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जम्मू-कश्मीर : चुने गए 90 विधायकों में से 70 फीसदी से अधिक ग्रेजुएट

Jammu And Kashmir Assembly, जम्मू कश्मीर विधानसभा में चुने गए विधायकों में से 70 फीसदी से अधिक स्नातक हैं. नौ के खिलाफ क्रिमिनल केस हैं.

Association for Democratic Reforms
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 12, 2024, 9:04 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए चुने गए 90 विधायकों में से 70 फीसदी से अधिक ने अपनी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता ग्रेजुएट बताई है और इनमें से तीन के पास डॉक्टरेट की डिग्री है. गैर सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (ADR) द्वारा संकलित आंकड़ों के मुताबिक, हाल में हुए विधानसभा चुनावों में विजयी हुए तीन डॉक्टरेट डिग्री धारक विधायक भाजपा के नेता हैं. इसके अलावा भाजपा के छह विधायक पेशेवर डिग्री वाले स्नातक और चार स्नातकोत्तर हैं.

नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC), जो 42 सीटों के साथ चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, उसके विधायक दल में 16 पेशेवर डिग्री वाले स्नातक और पांच स्नातकोत्तर हैं. वहीं भाजपा के आठ विधायकों ने मैट्रिकुलेशन को अपनी उच्चतम शैक्षणिक योग्यता घोषित किया है, जबकि एनसी में ऐसे विधायकों की संख्या सिर्फ एक है. साथ ही भाजपा के दो विधायक ऐसे हैं जिन्होंने कक्षा-10 की परीक्षा पास नहीं की है, जबकि इस श्रेणी में एक एनसी विधायक है.

वहीं भाजपा के चार विधायक ऐसे हैं जिन्होंने 12वीं की परीक्षा पास की है, जबकि नेशनल कांफ्रेंस में ऐसे विधायकों की संख्या छह है. नए विधानसभा सदस्यों की शैक्षणिक योग्यता के समग्र विश्लेषण से पता चलता है कि चार विधायकों ने 10वीं की परीक्षा पास नहीं की है, जबकि नौ मैट्रिक पास हैं. एक दर्जन विधायकों के लिए 12वीं उच्चतम शैक्षणिक योग्यता है.

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की पहली विधानसभा के सदस्य 16 स्नातक और 32 स्नातक पेशेवर डिग्री वाले हैं, जबकि 12 सदस्यों ने स्नातकोत्तर डिग्री पूरी की है. सदन में तीन डॉक्टरेट डिग्री धारक और दो डिप्लोमा धारक भी हैं. एडीआर के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि 90 विधायकों में से नौ के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से आठ पर गंभीर आरोप हैं. इनमें पांच या उससे अधिक साल की जेल की सजा हो सकती है. वहीं पांच विधायक नेशनल कांफ्रेंस के हैं, जिनमें से चार पर गंभीर आरोप हैं, जबकि दो भाजपा विधायकों पर भी गंभीर आपराधिक मामले हैं.

इसके अलावा अन्य दो पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और आम आदमी पार्टी (APP) के हैं. इस बार आपराधिक मामलों का सामना कर रहे विधायकों की संख्या में इजाफा हुआ. पूर्ववर्ती राज्य की 87 सदस्यीय विधानसभा में केवल पांच विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले थे, जिनमें से दो पर गंभीर आरोप थे.

ये भी पढ़ें- Explainer: नई सरकार के शपथ से पहले जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन हटाना जरूरी क्यों, जानें पूरी प्रक्रिया

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए चुने गए 90 विधायकों में से 70 फीसदी से अधिक ने अपनी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता ग्रेजुएट बताई है और इनमें से तीन के पास डॉक्टरेट की डिग्री है. गैर सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (ADR) द्वारा संकलित आंकड़ों के मुताबिक, हाल में हुए विधानसभा चुनावों में विजयी हुए तीन डॉक्टरेट डिग्री धारक विधायक भाजपा के नेता हैं. इसके अलावा भाजपा के छह विधायक पेशेवर डिग्री वाले स्नातक और चार स्नातकोत्तर हैं.

नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC), जो 42 सीटों के साथ चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, उसके विधायक दल में 16 पेशेवर डिग्री वाले स्नातक और पांच स्नातकोत्तर हैं. वहीं भाजपा के आठ विधायकों ने मैट्रिकुलेशन को अपनी उच्चतम शैक्षणिक योग्यता घोषित किया है, जबकि एनसी में ऐसे विधायकों की संख्या सिर्फ एक है. साथ ही भाजपा के दो विधायक ऐसे हैं जिन्होंने कक्षा-10 की परीक्षा पास नहीं की है, जबकि इस श्रेणी में एक एनसी विधायक है.

वहीं भाजपा के चार विधायक ऐसे हैं जिन्होंने 12वीं की परीक्षा पास की है, जबकि नेशनल कांफ्रेंस में ऐसे विधायकों की संख्या छह है. नए विधानसभा सदस्यों की शैक्षणिक योग्यता के समग्र विश्लेषण से पता चलता है कि चार विधायकों ने 10वीं की परीक्षा पास नहीं की है, जबकि नौ मैट्रिक पास हैं. एक दर्जन विधायकों के लिए 12वीं उच्चतम शैक्षणिक योग्यता है.

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की पहली विधानसभा के सदस्य 16 स्नातक और 32 स्नातक पेशेवर डिग्री वाले हैं, जबकि 12 सदस्यों ने स्नातकोत्तर डिग्री पूरी की है. सदन में तीन डॉक्टरेट डिग्री धारक और दो डिप्लोमा धारक भी हैं. एडीआर के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि 90 विधायकों में से नौ के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से आठ पर गंभीर आरोप हैं. इनमें पांच या उससे अधिक साल की जेल की सजा हो सकती है. वहीं पांच विधायक नेशनल कांफ्रेंस के हैं, जिनमें से चार पर गंभीर आरोप हैं, जबकि दो भाजपा विधायकों पर भी गंभीर आपराधिक मामले हैं.

इसके अलावा अन्य दो पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और आम आदमी पार्टी (APP) के हैं. इस बार आपराधिक मामलों का सामना कर रहे विधायकों की संख्या में इजाफा हुआ. पूर्ववर्ती राज्य की 87 सदस्यीय विधानसभा में केवल पांच विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले थे, जिनमें से दो पर गंभीर आरोप थे.

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