नई दिल्ली : रेडबर्ड फ्लाइट ट्रेनिंग अकादमी के संचालन को करीब चार महीने पहले निलंबित किए जाने से प्रशिक्षु पायलट के रूप में नामांकित छात्रों ने अपने भविष्य को लेकर चिंता जताई है. बता दें कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने लगभग चार महीने पहले रेडबर्ड फ्लाइट ट्रेनिंग अकादमी के संचालन को निलंबित कर दिया था, क्योंकि पिछले साल कुछ दुर्घटनाओं के बाद भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ था.
इस बारे में नाम न छापने की शर्त पर ईटीवी भारत से बात करते हुए, रेडबर्ड में नामांकित एक प्रशिक्षु पायलट ने कहा कि हम रेडबर्ड या डीजीसीए से किसी भी अपडेट के लिए महीनों से इंतजार कर रहे हैं. हमें केवल आश्वासन दिया जा रहा है कि परिचालन जल्द ही शुरू होगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि रेडबर्ड कोर्स के लिए 40-50 लाख चार्ज करता है और उड़ान प्रशिक्षण पूरा करने में कुल 200 घंटे लगते हैं. अब इस समय, मेरे माता-पिता पहले ही 12 लाख का भुगतान कर चुके हैं और मैंने उड़ान के 37 घंटे पूरे कर लिए हैं. लेकिन स्थिति इतनी कठिन है कि अब अगर हम अपने उड़ान अनुभव के साथ किसी अन्य उड़ान प्रशिक्षण संगठन (फ्लाइट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन) की ओर बढ़ेंगे तो अन्य उड़ान प्रशिक्षण संगठन अधिक शुल्क ले रहे हैं और फायदा उठा रहे हैं.
इसलिए, यह हमारे लिए एक खराब समय है और हम इसके लिए 2 महीने और इंतजार करने के लिए भी तैयार हैं. इसी तरह, एक अन्य प्रशिक्षु पायलट ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मेरे पिता एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी हैं. हम वास्तव में बहुत दबाव में हैं क्योंकि मेरे माता-पिता पहले ही रेडबर्ड को लगभग 17 लाख रुपये दे चुके हैं. लगभग चार महीने हो गए हैं जब डीजीसीए ने अपना परिचालन निलंबित कर दिया था और तब से हम सभी अपने घरों पर बैठे हैं और सकारात्मक प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं. जब भी हम अपनी अकादमी से प्रशिक्षण फिर से शुरू करने की तारीख के बारे में पूछते हैं, तो हमें बताया जाता है कि यह एक सप्ताह के भीतर हो जाएगा.
अन्य उड़ान प्रशिक्षण संगठन (फ्लाइट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन) में जाने के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि अन्य एफटीओ अब अनुचित लाभ उठा रहे हैं. अब अगर मेरे पास यहां 50 घंटे की उड़ान का अनुभव है और अगर मैं अन्य उड़ान प्रशिक्षण संगठन में जाने का फैसला करता हूं, तो वे अब अधिक शुल्क ले रहे हैं. इससे ये छात्र पीड़ित हैं. इस संबंध में रेडबर्ड फ्लाइट ट्रेनिंग में हेड ड्रोन ट्रेनिंग/वीपी न्यू बिजनेस शेल्का गुप्ता ने बताया कि रेडबर्ड में पिछले साल अक्टूबर तक अनुमानित 450 से अधिक छात्र थे और अक्टूबर की घटना के बाद कुछ ने ट्रेनिंग स्कूल छोड़ दिया (उड़ान प्रशिक्षण खत्म करने की उनकी तात्कालिकता के आधार पर) .
उन्होंने कहा कि हमने भी उनका बकाया चुकाकर उनकी मदद की है. हमें उम्मीद है कि पुन: प्रमाणन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद हम जल्द ही अपना परिचालन फिर से शुरू कर देंगे. वहीं नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बात करते हुए कहा कि हम इस पर काम कर रहे हैं और यह जांच के दायरे में है. दूसरी तरफ उड़ान प्रशिक्षण संगठन (फ्लाइट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन) के कुछ छात्र पहले ही रेड बर्ड छोड़ कर अन्य प्रशिक्षण संगठन में जा चुके हैं.
यहां यह ध्यान रखना उचित है कि पिछले साल अक्टूबर में, देश के सबसे बड़े फ्लाइंग स्कूल रेडबर्ड फ़्लाइट ट्रेनिंग अकादमी में इंजन विफलता के कारण उसके बारामती बेस पर दो सप्ताह के भीतर दो दुर्घटनाएं देखी गईं. इससे बहुत विवाद खड़ा हो गया जिसके बाद विमानन नियामक डीजीसीए ने स्कूल के सुरक्षित उड़ान संचालन के लिए विमान के उचित रखरखाव को सुनिश्चित करने में विफलता और इसके रखरखाव सुविधा के लिए पुन: प्रमाणन के कारण उड़ान प्रशिक्षण को निलंबित करने का आदेश दिया. उसी दौरान, विमानन मंत्रालय ने कथित भ्रष्टाचार के लिए डीजीसीए के उड़ान प्रशिक्षण विभाग के पूर्व निदेशक कैप्टन अनिल गिल को निलंबित कर दिया था. गिल पर अनुकूल ऑडिट के बदले उड़ान प्रशिक्षण स्कूलों से रिश्वत के रूप में विमान लेने का आरोप लगाया गया है. ऐसा आरोप है कि गिल फिर इन विमानों को अन्य प्रशिक्षण स्कूलों को पट्टे पर दे देंगे.
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