इसरो का प्रमुख केंद्र है जो प्रक्षेपण वाहन प्रौद्योगिकी (लॉन्च व्हीकल टेक्नोलॉजी) के डिजाइन और विकास के लिए अहम इकाई है. इसरो के अनुसार, ‘ट्राइसोनिक विंड टनल’ के जरिए रॉकेट और विमानों के मॉडलों पर वायुगतिकीय विशेषताओं का मूल्यांकन और डिजाइन विकसित करने के लिए नियंत्रित वायु प्रवाह किया जाता है. महेंद्रगिरि में ‘सेमी-क्रायोजेनिक इंटीग्रेटेड इंजन स्टेज टेस्ट’ इकाई विश्वस्तरीय अत्याधुनिक केंद्र है जो प्रणोदक के बड़े प्रवाह का प्रबंधन करता है.

चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की हुई घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज को उन चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की जो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के गगनयान के हिस्से के रूप में निचली-पृथ्वी की कक्षा में उड़ान भरेंगे, जो पहला चालक दल वाला भारतीय अंतरिक्ष मिशन होगा. केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का दौरा करते समय पीएम ने यह घोषणा की.

प्रशांत बालकृष्णन नायर, (ग्रुप कैप्टन) अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला को अंतरिक्ष में भारत के पहले चालक दल मिशन पर अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए चुना गया है. वे सभी या तो भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में विंग कमांडर या ग्रुप कैप्टन हैं और उनके पास परीक्षण पायलट के रूप में काम करने का व्यापक अनुभव है, जिसका अर्थ है कि वे पहले से ही उन स्थितियों में तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार रहने के लिए प्रशिक्षित हैं जहां कुछ गलत होता है.

चारों अंतरिक्ष यात्री बेंगलुरु में अंतरिक्ष एजेंसी की अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण सुविधा में प्रशिक्षण ले रहे हैं. अंतरिक्ष यात्रियों का चयन IAF के इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन में हुआ. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सूत्रों के मुताबिक, आधिकारिक कार्यक्रमों के बाद मोदी भाजपा की राज्य इकाई द्वारा आयोजित पदयात्रा के समापन समारोह में भी हिस्सा लेंगे.

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तिरुवनंतपुरम: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मंगलवार को केरल में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की तीन प्रमुख तकनीकी इकाइयों का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री ने यहां विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) की अपनी यात्रा के दौरान गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम की भी समीक्षा की.

मोदी वीएसएससी में एक ‘ट्राइसोनिक विंड टनल’, तमिलनाडु के महेंद्रगिरि में इसरो प्रणोदन परिसर (इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स) में सेमी-क्रायोजेनिक इंटीग्रेटेड इंजन संबंधी इकाई और सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसएचएआर) श्रीहरिकोटा में पीएसएलवी एकीकरण इकाई को भी हरी झंडी दिखाई. ये तीनों प्रोजेक्ट्स 1800 करोड़ रुपए के हैं. इन प्रोजेक्ट्स से ISRO काफी आगे बढ़ेगा और ज्यादा से ज्यादा संख्या में रॉकेट लॉन्च कर पाएगा और ज्यादा सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में भी भेज पाएगा.

बता दें, वीएसएससी इसरो का प्रमुख केंद्र है जो प्रक्षेपण वाहन प्रौद्योगिकी (लॉन्च व्हीकल टेक्नोलॉजी) के डिजाइन और विकास के लिए अहम इकाई है. इसरो के अनुसार, ‘ट्राइसोनिक विंड टनल’ के जरिए रॉकेट और विमानों के मॉडलों पर वायुगतिकीय विशेषताओं का मूल्यांकन और डिजाइन विकसित करने के लिए नियंत्रित वायु प्रवाह किया जाता है. महेंद्रगिरि में ‘सेमी-क्रायोजेनिक इंटीग्रेटेड इंजन स्टेज टेस्ट’ इकाई विश्वस्तरीय अत्याधुनिक केंद्र है जो प्रणोदक के बड़े प्रवाह का प्रबंधन करता है.

चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की हुई घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज को उन चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की जो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के गगनयान के हिस्से के रूप में निचली-पृथ्वी की कक्षा में उड़ान भरेंगे, जो पहला चालक दल वाला भारतीय अंतरिक्ष मिशन होगा. केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का दौरा करते समय पीएम ने यह घोषणा की.

प्रशांत बालकृष्णन नायर, (ग्रुप कैप्टन) अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला को अंतरिक्ष में भारत के पहले चालक दल मिशन पर अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए चुना गया है. वे सभी या तो भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में विंग कमांडर या ग्रुप कैप्टन हैं और उनके पास परीक्षण पायलट के रूप में काम करने का व्यापक अनुभव है, जिसका अर्थ है कि वे पहले से ही उन स्थितियों में तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार रहने के लिए प्रशिक्षित हैं जहां कुछ गलत होता है.

चारों अंतरिक्ष यात्री बेंगलुरु में अंतरिक्ष एजेंसी की अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण सुविधा में प्रशिक्षण ले रहे हैं. अंतरिक्ष यात्रियों का चयन IAF के इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन में हुआ. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सूत्रों के मुताबिक, आधिकारिक कार्यक्रमों के बाद मोदी भाजपा की राज्य इकाई द्वारा आयोजित पदयात्रा के समापन समारोह में भी हिस्सा लेंगे.

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Last Updated : Feb 27, 2024, 12:58 PM IST

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