रायपुर: पीडिया के जंगल में हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ में 12 नक्सलियों के मारे जाने की घटना को कांग्रेस की जांच दल ने जांच के बाद फर्जी बताया. छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि ''सरकार निर्दोष और ग्रामीण आदिवासियों को नक्सली बताकर एनकाउंटर कर दिया. ग्रामीण जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने गए थे. इस दौरान उन्हें नक्सली बताकर मार दिया गया''. बैज ने मामले की हाईकोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में जांच की मांग की है.
फर्जी मुठभेड़ का लगाया आरोप: दीपक बैज ने कहा कि "10 मई 2024 को बीजापुर जिले के पीडिया के जंगल में ग्रामीण तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए गए हुए थे, तभी पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया. इसमें 12 नक्सलियों की मारे जाने का दावा पुलिस और सरकार कर रही है. घटना के तुरंत बाद स्थानीय ग्रामीणों ने इस मुठभेड़ को फर्जी बताया. इसके बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने घटना की हकीकत और सच्चाई जानने के लिए संतराम नेताम की नेतृत्व में आठ सदस्यीय जांच दल टीम का गठन किया. जांच दल की इस टीम में संयोजक संतराम नेताम, सदस्य गण माननीय विधायक इंद्र शाह मंडावी विक्रम मंडावी जनक लाल ध्रुव श्रीमती सावित्री मांडवी रजनू नेताम शंकर कुडियम और छविंद्र कर्मा की टीम बनी. 16 मई 2024 को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से गठित जांच दल बीजापुर से पीडिया के लिए निकली तो सरकार ने उन्हें कई जगह पर रोकने का प्रयास किया. ताकि वह घटनास्थल या एनकाउंटर स्थल तक ना पहुंच सके ग्रामीणों से ना मिल सके और हकीकत सामने ना आ सके''.
''ग्रामीणों ने मुठभेड़ को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. इसकी उच्च स्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिए. 10 मई की सुबह छह बजे गांव वाले तेंदू पत्ता तोड़ने पीडिया के जंगल में गए थे. निर्दोष गांव वालों पर गोलियां दागी गई. मामला गंभीर है लिहाजा एनकाउंटर की जांच उच्च न्यायालय के मौजूद न्यायाधीष की निगरानी में की जानी चाहिए. कांग्रेस पार्टी राज्य में नक्सलवाद और हिंसा के खिलाफ चल रहे सभी संवैधानिक और कानूनी प्रयासों में राज्य सरकार के साथ खड़ी है. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सुरक्षा बलों की कार्रवाई के दौरान कोई भी निर्दोष शख्स नहीं मारा जाना चाहिए. बस्तर में आदिवासियों के जीवन और संपत्ति की कीमत पर कोई भी समझौता या कार्रवाई को हम स्वीकार नहीं करेंगे''. - दीपक बैज, पीसीसी चीफ
10 मई को एनकाउंटर में 12 नक्सली हुए थे ढेर: ये कोई पहला मामला नहीं है जब बीजेपी के शासनकाल में हुए मुठभेड़ों पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. इसके पहले भी वो बस्तर में हुए एनकाउंटर पर सवाल उठाती रही है. पीडिया के जगंल में 10 मई 2024 को सर्चिंग पर निकले जवानों से नक्सलियों की मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ में जवानों ने 12 माओवादियों को ढेर कर दिया था. पुलिस की ओर से दावा किया गया था कि मारे गए सभी लोग नक्सली संगठन से जुड़े थे. मौके से हथियार भी बरामद हुआ था.