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हरियाणवी छोरे का कमाल, पैरालंपिक रिकॉर्ड के साथ सुमित अंतिल ने जीता गोल्ड, टूटे सपनों के बाद भी आसमान छूने की ख्वाईश को किया पूरा - sumit antil won gold - SUMIT ANTIL WON GOLD

Sumit Antil Won Gold: पेरिस पैरालंपिक 2024 में हरियाणा के सुमित अंतिल ने मेडल की झड़ी लगा दी है. पैरालंपिक 2024 में भारत का यह 14वां मेडल है. पुरुषों की भाला फेंक F64 श्रेणी में अपने पैरालंपिक स्वर्ण पदक का बचाव करते हुए सर्वोच्च स्थान हासिल किया. सुमित अंतिल ने लगातार दूसरी बार गोल्ड जीता है. रिकॉर्ड जीत के साथ सुमित लगातार दो बार गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं. सुमित अंतिल के संघर्ष भरे सफर पर रिपोर्ट के जरिए एक नजर

Sumit Antil Won Gold
Sumit Antil Won Gold (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 3, 2024, 12:50 PM IST

Updated : Sep 3, 2024, 3:45 PM IST

सुमित अंतिल का घर लौटने का इंतजार (Etv Bharat)

सोनीपत: पेरिस पैरालंपिक 2024 में हरियाणा के छोरों का जलवा बरकरार है. नितेश कुमार के बाद अब सुमित अंतिल ने मेन्स जैवलिन थ्रो एफ 64 में गोल्ड मेडल पर जीत दर्ज की है. सुमित ने अपने दूसरे प्रयास में 70.59 मीटर की दूरी तक भाला फेंक कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया है. देश के लिए और प्रदेश के लिए खास बात ये है कि लगातार दूसरी बार सुमित अंतिल ने गोल्ड मेडल जीता है. सुमित ऐसे पहले भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने लगातार दूसरे पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीता है.

जब चकनाचूर हुए थे खिलाड़ी के सपने: सोनीपत में खेवड़ा गांव के रहने वाले सुमित अंतिल 16 साल की आयु में जब 12वीं क्लास में पढ़ रहे थे, उस समय साल 2016 में वह अपने ट्यूशन क्लास खत्म करके घर वापस लौट रहे थे. तब एक अज्ञात वाहन ने सुमित को टक्कर मार दी थी. जिसके बाद डॉक्टरों को उसका एक पैर काटना पड़ा था. उस वाहन ने न सिर्फ सुमित के पांव को कुचला था, बल्कि उसके सपनों को भी चकनाचूर कर दिया था. लेकिन इस खिलाड़ी ने हार नहीं मानी और अपने बुलंद हौसलों से खुद को इस हादसे के सदमे से बाहर निकाला.

हादसे के बाद भी नहीं हारी हिम्मत: सुमित ने हादसे के बाद अपना रुख पैरा गेम्स की ओर किया. अब पिछले टोक्यो ओलंपिक में भी सुमित ने जेवलिन थ्रो के एफ 64 इवेंट में गोल्ड मेडल जीता और इस साल भी पैरालंपिक में गोल्ड जीतकर देश का मान बढ़ाया. विदेशी धरती पर भारत का राष्ट्रगान की गूंज सुनने को मिली और तिरंगा झंडा फहराया गया. सुमित अंतिल की मां निर्मला देवी ने बताया कि बेटे उपलब्धि पर पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. गांव में आतिशबाजी और पटाखे फोड़े गए. बेटा जब घर से गया था, तो यह कहकर गया था कि मां गोल्ड मेडल लेकर वापिस लौटूंगा. उसने यह करके दिखा दिया. उन्होंने बताया कि सुमित को चाय बहुत पसंद है और वह भारतीय खाने का बड़ा शौकीन है. देसी खाना खाता है.

सुमित के परिजनों में खुशी की लहर: सुमित अंतिल की पत्नी शीतल भी अपने पति के इस कारनामे पर गदगद नजर आ रही है. उन्होंने बताया कि जब सुमित पेरिस गए थे, तो उन्होंने कहा था कि वह गोल्ड लेकर देश लौटेंगे. सुमित ने अपना वादा पूरा किया है. मेडल जीतने के बाद सुमित से बात हुई थी. सुमित बड़े खुश नजर आ रहे थे और सुमित खुश थे. उनके गोल्ड जीतने पर खुशी हो रही है. मिठाई बांटी जा रही है. त्योहार जैसा माहौल बना हुआ है.

ये भी पढ़ें: Asian Para Games 2023 Sumit Antil Javelin Gold: सुमित अंतिल की मां ने बताई संघर्ष की कहानी,12 वीं कक्षा में पैर खोने के बाद भी नहीं मानी हार,पैरा एशियन गेम्स में जीता गोल्ड

ये भी पढ़ें: जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल को पद्मश्री, ETV Bharat से खास बातचीत में युवाओं को दिया ये संदेश

सुमित अंतिल का घर लौटने का इंतजार (Etv Bharat)

सोनीपत: पेरिस पैरालंपिक 2024 में हरियाणा के छोरों का जलवा बरकरार है. नितेश कुमार के बाद अब सुमित अंतिल ने मेन्स जैवलिन थ्रो एफ 64 में गोल्ड मेडल पर जीत दर्ज की है. सुमित ने अपने दूसरे प्रयास में 70.59 मीटर की दूरी तक भाला फेंक कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया है. देश के लिए और प्रदेश के लिए खास बात ये है कि लगातार दूसरी बार सुमित अंतिल ने गोल्ड मेडल जीता है. सुमित ऐसे पहले भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने लगातार दूसरे पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीता है.

जब चकनाचूर हुए थे खिलाड़ी के सपने: सोनीपत में खेवड़ा गांव के रहने वाले सुमित अंतिल 16 साल की आयु में जब 12वीं क्लास में पढ़ रहे थे, उस समय साल 2016 में वह अपने ट्यूशन क्लास खत्म करके घर वापस लौट रहे थे. तब एक अज्ञात वाहन ने सुमित को टक्कर मार दी थी. जिसके बाद डॉक्टरों को उसका एक पैर काटना पड़ा था. उस वाहन ने न सिर्फ सुमित के पांव को कुचला था, बल्कि उसके सपनों को भी चकनाचूर कर दिया था. लेकिन इस खिलाड़ी ने हार नहीं मानी और अपने बुलंद हौसलों से खुद को इस हादसे के सदमे से बाहर निकाला.

हादसे के बाद भी नहीं हारी हिम्मत: सुमित ने हादसे के बाद अपना रुख पैरा गेम्स की ओर किया. अब पिछले टोक्यो ओलंपिक में भी सुमित ने जेवलिन थ्रो के एफ 64 इवेंट में गोल्ड मेडल जीता और इस साल भी पैरालंपिक में गोल्ड जीतकर देश का मान बढ़ाया. विदेशी धरती पर भारत का राष्ट्रगान की गूंज सुनने को मिली और तिरंगा झंडा फहराया गया. सुमित अंतिल की मां निर्मला देवी ने बताया कि बेटे उपलब्धि पर पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. गांव में आतिशबाजी और पटाखे फोड़े गए. बेटा जब घर से गया था, तो यह कहकर गया था कि मां गोल्ड मेडल लेकर वापिस लौटूंगा. उसने यह करके दिखा दिया. उन्होंने बताया कि सुमित को चाय बहुत पसंद है और वह भारतीय खाने का बड़ा शौकीन है. देसी खाना खाता है.

सुमित के परिजनों में खुशी की लहर: सुमित अंतिल की पत्नी शीतल भी अपने पति के इस कारनामे पर गदगद नजर आ रही है. उन्होंने बताया कि जब सुमित पेरिस गए थे, तो उन्होंने कहा था कि वह गोल्ड लेकर देश लौटेंगे. सुमित ने अपना वादा पूरा किया है. मेडल जीतने के बाद सुमित से बात हुई थी. सुमित बड़े खुश नजर आ रहे थे और सुमित खुश थे. उनके गोल्ड जीतने पर खुशी हो रही है. मिठाई बांटी जा रही है. त्योहार जैसा माहौल बना हुआ है.

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Last Updated : Sep 3, 2024, 3:45 PM IST
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