दंतेवाड़ा : दंतेवाड़ा क्षेत्र अब नक्सल समस्या से मुक्त हो रहा है.यहां रहने वाले बाशिंदे अब लाल आतंक के डर को भुलाकर नई दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. चाहे सरकारी विभागों में युवाओं को नौकरी मिलना हो या उन्नत खेती के तरीके सीखने का.दंतेवाड़ा के लोग अब सब कुछ भुलाकर भविष्य के लिए उजाले में चल रहे हैं.इसी उद्देश्य को लेकर ऑर्गेनिक दंतेवाड़ा कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया है.दो दिवसीय इस कार्यक्रम में जैविक खेती से जुड़े किसान और उनके उत्पादों को दिखाया जाएगा. 7 दिसंबर सुबह 11 बजे एजुकेशन सिटी जावंगा के ऑडिटोरियम में इसका आयोजन शुरु होगा.
दो दिन तक होगा कॉन्क्लेव का आयोजन : इस 2 दिन के इवेंट में छत्तीसगढ़ की बड़ी कंपनियां भी दंतेवाड़ा पहुंच रही हैं जो सीधे किसान भाइयों से संवाद करेंगी. जैविक खेती के बारे में विस्तृत जानकारी ली जाएगी. इसके लिए जिला प्रशासन ने उचित व्यवस्था की है ताकि सीधा संवाद किसानों से हो सके. कार्यक्रम से पहले शुक्रवार को बड़ी कार्यशाला का भी आयोजन किया गया. जिसमें बड़ी कंपनियों के जानकारी मौजूद रहे और जैविक खेती को किस प्रकार हर क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाए,इस पर किसानों से चर्चा की गई.दंतेवाड़ा जिले के जैविक किसान बल्लू राम भवानी ने बताया कि जिले में जिला प्रशासन ने इस आयोजन को रखा है.जिसमें कंपनियों से किसानों का संवाद होगा.
आर्गेनिक दंतेवाड़ा कॉन्क्लेव 2024 का आयोजन ना केवल जैविक खेती की उपलब्धियों का उत्सव है, बल्कि यह अन्य जिलों और किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा. इस कॉन्क्लेव के मुख्य अतिथि कृषि मंत्री रामविचार नेताम है.जबकि अध्यक्षता क्षेत्र के विधायक चैतराम अटामी करेंगे. जिसे लेकर किसान भाईयों में काफी उत्साह नजर आ रहा है.
जैविक खेती के साथ-साथ जैविक सब्जी भी उगाई जाती है. जिसका फायदा सीधा किसानों को मिले. इसके लिए जिला प्रशासन को प्रयास करना होगा. साथ ही साथ जिले में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए रासायनिक खाद का उपयोग न करें. इस विषय में प्रयास करना होगा. साथ ही साथ जैविक जिले होने के बाद भी दंतेवाड़ा जिले में अब तक जैविक केंद्र नहीं है जो होना चाहिए. जिससे किसानों को सीधा फायदा मिलेगा - बल्लू भवानी,किसान
जिला प्रशासन ने 2 दिन के होने वाले कार्यक्रम के लिए बड़ी प्रदर्शनी भी लगाई है.इसके लिए बड़े-बड़े स्टाल लगाए गए हैं. जिसमें जिले भर के जैविक किसानों ने सभी प्रकार के धान, साग, सब्जी, कंदमूल के स्टॉल लगाए हैं. जो इस कार्यक्रम का आकर्षण का केंद्र है. साथ ही साथ बाहर से जितनी भी कंपनियां आई है,वो सीधा किसानों से संवाद करेंगी.
रासायनिक खाद का उपयोग करने से आज के समय में हर घर में कैंसर बीपी शुगर मोटापा जैसी बीमारियां हो रही है. क्योंकि रासायनिक खाद से इसका सीधा असर हमारी जनजीवन पर पड़ रहा है. पर्यावरण भी दूषित हो रहा है जिसे बचाने के लिए हम सब को प्रयास करना पड़ेगा- श्यामलाल उरांव,किसान
27 हजार किसानों का होगा पंजीयन : आपको बता दें कि दंतेवाड़ा जिले में जैविक खेती अंतर्गत 110 गांव और 65 हजार 279 हेक्टेयर भूमि के जैविक प्रमाणीकरण प्राप्त करने के उपलक्ष्य में कॉन्क्लेव का भव्य स्तर पर आयोजन होगा. इस अवसर पर जिले के जैविक कृषकों को भी सम्मानित किया जाएगा.अब तक जिले में 27 हजार जैविक किसान भाईयों का पंजीयन किया जा चुका है.