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'संविधान में संशोधन का प्रावधान आर्टिकल 368 के तहत संविधान में ही है', राज्यसभा में बोले अमित शाह - CONSTITUTION DEBATE

अमित शाह ने राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान सरदार वल्लभभाई पटेल को धन्यवाद दिया.

Parliament Winter Session Amit Shah Speech on Constitution debate in Rajya Sabha Updates
राज्यसभा में अमित शाह (X / @BJP4India)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 17, 2024, 7:11 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान कहा कि संविधान पर चर्चा युवाओं और अगली पीढ़ी के लिए सीख देने वाली होगी. उन्होंने कहा कि दोनों सदनों में संविधान पर हुई चर्चा युवाओं और अगली पीढ़ी के लिए बहुत शिक्षाप्रद होगी. लोग देखेंगे कि किस पार्टी ने संविधान को बरकरार रखा है.

शाह ने कहा, हमने दुनिया के विभिन्न देशों के संविधान से अच्छी बातों को लिया है, लेकिन हमने अपनी परंपराओं को नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा कि संविधान में वेदों और शास्त्रों के विचार लिए गए. उन्होंने कहा कि हमारा संविधान, संविधान सभा का गठन और संविधान बनाने की प्रक्रिया अनूठी है. उन्होंने कहा कि संविधान सभा में 22 धर्मों और पंथों से 299 सदस्य थे, साथ ही हर रियासत और राज्य का प्रतिनिधित्व था. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में 2 साल, 11 महीने और 18 महीने लगे.

संविधान पर अंबेडकर की सोच का हवाला
उन्होंने कहा कि संविधान की रचना के बाद भीमराव अंबेडकर ने बहुत सोच समझकर एक बात कही थी कि कोई संविधान कितना भी अच्छा हो, वह बुरा बन सकता है, अगर जिन पर उसे चलाने की जिम्मेदारी है, वो अच्छे नहीं हों. उसी तरह से कोई भी संविधान कितना भी बुरा हो, वो अच्छा साबित हो सकता है, अगर उसे चलाने वालों की भूमिका सकारात्मक और अच्छी हो. ये दोनों घटनाएं हमने संविधान के 75 साल के कालखंड में देखी हैं.

आर्टिकल 368 में संविधान संशोधन के लिए प्रावधान
उन्होंने कहा कि हमारे संविधान को कभी भी अपरिवर्तनशील नहीं माना गया. समय के साथ-साथ देश भी बदलना चाहिए, समय के साथ-साथ कानून भी परिवर्तन होना चाहिए और समय के साथ-साथ समाज भी बदलना चाहिए. परिवर्तन इस जीवन का मंत्र है, सत्य है. इसको हमारे संविधान सभा ने स्वीकार किया था, इसलिए आर्टिकल 368 में संविधान संशोधन के लिए प्रावधान किया गया था.

कांग्रेस ने 55 साल में 77 बदलाव किए
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा, "अभी कुछ नेता आए हैं और 54 साल की आयु में अपने आपको युवा कहते हैं और घूमते रहते हैं कि संविधान बदल देंगे, संविधान बदल देंगे. मैं उनको कहना चाहता हूं कि संविधान के प्रावधानों को बदलने का प्रोविजन आर्टिकल 368 के तहत संविधान में ही है. उन्होंने कहा, "मैं बताना चाहता हूं कि भाजपा ने 16 साल शासन किया और हमने संविधान में 22 बदलाव किए... कांग्रेस ने 55 साल शासन किया और 77 बदलाव किए..."

सरदार वल्लभभाई पटेल को धन्यवाद
शाह ने भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्हीं की बदौलत देश दुनिया का मजबूती से सामना कर पा रहा है. उन्होंने कहा कि जब हम संविधान को स्वीकार करने के 75 साल के बाद पीछे मुड़कर देखते हैं तो सरदार पटेल का मैं धन्यवाद करना चाहता हूं कि उनके अथक परिश्रम के कारण आज एक होकर देश मजबूती के साथ दुनिया के सामने खड़ा है. जो लोग कहते थे कि हम आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हो पाएंगे, उनको भी हमारी जनता ने, हमारे संविधान ने खूबसूरती से जवाब दिया है. आज हम दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर सम्मान के साथ खड़े हैं.

गृह मंत्री शाह ने कहा कि आज भारत जिस मुकाम पर पहुंचा है, उस मुकाम पर महर्षि अरविंद और स्वामी विवेकानंद की वो भविष्यवाणी सच होती दिखाई पड़ती है कि भारत माता अपनी देदीप्यमान ओजस्वी स्वरूप में जब खड़ी होंगी, तब दुनिया की आंखें चकाचौंध हो जाएंगी और पूरी दुनिया रोशनी के साथ भारत की ओर देखेगी.

यह भी पढ़ें- उद्धव ठाकरे ने CM फडणवीस से की मुलाकात, राजनीतिक गलियारों में हो रही चर्चा

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान कहा कि संविधान पर चर्चा युवाओं और अगली पीढ़ी के लिए सीख देने वाली होगी. उन्होंने कहा कि दोनों सदनों में संविधान पर हुई चर्चा युवाओं और अगली पीढ़ी के लिए बहुत शिक्षाप्रद होगी. लोग देखेंगे कि किस पार्टी ने संविधान को बरकरार रखा है.

शाह ने कहा, हमने दुनिया के विभिन्न देशों के संविधान से अच्छी बातों को लिया है, लेकिन हमने अपनी परंपराओं को नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा कि संविधान में वेदों और शास्त्रों के विचार लिए गए. उन्होंने कहा कि हमारा संविधान, संविधान सभा का गठन और संविधान बनाने की प्रक्रिया अनूठी है. उन्होंने कहा कि संविधान सभा में 22 धर्मों और पंथों से 299 सदस्य थे, साथ ही हर रियासत और राज्य का प्रतिनिधित्व था. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में 2 साल, 11 महीने और 18 महीने लगे.

संविधान पर अंबेडकर की सोच का हवाला
उन्होंने कहा कि संविधान की रचना के बाद भीमराव अंबेडकर ने बहुत सोच समझकर एक बात कही थी कि कोई संविधान कितना भी अच्छा हो, वह बुरा बन सकता है, अगर जिन पर उसे चलाने की जिम्मेदारी है, वो अच्छे नहीं हों. उसी तरह से कोई भी संविधान कितना भी बुरा हो, वो अच्छा साबित हो सकता है, अगर उसे चलाने वालों की भूमिका सकारात्मक और अच्छी हो. ये दोनों घटनाएं हमने संविधान के 75 साल के कालखंड में देखी हैं.

आर्टिकल 368 में संविधान संशोधन के लिए प्रावधान
उन्होंने कहा कि हमारे संविधान को कभी भी अपरिवर्तनशील नहीं माना गया. समय के साथ-साथ देश भी बदलना चाहिए, समय के साथ-साथ कानून भी परिवर्तन होना चाहिए और समय के साथ-साथ समाज भी बदलना चाहिए. परिवर्तन इस जीवन का मंत्र है, सत्य है. इसको हमारे संविधान सभा ने स्वीकार किया था, इसलिए आर्टिकल 368 में संविधान संशोधन के लिए प्रावधान किया गया था.

कांग्रेस ने 55 साल में 77 बदलाव किए
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा, "अभी कुछ नेता आए हैं और 54 साल की आयु में अपने आपको युवा कहते हैं और घूमते रहते हैं कि संविधान बदल देंगे, संविधान बदल देंगे. मैं उनको कहना चाहता हूं कि संविधान के प्रावधानों को बदलने का प्रोविजन आर्टिकल 368 के तहत संविधान में ही है. उन्होंने कहा, "मैं बताना चाहता हूं कि भाजपा ने 16 साल शासन किया और हमने संविधान में 22 बदलाव किए... कांग्रेस ने 55 साल शासन किया और 77 बदलाव किए..."

सरदार वल्लभभाई पटेल को धन्यवाद
शाह ने भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्हीं की बदौलत देश दुनिया का मजबूती से सामना कर पा रहा है. उन्होंने कहा कि जब हम संविधान को स्वीकार करने के 75 साल के बाद पीछे मुड़कर देखते हैं तो सरदार पटेल का मैं धन्यवाद करना चाहता हूं कि उनके अथक परिश्रम के कारण आज एक होकर देश मजबूती के साथ दुनिया के सामने खड़ा है. जो लोग कहते थे कि हम आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हो पाएंगे, उनको भी हमारी जनता ने, हमारे संविधान ने खूबसूरती से जवाब दिया है. आज हम दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर सम्मान के साथ खड़े हैं.

गृह मंत्री शाह ने कहा कि आज भारत जिस मुकाम पर पहुंचा है, उस मुकाम पर महर्षि अरविंद और स्वामी विवेकानंद की वो भविष्यवाणी सच होती दिखाई पड़ती है कि भारत माता अपनी देदीप्यमान ओजस्वी स्वरूप में जब खड़ी होंगी, तब दुनिया की आंखें चकाचौंध हो जाएंगी और पूरी दुनिया रोशनी के साथ भारत की ओर देखेगी.

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