पालघर: पाकिस्तान जेल में बंद पालघर जिले के दहानू तालुक के एक नाविक की जेल में मौत हो गई है. मृत नाविक की पहचान विनोद लक्ष्मण कोल (55) के रूप में की गई है. विनोद लक्ष्मण कोल मछली पकड़ते समय गलती से पाकिस्तान के क्षेत्र में चला गया था. डेढ़ महीने बाद भी विनोद के परिवार को उनका शव नहीं मिला है, इससे परिजन कड़ी नाराजगी जता रहे हैं.
विनोद और उनके साथी 25 सितंबर 2022 को गुजरात के ओखा बंदरगाह से मछली पकड़ने वाली नाव मत्स्यगंधा के साथ मछली पकड़ने के लिए अरब सागर गए थे. वह गलती से भारत की सीमा पार कर पाकिस्तान में घुस गया. उसे 27 सितंबर 2022 को पाकिस्तान तटरक्षक बल ने गिरफ्तार कर लिया था. इसमें नौ नाविक थे. सात नाविक दहानु तालुक के आदिवासी थे.
नाविकों की अदला-बदली में भी उसे नहीं रिहा किया गया. अब जब उसकी मौत की खबर आई है तो परिवार में मातम पसर गया है. विनोद के परिवार में उनकी पत्नी साखू, बेटियां भारती (विवाहित), मालती, वृत्तिका, कल्पित और बेटे चिराग और पिंटू हैं.
पाकिस्तानी जेलों में ये नाविक: नवश्या महद्या भीमरा, सरिता सोन्या उमरसदा, कृष्णा रामज बुजाद, विजय मोहन नागवासी, विनोद लक्ष्मण कोल, जयराम जन्य सालकर, उधरा रमन पाडवी को गिरफ्तार किया गया था. इनमें से विनोद की कराची की जेल में मौत हो गई. उसे 8 मार्च को बाथरूम में दौरा पड़ा. इलाज के दौरान 18 मार्च को उनकी मृत्यु हो गई.
विनोद के परिवार ने कहा, 'हमें कोई मदद नहीं चाहिए, बस शव सौंप दें.' वरिष्ठ पत्रकार जतिन देसाई ने बताया कि विनोद का पार्थिव शरीर 30 अप्रैल या 1 मई को भारत आएगा.
पाकिस्तान में 183 भारतीय कैदी: फिलहाल पाकिस्तान की अलग-अलग जेलों में कुल 183 भारतीय कैदी हैं. देसाई ने बताया कि 30 तारीख को 35 कैदियों को रिहा किया जाएगा. मछुआरे और नाविक गरीब हैं और अपना पेट भरने के लिए समुद्र में जाते हैं. समुद्र में रहते हुए उन्हें भारत और पाकिस्तान के बीच समुद्री सीमा का पता नहीं चलता. जहां मछलियां मिलती हैं, वे मछली पकड़ने चले जाते हैं. इसलिए उन्हें गिरफ्तार करना गलत है. देसाई ने मांग की है कि प्रारंभिक जांच के बाद उन्हें वापस उनके देश छोड़ दिया जाना चाहिए.