नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में बुधवार को भारत सरकार, त्रिपुरा सरकार, नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (ATTF) के प्रतिनिधियों ने त्रिपुरा शांति समझौते के ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया.
#WATCH | Delhi: After the signing of the Memorandum of Settlement, between Govt of India, Govt of Tripura, NLFT and ATTF, HM Amit Shah says, " this agreement is the 12th for the northeast and 3rd related to tripura. so far around 10,000 insurgents have surrendered, given up… pic.twitter.com/vVncMVtVbs
— ANI (@ANI) September 4, 2024
केंद्र सरकार, त्रिपुरा सरकार, एनएलएफटी और एटीटीएफ के बीच समझौता
केंद्र सरकार, त्रिपुरा सरकार, एनएलएफटी और एटीटीएफ के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "यह समझौता पूर्वोत्तर के लिए 12वां और त्रिपुरा से संबंधित तीसरा समझौता है. अब तक लगभग 10,000 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है, हथियार डाल दिए हैं और मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं... आज, एनएलएफटी और एटीटीएफ के आत्मसमर्पण और समझौते के साथ, लगभग 328 से अधिक सशस्त्र कैडर मुख्यधारा में शामिल हो जाएंगे..."
#WATCH | Delhi: After the signing of the Memorandum of Settlement, between Govt of India, Govt of Tripura, NLFT and ATTF, HM Amit Shah says, " ...this is a matter of joy for all of us that after the struggle that was ongoing for 35 years, you have given up weapons and joined the… pic.twitter.com/HN4a5qaQXv
— ANI (@ANI) September 4, 2024
क्या बोले अमित शाह?
अमित शाह ने कहा कि, "यह हम सबके लिए हर्ष का विषय है कि 35 सालों से चल रहे संघर्ष के बाद आप (उग्रवादी समूहों) हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हुए और संपूर्ण त्रिपुरा के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई. जब से पीएम मोदी देश के प्रधानमंत्री बने हैं, उन्होंने शांति और संवाद के माध्यम से देश के सामने सक्षम और विकसित पूर्वोत्तर का विजन पेश किया. पूर्वोत्तर के लोगों और दिल्ली के बीच बहुत दूरी थी. उन्होंने सड़क, रेल और हवाई संपर्क के माध्यम से न केवल इस दूरी को मिटाया बल्कि लोगों के दिलों के बीच की दूरी को भी मिटाया."
पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति और विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता
गृह मंत्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति और विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. उन्होंने कहा, "पूर्वोत्तर में हस्ताक्षरित सभी शांति समझौतों को सरकार ने लागू किया है." गृह मंत्री ने आगे कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित 2,500 करोड़ रुपये के विकास पैकेज को पूर्वोत्तर में लागू किया गया है. भारत सरकार, त्रिपुरा सरकार और एनएलएफटी और एटीटीएफ के प्रतिनिधियों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
उग्रवाद, हिंसा और संघर्ष से मुक्त विकसित पूर्वोत्तर
शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उग्रवाद, हिंसा और संघर्ष से मुक्त विकसित पूर्वोत्तर के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है. गृह मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति और समृद्धि लाने के लिए 12 महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें से तीन त्रिपुरा से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि इन समझौतों के कारण लगभग 10 हजार लोग हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हुए हैं.
समझौते की एक प्रति ईटीवी भारत के पास
बता दें कि, त्रिपुरा में 35 साल से चल रहा उग्रवाद बुधवार को समाप्त हो गया. समझौते के अनुसार, जिसकी एक प्रति ईटीवी भारत के पास है, भारत सरकार ने त्रिपुरा के आदिवासियों के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा लागू किए जाने वाले चार साल की अवधि के लिए 250 करोड़ रुपये की राशि के विशेष आर्थिक विकास पैकेज को मंजूरी दी है.
समझौते में कहा गया है कि, भारत सरकार और त्रिपुरा सरकार राज्य में शांति और सद्भाव लाने और कैडरों के पुनर्वास के लिए त्रिपुरा के आदिवासी सशस्त्र समूहों को शामिल करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है ताकि वे समाज में सामान्य जीवन जी सकें. गृह मंत्री अमित शाह, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा और एनएलएफटी और एटीटीएफ दोनों के शीर्ष नेताओं की उपस्थिति में नॉर्थ ब्लॉक में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. त्रिपुरा के मुख्य सचिव जेके सिन्हा और गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (पूर्वोत्तर) पीयूष गोयल भी हस्ताक्षर समारोह में मौजूद थे.
समझौते के अनुसार, एनएलएफटी और एटीटीएफ अब से किसी भी अन्य चरमपंथी,उग्रवादी,सशस्त्र समूहों को प्रशिक्षण, हथियारों की आपूर्ति, सुरक्षा प्रदान करने या अन्य तरीके से कोई समर्थन नहीं देंगे. इस पर बात करते हुए, टिपरा मोथा के संस्थापक प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मा ने कहा कि यह समझौता पूर्वोत्तर में लंबे समय तक शांति लाएगा. टिपरा मोथा पार्टी, जिसे टिपराहा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन के रूप में भी जाना जाता है, वर्तमान में त्रिपुरा विधानसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है.
देब बर्मा ने कहा कि, समझौते पर हस्ताक्षर ऐसे समय में हुआ जब पड़ोसी बांग्लादेश में बड़ी उथल-पुथल चल रही है. अगर किसी पड़ोसी देश में अराजकता होती है, तो इसका असर त्रिपुरा, असम और अन्य सहित पूर्वोत्तर राज्यों पर पड़ता है. हालांकि, दो उग्रवादी संगठनों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर होने से क्षेत्र में निश्चित रूप से शांति कायम होगी.
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