यूपी से निर्दलीय सांसद कपिल सिब्बल का कहना है कि बजट का प्राथमिक फोकस देश को आर्थिक दलदल से बाहर निकालना होना चाहिए था, जिस पर ध्यान नहीं दिया गया. उनका कहना है कि नौकरियों जैसे कई मोर्चों पर प्रगति के लिए कोई रोडमैप नहीं है. वे कहते हैं कि हर बजट, आखिरकार, एक राजनीतिक बयान होता है. मामले की सच्चाई यह है कि आप एक गठबंधन सरकार चला रहे हैं. जब तक इन दो लोगों को आप खुश नहीं रखेंगे आपकी सरकार नहीं चलेगी. इसलिए आपका आवंटन इन लोगों की मांगों के अनुरूप होना चाहिए, वे कहते हैं, इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
वे पूछते हैं कि एआई के कारण जो नौकरियां खत्म होंगी, उनका समाधान कौन कर रहा है. उन्होंने कहा कि इस देश को राजनीति पर नहीं, बल्कि मुद्दों पर ध्यान देने वाले दिमाग की जरूरत है. उन्होंने कहा कि राष्ट्र पहले आता है.
उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित और पुनर्गठित करने की जरूरत है, ताकि शिक्षा में कौशल लाया जा सके. सिब्बल ने कहा कि 15वें वित्त आयोग ने कहा था कि केंद्र के फंड का 41% हिस्सा राज्यों को जाना चाहिए, लेकिन अब उन्हें 32% मिल रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार केंद्र की ओर से शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों पर किए जाने वाले खर्च पर नजर नहीं रख पाती है.