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छत्तीसगढ़ का ऐसा गांव जहां राशन लेने से पहले जाना पड़ता है पहाड़ पर, जानिए क्यों होता है ऐसा ? - People Climb Mountain For Ration

छत्तीसगढ़ में पीडीएस सिस्टम के तहत राशन का बंटवारा होता है. प्रदेश में कई इलाके दूर दराज में स्थित है. यहां कई तरह की मुसीबतों का सामना लोगों को करना पड़ता है. आज हम आपको ऐसे गांव की हकीकत बताने जा रहे हैं. जहां राशन लेने से पहले लोगों को पहाड़ पर जाना पड़ता है. तब जाकर उन्हें राशन मिलता है. आखिर ऐसा क्यों और किस वजह से होता है इसे जानने के लिए पढ़िए ये रिपोर्ट.

People Climb Mountain For Ration In Manendragarh
राशन लेने से पहले जाना पड़ता है पहाड़ पर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 13, 2024, 10:38 AM IST

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के गढ़वार ग्राम पंचायत में लोगों को राशन के लिए पहाड़ पर चढ़ना पड़ता है. ऐसा इन्हें एक दो बार नहीं बल्कि पूरे साल करना पड़ता है तब जाकर इन्हें सरकारी राशन नसीब होता है. राशनकार्ड धारकों को राशन लेने से पहले क्यों पहाड़ पर चढ़ना पड़ता है इसकी वजह जानकर आपको भी हैरानी होगी.

राशन लेने से पहले जाना पड़ता है पहाड़ पर (ETV Bharat)

राशन खातिर गढ़वार गांव के लोग क्यों चढ़ते हैं पहाड़ : एमसीबी के गढ़वार ग्राम पंचायत में मोबाइल नेटवर्क नहीं है. इस वजह से इस गांव के लोगों को राशन के लिए पहाड़ पर पहले चढ़ना पड़ता है. वहां जाकर जब ई पॉस मशीन में नेटवर्क आता है तो ये उसमें फिंगर प्रिंट देते हैं. फिंगर प्रिंट लगने के बाद इस तरह पीडीएस संचालकों को राशन बांटने की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है. उसके बाद लोगों को राशन मिल पाता है.

राशन मिलना पहाड़ फतह करने जैसा: पूरे गांव में मोबाइल नेटवर्क नहीं है. जिस कारण से ई पॉस मशीन काम नहीं करता है, ऐसे में राशन वितरण करने वाले विक्रेताओं के साथ साथ पूरे राशनकार्ड हितग्राहियों को दो किलोमीटर दूर एक पहाड़ पर जाना पड़ता है, तब कहीं जाकर हितग्राहियों का फिंगर प्रिंट लगता है. उसके बाद राशन मिलता है. यहां गांव से दूर पहाड़ पर ही नेटवर्क मिल रहा है. इस तरह कि दिनचर्या से ग्रामीणों को भी सारे काम छोड़ कर पूरा दिन पहाड़ पर बैठना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि डीलर हमें संदेश भिजवा देते हैं कि राशन आ गया है. उसके बाद सभी लोग पहाड़ पर पहुंचते हैं और फिंगर प्रिंट लगाते हैं. इसके बाद ग्रामीणों को दो वक्त के निवाले के लिए राशन मिलता है.

"फिंगर प्रिंट लगाने के लिये बहुत परेशानी होती है. बुजुर्ग लोग यहां पहाड़ पर चढ़ते हैं, कभी भी गिर सकते हैं. शासन को थोड़ी पता है.हम लोग को पता है कि कैसे पहाड़ पर चढ़कर फिंगर लगाते हैं. शासन को चाहिये कि यहां टावर की व्यवस्था करें जिससे हम लोग को सुविधा मिल सके. ये समस्या हर महीने बनी रहती है.":अवधेश, ग्रामीण, गढ़वार ग्राम पंचायत

गांववालों ने की मोबाइल टावर लगाने की मांग: गांव वालों ने इस क्षेत्र में मोबाइल टावर लगाने की मांग की है. ग्रामीण राजीव घसिया ने कहा कि "पहाड़ में चढ़ते हैं. एक एक किलोमीटर से ज्यादा चढ़ना पड़ता है. फिंगर प्रिंट लगाने के लिए परेशान रहते हैं. हमारी सरकार से मांग है कि यहां मोबाइल नेटवर्क की सुविधा मिले". ग्रामीण राजू राम ने कहा कि, "यहां नेटवर्क की समस्या से काफी परेशानी होती है. हम राशन के लिए फिंगर प्रिंट लगाने पहाड़ पर नेटवर्क की कमी की वजह से जाते हैं. इसलिए यहां टेलीफोन सुविधा बहाल की जाए."

"टावर न रहने के कारण पहाड़ पर चढ़ना पड़ता है और उतरना पड़ता है. जिससे बहुत दिक्कत होती है. आधा एक दिन तो पहाड़ी पर चढ़ने उतरने में लग जाता है. बुजुर्ग लोग बैठ-बैठ कर चढ़ते उतरते हैं. टावर न रहने के कारण यह समस्या बनी रहती है. ऐसा करने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. गांव में मोबाइल नेटवर्क को बहाल किया जाए.": तेज बहादुर पंडो,ग्रामीण

गांव के सरपंच भी रहते हैं परेशान: रामफल पंडो ने बताया कि नेटवर्क न होने के कारण फिंगर लगाने के लिये पहाड़ी पर चढ़ना पड़ता है क्योंकि इस गांव में 382 राशन कार्डधारी हैं, इसकी शिकायत मैं खाद्य निरीक्षक और जिला खाद्य आधिकारी को किया हूं. लेकिन अभी तक कोई समस्या का समाधान नहीं हुआ है सभी कोई बोल रहे हैं कि ऑनलाइन होता तो ऑफ लाइन हो जाता लेकिन ऑनलाइन है तो ऑफ लाइन कैसे होगा, यही समस्या है. बरसात का मौसम है और पानी गिरने लगता है तो फिंगर लगाने में बहुत समस्या हो जाती है. नेटवर्क की समस्या होने के कारण पहाड़ी पर चढ़ कर फिंगर लगवाना पड़ता है.

छत्तीसगढ़ के कई गांवों दूर अंचलों में हैं. यहां कई दुर्गम स्थल और गांव हैं. इस वजह से मोबाइल की सुविधा और टेलीफोन की सुविधा का विस्तार यहां नहीं हो पाया है. गढ़वार गांव के लोग मोबाइल टावर नहीं होने और नेटवर्क नहीं होने की सितम झेल रहे हैं. ऐसे में अब देखना होगा कि इनकी समस्या का समाधान कब हो पाता है.

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मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के गढ़वार ग्राम पंचायत में लोगों को राशन के लिए पहाड़ पर चढ़ना पड़ता है. ऐसा इन्हें एक दो बार नहीं बल्कि पूरे साल करना पड़ता है तब जाकर इन्हें सरकारी राशन नसीब होता है. राशनकार्ड धारकों को राशन लेने से पहले क्यों पहाड़ पर चढ़ना पड़ता है इसकी वजह जानकर आपको भी हैरानी होगी.

राशन लेने से पहले जाना पड़ता है पहाड़ पर (ETV Bharat)

राशन खातिर गढ़वार गांव के लोग क्यों चढ़ते हैं पहाड़ : एमसीबी के गढ़वार ग्राम पंचायत में मोबाइल नेटवर्क नहीं है. इस वजह से इस गांव के लोगों को राशन के लिए पहाड़ पर पहले चढ़ना पड़ता है. वहां जाकर जब ई पॉस मशीन में नेटवर्क आता है तो ये उसमें फिंगर प्रिंट देते हैं. फिंगर प्रिंट लगने के बाद इस तरह पीडीएस संचालकों को राशन बांटने की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है. उसके बाद लोगों को राशन मिल पाता है.

राशन मिलना पहाड़ फतह करने जैसा: पूरे गांव में मोबाइल नेटवर्क नहीं है. जिस कारण से ई पॉस मशीन काम नहीं करता है, ऐसे में राशन वितरण करने वाले विक्रेताओं के साथ साथ पूरे राशनकार्ड हितग्राहियों को दो किलोमीटर दूर एक पहाड़ पर जाना पड़ता है, तब कहीं जाकर हितग्राहियों का फिंगर प्रिंट लगता है. उसके बाद राशन मिलता है. यहां गांव से दूर पहाड़ पर ही नेटवर्क मिल रहा है. इस तरह कि दिनचर्या से ग्रामीणों को भी सारे काम छोड़ कर पूरा दिन पहाड़ पर बैठना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि डीलर हमें संदेश भिजवा देते हैं कि राशन आ गया है. उसके बाद सभी लोग पहाड़ पर पहुंचते हैं और फिंगर प्रिंट लगाते हैं. इसके बाद ग्रामीणों को दो वक्त के निवाले के लिए राशन मिलता है.

"फिंगर प्रिंट लगाने के लिये बहुत परेशानी होती है. बुजुर्ग लोग यहां पहाड़ पर चढ़ते हैं, कभी भी गिर सकते हैं. शासन को थोड़ी पता है.हम लोग को पता है कि कैसे पहाड़ पर चढ़कर फिंगर लगाते हैं. शासन को चाहिये कि यहां टावर की व्यवस्था करें जिससे हम लोग को सुविधा मिल सके. ये समस्या हर महीने बनी रहती है.":अवधेश, ग्रामीण, गढ़वार ग्राम पंचायत

गांववालों ने की मोबाइल टावर लगाने की मांग: गांव वालों ने इस क्षेत्र में मोबाइल टावर लगाने की मांग की है. ग्रामीण राजीव घसिया ने कहा कि "पहाड़ में चढ़ते हैं. एक एक किलोमीटर से ज्यादा चढ़ना पड़ता है. फिंगर प्रिंट लगाने के लिए परेशान रहते हैं. हमारी सरकार से मांग है कि यहां मोबाइल नेटवर्क की सुविधा मिले". ग्रामीण राजू राम ने कहा कि, "यहां नेटवर्क की समस्या से काफी परेशानी होती है. हम राशन के लिए फिंगर प्रिंट लगाने पहाड़ पर नेटवर्क की कमी की वजह से जाते हैं. इसलिए यहां टेलीफोन सुविधा बहाल की जाए."

"टावर न रहने के कारण पहाड़ पर चढ़ना पड़ता है और उतरना पड़ता है. जिससे बहुत दिक्कत होती है. आधा एक दिन तो पहाड़ी पर चढ़ने उतरने में लग जाता है. बुजुर्ग लोग बैठ-बैठ कर चढ़ते उतरते हैं. टावर न रहने के कारण यह समस्या बनी रहती है. ऐसा करने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. गांव में मोबाइल नेटवर्क को बहाल किया जाए.": तेज बहादुर पंडो,ग्रामीण

गांव के सरपंच भी रहते हैं परेशान: रामफल पंडो ने बताया कि नेटवर्क न होने के कारण फिंगर लगाने के लिये पहाड़ी पर चढ़ना पड़ता है क्योंकि इस गांव में 382 राशन कार्डधारी हैं, इसकी शिकायत मैं खाद्य निरीक्षक और जिला खाद्य आधिकारी को किया हूं. लेकिन अभी तक कोई समस्या का समाधान नहीं हुआ है सभी कोई बोल रहे हैं कि ऑनलाइन होता तो ऑफ लाइन हो जाता लेकिन ऑनलाइन है तो ऑफ लाइन कैसे होगा, यही समस्या है. बरसात का मौसम है और पानी गिरने लगता है तो फिंगर लगाने में बहुत समस्या हो जाती है. नेटवर्क की समस्या होने के कारण पहाड़ी पर चढ़ कर फिंगर लगवाना पड़ता है.

छत्तीसगढ़ के कई गांवों दूर अंचलों में हैं. यहां कई दुर्गम स्थल और गांव हैं. इस वजह से मोबाइल की सुविधा और टेलीफोन की सुविधा का विस्तार यहां नहीं हो पाया है. गढ़वार गांव के लोग मोबाइल टावर नहीं होने और नेटवर्क नहीं होने की सितम झेल रहे हैं. ऐसे में अब देखना होगा कि इनकी समस्या का समाधान कब हो पाता है.

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