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इमरजेंसी के 50 साल पर पीएम मोदी का ट्वीट- कांग्रेस ने भारत के संविधान को रौंद दिया था - 50 years of emergency

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By PTI

Published : Jun 25, 2024, 10:44 AM IST

Updated : Jun 25, 2024, 12:30 PM IST

BJP leaders hit out at Congress on Emergency anniversary: बीजेपी के बड़े नेताओं ने 1975 में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी के शासन काल में लगाए गए आपातकाल की वर्षगांठ पर कांग्रेस पर हमला बोला.

BJP-EMERGENCY
पीएम मोदी का कांग्रेस पर हमला (ETV Bharat)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के बड़े नेताओं ने आपातकाल की 50वीं बरसी पर मंगलवार को कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, 'आज उन सभी महान पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया था.

आपातकाल के काले दिन हमें याद दिलाते हैं कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी स्वतंत्रताओं को नष्ट किया और भारत के संविधान को रौंद दिया, जिसका हर भारतीय बहुत सम्मान करता है. जिस मानसिकता के कारण आपातकाल लगाया गया, वह आज भी उसी पार्टी में मौजूद है जिसने आपातकाल लगाया था. वे संविधान के प्रति अपने तिरस्कार को अपने दिखावे के माध्यम से छिपाते हैं, लेकिन भारत की जनता उनकी हरकतों को समझ चुकी है और इसीलिए उन्होंने उन्हें बार-बार नकार दिया है.'

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह विपक्षी पार्टी के देश में लोकतंत्र की हत्या और उस पर बार-बार आघात करने का कांग्रेस का लंबा इतिहास रहा है. भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने 'एक्स' पर कहा कि आज जो लोग भारतीय लोकतंत्र के रक्षक होने का दावा करते हैं, उन्होंने संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए उठने वाली आवाजों को दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल, जिसे उन्होंने 1977 में हटाकर चुनाव की घोषणा कर दी थी, भारतीय लोकतंत्र का एक काला अध्याय है जिसे भुलाया नहीं जा सकता. सिंह ने 'एक्स' पर कहा कि इस अवधि के दौरान तानाशाही और सत्ता का दुरुपयोग खुलेआम प्रदर्शित हुआ. उन्होंने कहा कि इससे कई राजनीतिक दलों की लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा होता है.

भाजपा की ओर से कांग्रेस की यह तीखी आलोचना विपक्षी दलों द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को संविधान के खिलाफ काम करने वाला बताने के समन्वित अभियान के बीच आई है. 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू होने पर सोमवार को कांग्रेस और अन्य विपक्षी सदस्य संसद में संविधान की प्रतियां लेकर आए.

पीएम मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए आपातकाल का हवाला दिया और लोगों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि ऐसी स्थिति कभी न दोहराई जाए. 'एक्स' पर हिंदी में लिखे अपने पोस्ट में शाह ने कहा कि 'अहंकारी और निरंकुश' कांग्रेस सरकार ने एक परिवार की सत्ता की खातिर 21 महीने तक लोगों के नागरिक अधिकारों को निलंबित कर रखा था.

उन्होंने आपातकाल के खिलाफ लड़ाई लड़ने वालों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मीडिया पर सेंसरशिप लगा दी गई, संविधान में संशोधन किया गया और यहां तक ​​कि न्यायपालिका पर भी अंकुश लगा दिया गया. भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री नड्डा ने कहा कि कांग्रेस द्वारा आपातकाल लगाने के राजनीतिक फैसले ने लोकतंत्र के स्तंभों को हिलाकर रख दिया है, क्योंकि उन्होंने बी आर अंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान को कुचलने की कोशिश की है.

उन्होंने कहा, 'इस दौरान जो लोग आज भारतीय लोकतंत्र के रक्षक होने का दावा करते हैं, उन्होंने संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए उठने वाली आवाजों को दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.' नड्डा ने कहा, 'मुझे गर्व है कि हमारी पार्टी उस परंपरा से संबंधित है, जिसने आपातकाल का डटकर विरोध किया और लोकतंत्र की रक्षा के लिए काम किया.'

ये भी पढ़ें- 'रस्सी जल गई, बल नहीं गया...' पीएम मोदी के इस बयान पर भड़क गए खड़गे! - Parliament Session 2024

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के बड़े नेताओं ने आपातकाल की 50वीं बरसी पर मंगलवार को कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, 'आज उन सभी महान पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया था.

आपातकाल के काले दिन हमें याद दिलाते हैं कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी स्वतंत्रताओं को नष्ट किया और भारत के संविधान को रौंद दिया, जिसका हर भारतीय बहुत सम्मान करता है. जिस मानसिकता के कारण आपातकाल लगाया गया, वह आज भी उसी पार्टी में मौजूद है जिसने आपातकाल लगाया था. वे संविधान के प्रति अपने तिरस्कार को अपने दिखावे के माध्यम से छिपाते हैं, लेकिन भारत की जनता उनकी हरकतों को समझ चुकी है और इसीलिए उन्होंने उन्हें बार-बार नकार दिया है.'

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह विपक्षी पार्टी के देश में लोकतंत्र की हत्या और उस पर बार-बार आघात करने का कांग्रेस का लंबा इतिहास रहा है. भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने 'एक्स' पर कहा कि आज जो लोग भारतीय लोकतंत्र के रक्षक होने का दावा करते हैं, उन्होंने संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए उठने वाली आवाजों को दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल, जिसे उन्होंने 1977 में हटाकर चुनाव की घोषणा कर दी थी, भारतीय लोकतंत्र का एक काला अध्याय है जिसे भुलाया नहीं जा सकता. सिंह ने 'एक्स' पर कहा कि इस अवधि के दौरान तानाशाही और सत्ता का दुरुपयोग खुलेआम प्रदर्शित हुआ. उन्होंने कहा कि इससे कई राजनीतिक दलों की लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा होता है.

भाजपा की ओर से कांग्रेस की यह तीखी आलोचना विपक्षी दलों द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को संविधान के खिलाफ काम करने वाला बताने के समन्वित अभियान के बीच आई है. 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू होने पर सोमवार को कांग्रेस और अन्य विपक्षी सदस्य संसद में संविधान की प्रतियां लेकर आए.

पीएम मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए आपातकाल का हवाला दिया और लोगों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि ऐसी स्थिति कभी न दोहराई जाए. 'एक्स' पर हिंदी में लिखे अपने पोस्ट में शाह ने कहा कि 'अहंकारी और निरंकुश' कांग्रेस सरकार ने एक परिवार की सत्ता की खातिर 21 महीने तक लोगों के नागरिक अधिकारों को निलंबित कर रखा था.

उन्होंने आपातकाल के खिलाफ लड़ाई लड़ने वालों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मीडिया पर सेंसरशिप लगा दी गई, संविधान में संशोधन किया गया और यहां तक ​​कि न्यायपालिका पर भी अंकुश लगा दिया गया. भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री नड्डा ने कहा कि कांग्रेस द्वारा आपातकाल लगाने के राजनीतिक फैसले ने लोकतंत्र के स्तंभों को हिलाकर रख दिया है, क्योंकि उन्होंने बी आर अंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान को कुचलने की कोशिश की है.

उन्होंने कहा, 'इस दौरान जो लोग आज भारतीय लोकतंत्र के रक्षक होने का दावा करते हैं, उन्होंने संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए उठने वाली आवाजों को दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.' नड्डा ने कहा, 'मुझे गर्व है कि हमारी पार्टी उस परंपरा से संबंधित है, जिसने आपातकाल का डटकर विरोध किया और लोकतंत्र की रक्षा के लिए काम किया.'

ये भी पढ़ें- 'रस्सी जल गई, बल नहीं गया...' पीएम मोदी के इस बयान पर भड़क गए खड़गे! - Parliament Session 2024
Last Updated : Jun 25, 2024, 12:30 PM IST
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