प्रयागराज: बाहुबली अतीक अहमद और उसके छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की मौत को आज एक साल पूरा हो गया है. 15 अप्रैल 2023 को सरेआम माफिया बंधुओं की हत्या कॉल्विन अस्पताल के परिसर में उस वक्त कर दी गयी थी, जब पुलिस की टीम उनको लेकर अस्पताल के अंदर दाखिल हुयी थी. हॉस्पिटल परिसर में मीडिया वालों की भेष में मौजूद शूटरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करके माफिया बंधुओं को मौत के घाट उतार दिया था और खुद आत्म समर्पण कर दिया. माफिया बंधुओं के एक साल पूरे होने पर पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से कई इलाकों में निगरानी और गश्त आज के दिन के लिये बढ़ा दी है. क्योंकि पुलिस को कुछ इनपुट मिले हैं, कि माफिया बंधुओं की हत्या के एक साल पूरे होने पर कुछ लोग माहौल बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं. जिसकों देखते हुये पुलिस ने पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र से लेकर खुल्दाबाद धूमनगंज और करेली इलाके में पुलिस की सक्रियता को बढ़ा दिया है.
मीडिया के कैमरों के सामने हुयी माफिया बंधुओं की हत्या: ठीक एक साल पहले 15 अप्रैल के ही दिन प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल में रात दस बजे के बाद अतीक और अशरफ के पहुचनें पर मीडिया के कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया. इसके बाद सवाल पूंछने लगे. इसी बीच मीडिया के भेष में पहुंचे तीन शूटरों लवलेश तिवारी, अरुण मौर्या और सनी सिंह ने घेरकर चंद सेकेंड में गोलियों से छलनी कर माफिया बंधु अतीक अहमद और अशरफ को मौत के घाट उतार दिया था.तीनों ने अतीक अशरफ को मारने के साथ ही अपने हथियार फेंककर सरेंडर भी कर दिया.
पूछताछ में बताया नाम कमाने के लिये की वारदात: तीनों शूटरों को पकड़कर जब उनसे पूछताछ की गयी, तो उन्होंने बताया कि उन्होंने जुर्म की दुनिया में नाम कमाने के लिये माफिया बंधुओं की हत्या की है.उनका कहना था, कि उमेश पाल की हत्या के बाद से लगातार खबरों की सुर्खियां बने रहे. जिसको देखकर उन्होंने भी तय किया कि इसी तरह का नाम जुर्म की दुनिया में वो भी बनायेंगे. इसके बाद उन्होंने अतीक अशरफ को मारकर उनके बराबर का नाम जुर्म की दुनिया में बनाने की न सिर्फ योजना बनायी, बल्कि उसको अंजाम भी दे डाला.इन शूटरों ने 40 सेकेंड में अतीक अशरफ को छलनी कर मौत के घाट उतार दिया.मीडिया वालों के कैमरे और मोबाइल कैमरे के सामने हुयी इस हत्याकांड का वीडियो चंद ही सेकेंड में पूरे देश में टीवी स्क्रीन पर चलने लगा.
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पुलिस प्रशासन को बंद करवाना पड़ा इंटरनेट: माफिया बंधुओं की हत्या के बाद चंद ही सेकेंड में उनके लाइव मर्डर का वीडियो सोशल मीडिया की मदद से लोगों के मोबाइल में चलने लगा था. देखते ही देखते कुछ लोग उस वीडियो के साथ भड़काऊ पोस्ट भी वॉयरल करने लगे. जिसके बाद पुलिस प्रशासन कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिये न सिर्फ धारा 144 लागू कर दी थी, बल्कि पूरे प्रयागराज में इंटरनेट सेवा को भी दो दिन के लिये बंद करवा दिया गया था.ताकि असामाजिक तत्व माहौल न खराब कर सकें.
विदेशी पिस्टल से दिया था वारदात को अंजाम: माफिया अतीक और अशरफ को मारने वाले भले ही साधारण युवक दिख रहे थे, लेकिन उनके पास मौजूद रहे असलहे साधारण नहीं थे. अतीक अशरफ को जिस पिस्टल से गोली मारी गयी थी उसमें से एक जिगाना पिस्टल थी, जबकि दूसरी पिस्टल तुर्कीमेड गिरसान पिस्टल थी. इसी प्रकार तीसरी पिस्टल भी फॉरेन मेड ही बतायी गयी थी. मीडिया कर्मी बनकर पहुंचे तीनों शूटरों में एक बांदा निवासी लवलेश तिवारी तो दूसरा हमीरपुर निवासी मोहित उर्फ सनी सिंह था और तीसरा कासगंज का रहने वाला अरुण मौर्या था. तीनों शूटरों की इस गोलीबारी में धूमनगंज थाने में तैनात सिपाही मान सिंह भी घायल हो गया था.
जांच में नहीं मिला किसी साजिशकर्ता का नाम: जरायम की दुनिया में करीब चार दशक तक राज करने वाले माफिया अतीक अहमद और उसके छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की हत्या के बाद पुलिस को जांच में किसी चौथे आदमी का नाम नहीं मिला है. पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने किसी चौथे के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है.हत्याकांड की प्लानिंग करने से लेकर मारने तक के बीच में उन्होंने किसी चौथे मददगार के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है.पुलिस ने उनके पास से जो सामान भी बरामद किये और मोबाइल और सर्विंलांस की मदद से भी किसी और आरोपी की जानकारी सामने नहीं आयी है. जिसके बाद पुलिस करीब 2 हजार पन्ने की केस डायरी कोर्ट में दाखिल कर दी है जिसमें 50 से अधिक पन्नों की चार्जशीट भी शामिल है.