भिवानी: पेरिस ओलंपिक की शुरुआत 26 जुलाई से हो रही है. इस बार भी हरियाणा के खिलाड़ी देश को ज्यादातर पदक दिलाने के लिए फिर से तैयार है. दरअसल, इस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले 50 फीसदी खिलाड़ी केवल हरियाणा से है. इनमें मुक्केबाजों की 6 सदस्यीय टीम में 4 हरियाणा के हैं. हरियाणा के भिवानी से मुक्केबाज जैस्मिन लंबोरिया 57 किलोग्राम भार वर्ग में देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. जैस्मिन की तैयारियों को देखकर लग रहा है कि अबकी बार देश के लिए गोल्ड लेकर ही लौटेंगी.
जैस्मिन के चाचा हैं कोच: जैस्मिन के चाचा संदीप ही उसके कोच भी हैं. उन्होंने बताया कि जैस्मिन रोज 6 घंटे प्रैक्टिस करती है. उसने बॉक्सिंग के गुर घर में ही सीखे हैं और बाद में अकादमी में दाखिला लिया. 4 इंटरनेशनल मेडल वो जीत चुकी हैं. इस साल ही ओलंपिक पहली बार खेल रही हैं. उनका कहना है कि उन्हें पक्का विश्वास है कि इस बार जैस्मिन स्वर्ण पदक लेकर जरुर आएगी. उन्होंने बताया कि जैस्मिन का पहला मुकाबला 30 जुलाई को है. 57 किलोग्राम भार वर्ग में कुल 22 मुक्केबाज भाग लेंगे. 3 राऊंड जीतने के बाद उनका मैडल पक्का हो जाएगा. 30 के बाद अगले मुकाबले 2 अगस्त, 4 अगस्त, 7 अगस्त और 10 अगस्त को रहेंगे.
चाचा-परदादा से मिली बॉक्सिंग की प्रेरणा: जैस्मिन के घर में उनकी अलमारी में रखे मेडल व ट्रॉफियों को देखकर जैस्मिन को बड़ा अच्छा लगता था और जैस्मिन इन ट्रॉफियों के साथ खेलती थी. बॉक्सिंग की शुरुआत की बात करें तो जैस्मिन लंबोरिया ने 2016 में दसवीं कक्षा में पढ़ते-पढ़ते परदादा और चाचा से प्रेरित होकर बॉक्सिंग खेलना शुरू किया था. घर में दो चाचा बॉक्सर होने के कारण जैस्मिन ने अभ्यास में मुश्किल नहीं झेली. 2001 में जन्मी जैस्मिन 57 किलोग्राम में भार वर्ग में मुक्केबाजी का प्रतिनिधित्व कर रही हैं.
जैस्मिन की सफलता: जैस्मिन लंबोरिया ने साल 2021 में एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल, 2021 में इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल, 2022 में कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक प्राप्त किया था. साल 2023 में वह एशियन चैंपियनशिप में क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी. इसके अलावा, जैस्मिन ने ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता. जैस्मिन को पदक प्राप्त करने के लिए कम से कम तीन मैच खेलने होंगे. जैस्मिन का पहला मैच 30 जुलाई को होगा.
पिता ने बॉक्सिंग खेलने से किया था इनकार: सेना में ज्वाइन करने वाली पहली महिला बॉक्सर जैस्मिन के घर में खेल का माहौल था. इसलिए जैस्मिन का एथलेटिक्स और क्रिकेट खेलने का मन था. उन्होंने बॉक्सिंग में जाने का निर्णय लिया तो पिता ने समाज का कारण बता कर खेलने से मना कर दिया. जैस्मिन के पिता जयवीर लंबोरिया होमगार्ड हैं. मां जोगिंद्रा कौर गृहणी है. चाचा संदीप और परविंदर भी इंटरनेशनल मुक्केबाज है. जैस्मिन की बॉक्सिंग में छठी रैंकिंग है. चार भाई-बहनों में जैस्मिन तीसरे नंबर पर हैं.
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