सिलीगुड़ी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल में रेल और सड़क क्षेत्रों में 4500 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और राष्ट्र को समर्पित किया. यहां 'विकसित भारत विकसित पश्चिम बंगाल' कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल के विकास के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही है. बंगाल में पीएम मोदी की यह चौथी यात्रा है. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी मौजूद थे.
पीएम मोदी के मुताबिक आजादी के बाद से पूर्वी भारत की अनदेखी की गई लेकिन केंद्र सरकार ने इसके विकास के लिए पहल की है. मोदी ने मंच से कहा, 'पिछले 10 वर्षों में, बंगाल, विशेष रूप से उत्तर बंगाल का विकास हमारी सरकार के लिए प्राथमिकता रही है.' एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, आज पीएम ने यहां कई रेलवे लाइन विद्युतीकरण परियोजनाएं शुरू कीं, जिससे उत्तर बंगाल और आसपास के इलाकों के लोगों को फायदा होगा.
पीएम मोदी ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जिन रेलवे लाइनों का ध्यान रखा गया है उनमें एकलाखी-बालुरघाट खंड, बारसोई-राधिकापुर खंड, रानीनगर जलपाईगुड़ी-हल्दीबाड़ी खंड, बागडोगरा के माध्यम से सिलीगुड़ी-अलुआबारी खंड और सिलीगुड़ी सेवक अलीपुरद्वार जंक्शन समुक्तला खंड शामिल हैं. मणिग्राम-निमटीटा खंड में रेलवे लाइन का दोहरीकरण और अंबारी-फलाकाटा-अलुआबारी खंड में स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग उन परियोजनाओं में से हैं जिन्हें प्राथमिकता पर लिया गया है.
वहीं, पीएम ने सिलीगुड़ी और राधिकापुर के बीच एक नई यात्री ट्रेन सेवा को भी हरी झंडी दिखाई. इन परियोजनाओं का उद्देश्य रेल कनेक्टिविटी में सुधार करना, माल ढुलाई की सुविधा प्रदान करना और क्षेत्र में रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को कम करना है. प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल में 3,100 करोड़ रुपये की दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं भी शुरू कीं. इनमें चार लेन वाला घोसपुकुर-धूपगुड़ी खंड और राष्ट्रीय राजमार्ग 27 पर चार लेन वाला इस्लामपुर बाईपास शामिल है.
अपनी पिछली दो यात्राओं में प्रधान मंत्री ने दक्षिण बंगाल के विभिन्न जिलों जैसे - हुगली, नादिया और उत्तर 24 परगना का दौरा किया - जिन्हें सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार का गढ़ माना जाता है. गौरतलब है कि पीएम ने 1 मार्च को हुगली जिले के आरामबाग में 7,200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शुभारंभ किया था और अगले ही दिन नादिया के कृष्णानगर में 15,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का अनावरण किया था. उन्होंने 6 मार्च को कोलकाता में पहली अंडरवॉटर मेट्रो रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन किया.