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पीएम मोदी ने रायपुर में छत्तीसगढ़ के पहले माइक्रोबायोलॉजी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला का किया शुभारंभ

Chhattisgarh first microbiology food testing laboratory: पीएम मोदी ने रायपुर में छत्तीसगढ़ के पहले माइक्रोबायोलॉजी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला का शुभारंभ किया. पीएम ने वर्चुअल इसका उदघाटन किया.

microbiology food testing laboratory
माइक्रोबायोलॉजी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 25, 2024, 8:13 PM IST

रायपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार शाम राजकोट से राजधानी रायपुर के कालीबाड़ी स्थित छत्तीसगढ़ के पहले माइक्रोबायोलॉजी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला का शुभारंभ वर्चुअल माध्यम से किया. पीएम ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक ही समय में देश के विभिन्न शहरों में अनेक लोकार्पण और शिलान्यास कर नई परंपरा की शुरूआत की है. मोदी ने कहा कि ऐसे ही तेज गति से काम कर विकसित भारत का संकल्प पूरा होगा.

खाद्य सुरक्षा के लिए कवच का काम करेगी: इस दौरान छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि, "छत्तीसगढ़ शासन मोदी जी की गारंटी को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है. हम प्रत्येक नागरिक को शुद्ध, गुणवत्तापूर्ण सुरक्षित और पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं. बेहतर स्वास्थ्य की संकल्पना पूरी हो सके. इसके लिए यह लैब खाद्य सुरक्षा के लिए एक कवच का काम करेगी.

2006 से हो रहा संचालन: बताया जा रहा है कि दिसंबर 2006 से कालीबाड़ी रायपुर स्थित नवीन भवन में खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला का संचालन किया जा रहा है. इसमें रविवार को पीएम मोदी ने माइक्रोबायोलॉजी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला की सौगात दी है. यह प्रयोगशाला खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण नई दिल्ली की अतिरिक्त वित्तीय सहायता 4 करोड़ 33 लाख रूपए से तैयार की गई है. यह प्रदेश का पहला खाद्य माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला है.

इन चीजों की हो सकेगी जांच: खाद्य पदार्थों और पेयजल को हानिकारक सूक्ष्म-जीवाणुओं द्वारा दूषित कर दिया जाता है. इससे जन-सामान्य को कई तरह की बीमारियां होने की संभावना रहती है. खाद्य जनित बीमारियां जैसे उल्टी, डायरिया, टाईफाईड, बुखार, हैजा, त्वचा संबंधित बीमारियां आदि होती है. पूर्व में प्रयोगशाला में रासायनिक परीक्षण, हैवी मैटल, पेस्टीसाईड, विटामिन्स की परीक्षण होती थी, परन्तु माईक्रोबायोलॉजिकल मानकों की जांच नहीं होती थी. अब आधुनिक मशीनों से सुसज्जित माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला प्रारंभ होने से खाद्य पदार्थाे को दूषित करने वाले बैक्टीरिया, फंगस, यीस्ट, मोल्ड आदि की जांच हो सकेगी.

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खाद्य सुरक्षा के लिए कवच का काम करेगी: इस दौरान छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि, "छत्तीसगढ़ शासन मोदी जी की गारंटी को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है. हम प्रत्येक नागरिक को शुद्ध, गुणवत्तापूर्ण सुरक्षित और पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं. बेहतर स्वास्थ्य की संकल्पना पूरी हो सके. इसके लिए यह लैब खाद्य सुरक्षा के लिए एक कवच का काम करेगी.

2006 से हो रहा संचालन: बताया जा रहा है कि दिसंबर 2006 से कालीबाड़ी रायपुर स्थित नवीन भवन में खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला का संचालन किया जा रहा है. इसमें रविवार को पीएम मोदी ने माइक्रोबायोलॉजी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला की सौगात दी है. यह प्रयोगशाला खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण नई दिल्ली की अतिरिक्त वित्तीय सहायता 4 करोड़ 33 लाख रूपए से तैयार की गई है. यह प्रदेश का पहला खाद्य माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला है.

इन चीजों की हो सकेगी जांच: खाद्य पदार्थों और पेयजल को हानिकारक सूक्ष्म-जीवाणुओं द्वारा दूषित कर दिया जाता है. इससे जन-सामान्य को कई तरह की बीमारियां होने की संभावना रहती है. खाद्य जनित बीमारियां जैसे उल्टी, डायरिया, टाईफाईड, बुखार, हैजा, त्वचा संबंधित बीमारियां आदि होती है. पूर्व में प्रयोगशाला में रासायनिक परीक्षण, हैवी मैटल, पेस्टीसाईड, विटामिन्स की परीक्षण होती थी, परन्तु माईक्रोबायोलॉजिकल मानकों की जांच नहीं होती थी. अब आधुनिक मशीनों से सुसज्जित माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला प्रारंभ होने से खाद्य पदार्थाे को दूषित करने वाले बैक्टीरिया, फंगस, यीस्ट, मोल्ड आदि की जांच हो सकेगी.

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