नई दिल्ली: 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता और दिव्यांग व्यक्ति (पीडब्ल्यूडी) घर से अपना वोट डाल सकेंगे. भारत चुनाव आयोग ने 2024 के लोकसभा चुनावों की घोषणा करते समय कहा था कि 85 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग लोग डाक मतपत्र का विकल्प चुन सकते हैं और घरों से अपना वोट डाल सकते हैं. भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार, चुनाव को समावेशी और सहभागी बनाने के उद्देश्य से, 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं और 40 प्रतिशत बेंचमार्क विकलांगता वाले दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर पर मतदान की सुविधा उपलब्ध होगी.
इस सुविधा का लाभ उठाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए, दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, ओएसडी (मीडिया) कंचन आजाद ने कहा कि जो व्यक्ति (85 वर्ष से अधिक आयु और 40 प्रतिशत विकलांगता वाले दिव्यांग) घर से अपना वोट डालना चाहते हैं, उन्हें इस सुविधा के लिए आवेदन करना होगा.
कंचन आजाद ने ईटीवी भारत को बताया कि वे योजना के तहत मतपत्र के लिए क्षेत्र के बूथ स्तर अधिकारी (बीएलओ) या जिला चुनाव कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा, इन व्यक्तियों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए चार और मॉड्यूल भी विकसित किए गए हैं.
ये लोग कॉल सेंटर नंबर 1950, वेब पोर्टल, मोबाइल ऐप (बीएलओ सुपर) और मोबाइल ऐप (पिक एंड ड्रॉप) पर सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं. एक अधिकारी ने कहा, कॉल सेंटर नंबर काम कर रहा है और बाकी तीन भी जल्द ही चालू कर दिए जाएंगे. ये सभी मोड लॉगइन प्रोसेस के जरिए काम करेंगे जो ओटीपी मिलने के बाद आगे काम करेंगे. प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कंचन आजाद ने बताया कि पोल पैनल की एक टीम पूर्व सूचना के साथ निर्धारित समय और तारीख पर निर्वाचक के पते पर जाएगी. इस समय दिल्ली में लगभग 953 व्यक्ति 100 वर्ष से अधिक उम्र के हैं.
इस बीच, मीडियाकर्मियों के लिए भी डाक मतपत्र की सुविधा उपलब्ध है. दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार निदेशालय की ओर से जारी पत्र के अनुसार, लोकसभा चुनाव-2024 के कवरेज के दौरान पोस्टल बैलेट के माध्यम से अपना वोट डालने के लिए मीडियाकर्मियों को निर्धारित फॉर्म (12डी) जारी किया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक, मीडिया के जो लोग लोकसभा चुनाव 2024 के कवरेज के लिए सीईओ कार्यालय के माध्यम से प्राधिकार पत्र जारी करने के उद्देश्य से जो लोग आवश्यक सेवा के तहत डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान करने के इच्छुक हैं. उन्हें सूचित किया जाता है कि निर्धारित प्रपत्र (12डी) जमा करें.
भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार, देश भर में लगभग 10.5 लाख मतदान केंद्र सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं से सुसज्जित मतदाताओं के लिए निर्बाध मतदान अनुभव प्रदान करते हैं. दिव्यांगजनों के लिए रैंप से लेकर गर्भवती महिलाओं की सहायता तक, हमारा उद्देश्य समावेशी भागीदारी है.
चुनाव आयोग के आंकड़ों की बात करें तो बिहार सीनियर सिटीजन मतदाता करीब 14 लाख 50 हजार हैं, 21,680 मतदाता 100 वर्ष से अधिक उम्र के हैं. जबकि, दिव्यांग मतदाता की संख्या 6 लाख 30 हजार हैं. झारखंड में 85+ बुजुर्ग वोटर्स की संख्या- 1 लाख 39 हजार 445 है. वहीं दिव्यांग वोटर्स की संख्या 3 लाख 60 हजार 091 है.