नई दिल्ली : संसद की कार्यवाही शनिवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गयी और इसके साथ ही बजट सत्र का समापन हो गया. इस दौरान अंतरिम आम बजट, जम्मू कश्मीर के अंतरिम बजट, परीक्षा पत्र लीक होने के विरुद्ध लाये गये विधेयक सहित कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया गया तथा अर्थव्यवस्था के बारे में सरकार द्वारा लाये गये श्वेत पत्र एवं अयोध्या में राम मंदिर निर्माण व रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर भी चर्चा की गयी.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सत्रहवीं लोकसभा के अंतिम सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में इस दौरान विभिन्न विधेयक पारित करवाने में विभिन्न दलों के सहयोग का उल्लेख किया. राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने उच्च सदन की बैठक को अनिश्चित काल के लिए स्थगित किए जाने से पहले इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि सत्र के दौरान उच्च सदन ने कई दिन निर्धारित समय से अधिक बैठकर विधायी एवं अन्य सूचीबद्ध कामों को पूरा किया. दोनों सदनों को अनिश्चित काल के स्थगित किये जाने के समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोनों सदनों में मौजूद थे.
बजट सत्र 31 जनवरी को राष्ट्रपति द्वारा संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ शुरू हुआ. नये संसद भवन में यह राष्ट्रपति का पहला अभिभाषण था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया. दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई और जिसका जवाब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिया. इसी के साथ दोनों सदनों में अंतरिम बजट एवं जम्मू कश्मीर के अंतरिम बजट पर चर्चा कर उन्हें मंजूरी दी गयी.
बजट सत्र के दौरान, परीक्षापत्रों को लीक होने से रोकने के मकसद से लाये गये लोक परीक्षा अनुचित साधनों का निवारण विधेयक 2024, विभिन्न जातियों को अनुसूचित जाति एवं जनजाति की सूची में डालने से संबंधित विधेयक सहित प्रमुख विधेयक पारित किये गये. इस सत्र के दौरान अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में सरकार द्वारा लाये गये श्वेत पत्र तथा अयोध्या में ‘श्रीराम मंदिर के ऐतिहासिक मंदिर निर्माण और श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा’ के बारे में भी चर्चा हुई. सत्र नौ फरवरी तक प्रस्तावित था किंतु बाद में इसे एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया.
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