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लोकसभा में राहुल गांधी के भाषण से विपक्ष में उत्साह, कहा- मंत्रियों को हस्तक्षेप के लिए मजबूर किया - Rahul Gandhi Speech in Lok Sabha

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा में सत्तापक्ष और बीजेपी पर जमकर हमला बोला. कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी के इस भाषण की सराहना की है और कहा कि उन्होंने पीएम मोदी और कैबिनेट मंत्रियों को रक्षा मामले में हस्तक्षेप करने पर मजबूर कर दिया.

Rahul Gandhi in Lok Sabha
लोकसभा में राहुल गांधी (फोटो - ANI Photo)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 1, 2024, 7:22 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी के पहले भाषण पर कांग्रेस ने खुशी जाहिर की और कहा कि पूर्व पार्टी प्रमुख ने एनडीए के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और पीएम मोदी और उनके कैबिनेट मंत्रियों को रक्षा मामले में हस्तक्षेप करने पर मजबूर कर दिया.

अपने 100 मिनट से अधिक लंबे भाषण के दौरान राहुल ने राजनीति को धर्म के साथ मिलाने, किसानों की अनदेखी करने से लेकर नोटबंदी, जीएसटी और अग्निपथ जैसी दोषपूर्ण नीतियों तक के मुद्दों पर एनडीए पर निशाना साधा और यहां तक​कि स्पीकर ओम बिरला को याद दिलाया कि सदन में कुर्सी सर्वोच्च होती है.

विपक्ष के नेता के रूप में राहुल के सरकार पर पहले हमले के कारण प्रधानमंत्री को दो बार, गृह मंत्री अमित शाह को चार बार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को दो बार, संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू को एक बार, शिवराज चौहान और अश्विनी वैष्णव को एक बार तथा भूपेंद्र यादव को दो बार खड़े होकर हस्तक्षेप करना पड़ा.

लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने ईटीवी भारत से कहा कि 'पीएम कहते थे कि वे अकेले ही पूरे विपक्ष का मुकाबला करने के लिए पर्याप्त हैं, लेकिन आज राहुल गांधी ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया. हमारे नेता ने न केवल अपने शक्तिशाली भाषण से सत्ता पक्ष को परेशान किया, बल्कि पीएम और उनके कई कैबिनेट मंत्रियों को खड़े होकर हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर किया. हमारे नेता आग उगल रहे थे और पूरे मंत्रिमंडल पर भारी पड़ रहे थे.'

उन्होंने कहा कि 'राहुल गांधी आज पूरे विपक्ष की ही नहीं बल्कि इस देश की जनता की आवाज बन गए हैं. आज सदन में उन्होंने जिस तरह से बात की, वह संसद में भी आदर्श बनने जा रहा है, क्योंकि विपक्ष एनडीए को जवाबदेह ठहराएगा. यह 2024 के राष्ट्रीय चुनावों का भी जनादेश है, जिसमें लोगों ने विपक्ष को ताकत दी है.'

राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी 2027 के विधानसभा चुनावों में प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में भाजपा को हराएगी. कांग्रेस 2017 में सरकार बनाने के करीब पहुंच गई थी, जब उसने 77 सीटें जीती थीं और आने वाले महीनों में 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए अभियान शुरू करने की योजना बना रही है.

चावड़ा ने कहा कि 'राहुल गांधी ने 2017 में गुजरात में काफी समय बिताया था और हम सरकार बनाने के करीब थे. 2022 में हमारी सीटें कम हुईं, लेकिन हम 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए कड़ी मेहनत करेंगे. फिलहाल हम लोकसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा कर रहे हैं. हालांकि हम 26 में से केवल 1 सीट ही जीत पाए, लेकिन कई सीटों पर हमारे वोट शेयर में सुधार हुआ है.'

चावड़ा ने कहा कि 'नवंबर में चार राज्यों के चुनावों के बाद, राहुल गांधी के निर्देशन में अगले विधानसभा चुनावों की रणनीति औपचारिक रूप से बनाई जाएगी. राज्य की जनता भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राज्य सरकार से तंग आ चुकी है. वे हमारा समर्थन करेंगे.' पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के भाषण ने न केवल पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को उत्साहित किया, बल्कि अन्य विपक्षी दलों को भी प्रेरित किया.

आप के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि उन्होंने भाषण नहीं सुना, लेकिन राहुल की सराहना करने वाले लोगों के बीच इसी बात की चर्चा हो रही है. अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि कांग्रेस नेता ने किसानों की स्थिति के बारे में जो कुछ भी कहा है, वह सही है.

हालांकि भाजपा ने राहुल के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश की और कहा कि उन्होंने हिंदू धर्म के खिलाफ बोला है, लेकिन बाद में उनकी बहन प्रियंका गांधी ने स्पष्ट किया कि उनके भाई कभी भी हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं बोल सकते और वह तो भाजपा और उसके नेताओं के खिलाफ बोल रहे थे.

नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी के पहले भाषण पर कांग्रेस ने खुशी जाहिर की और कहा कि पूर्व पार्टी प्रमुख ने एनडीए के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और पीएम मोदी और उनके कैबिनेट मंत्रियों को रक्षा मामले में हस्तक्षेप करने पर मजबूर कर दिया.

अपने 100 मिनट से अधिक लंबे भाषण के दौरान राहुल ने राजनीति को धर्म के साथ मिलाने, किसानों की अनदेखी करने से लेकर नोटबंदी, जीएसटी और अग्निपथ जैसी दोषपूर्ण नीतियों तक के मुद्दों पर एनडीए पर निशाना साधा और यहां तक​कि स्पीकर ओम बिरला को याद दिलाया कि सदन में कुर्सी सर्वोच्च होती है.

विपक्ष के नेता के रूप में राहुल के सरकार पर पहले हमले के कारण प्रधानमंत्री को दो बार, गृह मंत्री अमित शाह को चार बार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को दो बार, संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू को एक बार, शिवराज चौहान और अश्विनी वैष्णव को एक बार तथा भूपेंद्र यादव को दो बार खड़े होकर हस्तक्षेप करना पड़ा.

लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने ईटीवी भारत से कहा कि 'पीएम कहते थे कि वे अकेले ही पूरे विपक्ष का मुकाबला करने के लिए पर्याप्त हैं, लेकिन आज राहुल गांधी ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया. हमारे नेता ने न केवल अपने शक्तिशाली भाषण से सत्ता पक्ष को परेशान किया, बल्कि पीएम और उनके कई कैबिनेट मंत्रियों को खड़े होकर हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर किया. हमारे नेता आग उगल रहे थे और पूरे मंत्रिमंडल पर भारी पड़ रहे थे.'

उन्होंने कहा कि 'राहुल गांधी आज पूरे विपक्ष की ही नहीं बल्कि इस देश की जनता की आवाज बन गए हैं. आज सदन में उन्होंने जिस तरह से बात की, वह संसद में भी आदर्श बनने जा रहा है, क्योंकि विपक्ष एनडीए को जवाबदेह ठहराएगा. यह 2024 के राष्ट्रीय चुनावों का भी जनादेश है, जिसमें लोगों ने विपक्ष को ताकत दी है.'

राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी 2027 के विधानसभा चुनावों में प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में भाजपा को हराएगी. कांग्रेस 2017 में सरकार बनाने के करीब पहुंच गई थी, जब उसने 77 सीटें जीती थीं और आने वाले महीनों में 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए अभियान शुरू करने की योजना बना रही है.

चावड़ा ने कहा कि 'राहुल गांधी ने 2017 में गुजरात में काफी समय बिताया था और हम सरकार बनाने के करीब थे. 2022 में हमारी सीटें कम हुईं, लेकिन हम 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए कड़ी मेहनत करेंगे. फिलहाल हम लोकसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा कर रहे हैं. हालांकि हम 26 में से केवल 1 सीट ही जीत पाए, लेकिन कई सीटों पर हमारे वोट शेयर में सुधार हुआ है.'

चावड़ा ने कहा कि 'नवंबर में चार राज्यों के चुनावों के बाद, राहुल गांधी के निर्देशन में अगले विधानसभा चुनावों की रणनीति औपचारिक रूप से बनाई जाएगी. राज्य की जनता भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राज्य सरकार से तंग आ चुकी है. वे हमारा समर्थन करेंगे.' पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के भाषण ने न केवल पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को उत्साहित किया, बल्कि अन्य विपक्षी दलों को भी प्रेरित किया.

आप के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि उन्होंने भाषण नहीं सुना, लेकिन राहुल की सराहना करने वाले लोगों के बीच इसी बात की चर्चा हो रही है. अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि कांग्रेस नेता ने किसानों की स्थिति के बारे में जो कुछ भी कहा है, वह सही है.

हालांकि भाजपा ने राहुल के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश की और कहा कि उन्होंने हिंदू धर्म के खिलाफ बोला है, लेकिन बाद में उनकी बहन प्रियंका गांधी ने स्पष्ट किया कि उनके भाई कभी भी हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं बोल सकते और वह तो भाजपा और उसके नेताओं के खिलाफ बोल रहे थे.

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