पिथौरागढ़ (उत्तराखंड): अक्सर पुलिस अपने व्यवहार और कार्यशैली को लेकर चर्चाओं में बनी रहती है. लेकिन कई बार पुलिस का मानवीय चेहरा भी सामने आता रहता है. पुलिस का ऐसा ही मानवीय चेहरा पिथौरागढ़ से सामने आया है. जहां पुलिस ने एक अनाथ लड़की को पहले गोद लिया फिर उसके बाद उसका रिश्ता तय कर धूमधाम से शादी की. इस पूरे कार्यक्रम में पुलिस के जवानों ने अहम भूमिका निभाई और पुलिस के जवानों ने ही अनाथ लड़की की धूमधाम से शादी कराकर उसे ससुराल के लिए विदा किया. पुलिस के इस नेक कार्य की चौतरफा सराहना हो रही है.
अनाथ लड़की को गोद लेकर धूमधाम से कराई शादी : पिथौरागढ़ पुलिस में कार्यरत प्रतिसार निरीक्षक नरेश चंद्र जखमोला ने एक अनाथ लड़की को गोद लेकर शादी करवाई है. नरेश चंद्र जखमोला को नगर के एक मंदिर के समीप पुष्पा नाम की लड़की मिली. जिसने बताया कि वो धारचूला के एक गांव की रहने वाली है और काम की तलाश में पिथौरागढ़ आई, जहां उसे काम तो मिल गया, लेकिन कुछ समय काम करने के बाद उसे निकाल दिया गया. पुष्पा ने उन्हें कहीं काम होने पर बताने का आग्रह किया. लेकिन नरेश चंद्र जखमोला के मन में कुछ और ही चल रहा था, उन्होंने इससे ऊपर की सोची और अनाथ को गोद लेकर सहारा देने की सोची.
पिथौरागढ़ पुलिस ने अनाथ बेटी को गोद लेकर दुल्हन बनाकर किया विदा
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) July 10, 2024
एक अनाथ युवती को पिथौरागढ़ पुलिस ने न सिर्फ आसरा दिया, बल्कि गोद लेकर अपनी बेटी भी बनाया। उसका भविष्य संवारने को उसके लिए एक लड़का ढूंढा और दुल्हन बनाकर ससुराल को विदा किया।#UttarakhandPolice #UKPoliceHaiSaath pic.twitter.com/iYzI1op0vQ
रीति-रिवाज से विवाह कर लड़की को ससुराल किया विदा: नरेश चंद्र जखमोला मानवता का परिचय देते हुए एसपी रेखा यादव और सीओ परवेज अली अनाथ को गोद लेने की जानकारी दी.कुछ समय बाद नरेश चंद्र जखमोला ने अनाथ लड़की की शादी थल के रहने वाले विपिन के साथ तय कर दी. जिसके बाद उन्होंने पिता का धर्म निभाते हुए और समाजसेवी रुक्मिणी देवी ने मां की भूमिका में पुष्पा का कन्यादान किया. वहीं शादी का कार्यक्रम पुलिस लाइन के गौरी हॉल सभागार में किया गया, जहां रीति-रिवाज से विवाह कर लड़की को ससुराल विदा किया गया.
नौकरी की तलाश में पहुंची थी पिथौरागढ़: इस दौरान पुलिसकर्मियों ने भाई बनकर डोली में उसको विदा किया. साथ ही पुलिसकर्मियों ने शादी में आर्थिक रूप से सहयोग भी किया. वहीं लड़की ने बताया था कि वह सीमांत तहसील धारचूला के गांव की रहने वाली है और उसके माता पिता का निधन पहले ही हो चुका है. जिसके बाद दादी ने उसका लालन-पालन किया. उसने आगे बताया कि उसकी दादी का भी 10 साल पहले निधन हो चुका है. जिसके बाद वो अपने भरण-पोषण के लिए काम की तलाश में पिथौरागढ़ पहुंची थी.
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