भोपाल। राधा रानी को लेकर दिए गए बयान से कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के खिलाफ संत समाज में नाराजगी देखने को मिली थी. इसी विरोध को देखते हुए शनिवार को पं प्रदीप मिश्रा बरसाना पहुंचे और दंडवत प्रणाम करते हुए श्रीजी मंदिर में नाक रगड़कर माफी मांगी है. मंदिर से बाहर निकलने के बाद प्रदीप मिश्रा ने ब्रज वासियों से माफी मांगी. इस विवाद की वजह से पंडित प्रदीप मिश्रा को लगातार धमकियां मिल रही थीं. इसी वजह से राधारानी मंदिर में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई थी. माफी मांगने के बाद प्रदीप मिश्रा ने कहा कि मैं ब्रजवासियों के प्रेम के कारण यहां पहुंचा हूं.
प्रदीप मिश्रा ने ब्रजवासियों से भी मांगी माफी
पत्रकारों से बातचीत करते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि "मेरी वाणी से किसी को ठेस पहुंची है, तो उसके लिए माफी मांगता हूं. मैं ब्रजवासियों के चरणों में दंडवत माफी मांगता हूं. मैं लाडली जी और बरसाना सरकार से क्षमा चाहता हूं. मेरा सभी से निवेदन है कि कोई किसी को अपशब्द नहीं कहे केवल राधे-राधे और महादेव कहें. आपको बता दें कि राधारानी विवाद पर 24 जून को मथुरा में ब्रज के संतों व लोगों के द्वारा एक महापंचायत बुलाई गई थी. इस महापंचायत में प्रदीप मिश्रा को 4 दिनों के अंदर मांफी मांगने का अल्टीमेटम दिया गया था. साथ ही अगर प्रदीप मिश्रा के द्वारा माफी नहीं मांगी जाती तो ब्रज मंडल में उनके प्रवेश पर रोक लगाए जाने की बात कही गई थी.
माफी के पहले दिल्ली में ब्रज के संतों से मुलाकात
पंडित प्रदीप मिश्रा 28 जून की रात को अचानक भोपाल से दिल्ली पहुंचे. शनिवार सुबह उनकी ब्रज धाम के कुछ संतों से दिल्ली में मुलाकात हुई. यहां संतों ने प्रदीप मिश्रा को माफी मांगना ही विकल्प बताया. उन्होंने कहा कि ब्रज में उनके खिलाफ लोगों में काफी नाराजगी है. इसके बाद प्रदीप मिश्रा बरसाना रवाना हो गए.
किसी को नहीं थी उनके पहुंचने की सूचना
उनके पहुंचने से पहले बरसाना के राधा रानी मंदिर में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई. इधर ब्रज के संतों को भी यूपी सरकार से जानकारी मिली थी कि पंडित प्रदीप मिश्रा बरसाना में माफी मांगेगे. इस दौरान वहां के अधिकारियों को भी सुरक्षा के तमाम इंतजामात करने के निर्देश दिए गए थे. इसकी सूचना किसी को भी नहीं दी गई थी कि प्रदीप मिश्रा वहां पहुंचेंगे.
प्रदीप मिश्रा के साथ धक्का-मुक्की
प्रदीप मिश्रा सुबह 11 बजे के लगभग बरसाना मंदिर पहुंचे थे, इस दौरान यहां उनके साथ धक्का-मुक्की की गई. कुछ लोगों ने उनके अंगवस्त्र भी खींचे और उन्हें नाक रगड़वाने और कान पकड़वाने के लिए मजबूर किया. इस दौरान वे कुछ असहज भी दिखाई दिए.
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पंडित प्रदीप मिश्रा ने दिया था ये बयान
दरअसल, हाल ही में ओंकारेश्वर में अपने प्रवचन के दौरान पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा था कि "राधा जी के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था. राधा जी का विवाह छाता में हुआ था. राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं. बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी. जहां वह साल भर में एक बार आती थीं." बस इसी बयान को लेकर उनका विरोध किया जा रहा था.
लव जिहाद और कृष्ण जन्मभूमि पर सुनिए क्या बोले पंडित प्रदीप मिश्रा,बेटियां रखें कटार @ETVBharatMP @ChitranshDhadse @PanditPradeepM @panditmishraji#lovejihaad @VHPDigital @ujjainmahakal#panditpradeepmishrasehorewale #panditpradeepmishraji https://t.co/bSegNzxDxf pic.twitter.com/wQC84QoQYa
— Adarsh Chourasia (@imadarshjourno) June 14, 2023
सजा के बाद संत समाज को क्या हासिल हुआ?
पंडित प्रदीप मिश्रा की सजा के बाद उनकी धर्म को लेकर एकजुटता देखने को मिली. मगर साथ ही दबी जुबान में संतों का एक वर्ग ऐसा भी है जो बोल रहा है कि इस घटना के बाद साफ हो गया कि फिलहाल संत समाज विचारों की भिन्नता को पूरी तरह एक्सेप्ट नहीं कर पा रहा. फोन पर बातचीत में उज्जैन से लेकर भोपाल तक के संतों ने कहा कि सहनशीलता सनातन की प्रकृति है. मगर फिलहाल इसे पूरी तरह से विकसित होने में वक्त लगेगा. हालांकि वो अपने नाम के साथ यह बयान छापने के लिए तैयार नहीं हैं. उनका कहना है कि इससे धर्म ध्वजा उंचा फहराया कहना मुश्किल है.