नई दिल्ली: लोकसभा में अध्यक्ष की कुर्सी के बगल में स्थापित 'सेंगोल' इस संसद सत्र का नया मुद्दा बन गया है. विपक्षी सांसदों ने लोकतंत्र में इसकी प्रासंगिकता पर सवाल उठाए हैं और भाजपा ने उन पर भारतीय संस्कृति का अनादर करने का आरोप लगाया है.
समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे गए पत्र के बाद 'सेंगोल' पर बहस शुरू हो गई है. मोहनलालगंज के सांसद ने कहा है कि 'सेंगोल' की जगह संविधान की प्रति रखनी चाहिए.
#WATCH | Samajwadi Party Lok Sabha MP RK Chaudhary says, " the constitution is the symbol of democracy. in its previous tenure, the bjp govt under the leadership of pm modi installed 'sengol' in parliament. 'sengol' means 'raj-dand'. it also means 'raja ka danda'. after ending the… pic.twitter.com/LXM8iS0ssO
— ANI (@ANI) June 26, 2024
उन्होंने लिखा कि संविधान को अपनाने से देश में लोकतंत्र की शुरुआत हुई और संविधान इसका प्रतीक है. बीजेपी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में स्पीकर की कुर्सी के बगल में 'सेंगोल' स्थापित किया. सेंगोल एक तमिल शब्द है जिसका अर्थ राजदंड होता है. राजदंड का अर्थ राजा की छड़ी भी होता है. राजाओं के युग के बाद हम स्वतंत्र हो गए हैं.
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि अब, हर पुरुष और महिला जो एक योग्य मतदाता है, इस देश को चलाने के लिए सरकार चुनता है. उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि क्या देश संविधान से चलेगा या राजा की छड़ी से? उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री ने मांग की कि 'लोकतंत्र को बचाने' के लिए 'सेंगोल' को संविधान की एक प्रति से बदला जाना चाहिए.
#WATCH | Delhi: On Samajwadi Party MP RK Chaudhary's comment on Sengol, Samajwadi Party MP Virendra Singh says, " the slogan of '400 paar' was given because they (bjp) wanted to change the constitution and replace democracy with the monarchy. however, the public understood their… pic.twitter.com/tgMhhCusxo
— ANI (@ANI) June 27, 2024
उत्तर प्रदेश में 37 सीटें जीतकर अखिलेश यादव के नेतृत्व में शानदार प्रदर्शन करने के बाद समाजवादी पार्टी इस लोकसभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद बी मणिकम टैगोर ने 'सेंगोल' विवाद पर समाजवादी पार्टी के सांसद की बात दोहराई.
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम बहुत स्पष्ट हैं कि 'सेंगोल' राजशाही का प्रतीक है और राज-युग समाप्त हो गया है. हमें लोगों के लोकतंत्र और संविधान का जश्न मनाना चाहिए. चौधरी की मांग का समर्थन राजद सांसद और लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती ने भी किया. उन्होंने कहा कि जिसने भी यह मांग की है, मैं उसका स्वागत करती हूं.
#WATCH | On SP MP RK Chaudhary's 'Sengol' means 'Raja ka Danda' remark, BJP Spokesperson Shehzad Poonawalla says, " the samajwadi party has opposed sengol in parliament. it says that it is 'raja ka dand', if it was 'raja ka dand', why did jawaharlal nehru accept the sengol? this… pic.twitter.com/gEB6Vyog7g
— ANI (@ANI) June 27, 2024
इस बीच, भाजपा ने विपक्ष पर 'संगोल' हमले को लेकर पलटवार किया है. भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने संसद में सेंगोल का विरोध किया है. उनका कहना है कि यह 'राजा का डंडा' है, अगर यह 'राजा का डंडा' होता तो जवाहरलाल नेहरू ने सेंगोल को क्यों स्वीकार किया? यह समाजवादी पार्टी की मानसिकता को दर्शाता है. पहले उन्होंने रामचरितमानस पर हमला किया और उसे गाली दी, अब सेंगोल को, जो भारतीय और तमिल संस्कृति का हिस्सा है.
क्या डीएमके सेंगोल के इस तरह के अपमान का समर्थन करती है, उन्हें स्पष्ट करना चाहिए. सवाल यह है कि दशकों से सेंगोल को लाठी बनाने की मानसिकता एक बार फिर समाजवादी पार्टी के रूप में सामने आई है. वे भारतीय संस्कृति का सम्मान नहीं करते, वे तमिल संस्कृति का सम्मान नहीं करते और इसलिए वे फिर से सेंगोल का अपमान कर रहे हैं. डीएमके को इस पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए.
भाजपा सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा कि उन्हें सेंगोल का मूल्य और राजनीतिक निहितार्थ नहीं पता है. यह इस देश के शासन में नैतिक मूल्यों की स्थापना का प्रतीक है. सेंगोल इसलिए है ताकि कोई पीएम अराजकता, तानाशाही और आपातकालीन व्यवस्था स्थापित न कर सके.