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नाथद्वारा में जन्माष्टमी पर आधी रात श्रीनाथजी को दी 21 तोपों की सलामी, साक्षी बने हजारों लोग - Krishna Janmashtami 2024

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 27, 2024, 7:53 AM IST

राजस्थान के राजसमंद में श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव अनोखे ढंग से धूमधाम से मनाया जाता है. यहां भगवान श्रीकृष्ण को 21 तोपों की सलामी दी गई.सालों से कृष्ण भक्त यह परंपरा निभाते आ रहे हैं. वहीं जनमाष्टमी के दूसरे दिन यानी आज मंदिर में दही-दूध से होली खेली जाएगी..

21 तोपों की सलामी
21 तोपों की सलामी (फोटो ईटीवी भारत राजसमंद)
श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया (वीडियो ईटीवी भारत राजसमंद)

राजसमंद. राजस्थान में राजसमंद जिले के नाथद्वारा शहर में जन्माष्टमी पर पुरातन परम्परा के तहत आधी रात को कृष्ण जन्म की खुशी में श्रीनाथजी को 21 तोपों की सलामी दी गई. इस अनूठे आयोजन के हजारों लोग साक्षी बने. एक के बाद एक तोप के धमाके होते रहे और साथ में श्रीनाथजी व कृष्ण कन्हैया के जयकारों से वातावरण गूंज उठा. दो तोपों की जोड़ी से लगातार 21 गोले दाग कर सलामी दी गई. दुनिया में यह एकमात्र मंदिर है, जहां जन्माष्टमी पर 21 बार तोप से सलामी देने की अनूठी परम्परा है.

पुष्टिमार्गीय प्रधान पीठ के श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा में परम्परानुसार श्रीनाथजी के बाल स्वरूप को केसर कस्तूरी युक्त पंचामृत से स्नान कराया गया. शाम को संध्या आरती के बाद दस बजे तक श्रीनाथजी के दर्शन के लिए हजारों की संख्या लोग उमड़ पड़े. दर्शन के बाद मंदिर से 300 मीटर की दूरी पर स्थित रसाला चौक में दो तोपों से 21 बार गोले दागकर सलामी दी गई. इस तरह श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर लोगों ने श्रीनाथजी व कृष्ण कन्हैया लाल के जयकारे लगाए. इस तरह नाथद्वारा में एक बारगी ब्रज जैसा माहौल बन गया और रिसाला चौक में मौजूद हर शख्स की जुबां पर कृष्ण कन्हैया के जयकारों की गूंज थी. इससे पहले संध्या दर्शन के बाद नाथद्वारा शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें मंदिर के सेवादार, शहरवासी शामिल हुए. रिसाला चौक से रवाना हुई शोभायात्रा चौपाटी बाजार, देहली बाजार, गोविन्द चौक, बड़ा बाजार, मार्ग होते हुए प्रीतमपोली, नयाबाज़ार, चौपाटी होते हुए रिसाला चौक पहुंची. फिर रात ठीक 12 बजे श्री कृष्ण जन्म पर उनके वस्त्र बदले गए और दो तोपों से 21 बार गोले दाग कर सलामी देने की रस्म निभाई गई.

पढ़ें: 31 तोपों की गर्जना और बरसते हुए बादलों के बीच हुआ भगवान का प्राकट्य - Krishna Janmashtami 2024

अब नंद महोत्सव को लेकर तैयारियां : श्रीनाथजी मंदिर में 27 अगस्त को नन्द महोत्सव को लेकर भी मंदिर मण्डल की ओर से आवश्यक तैयारियां पूरी हो गई है. इसके तहत तिलकायत राकेश महाराज व गोस्वामी विशाल बावा के सानिध्य में नए वस्त्र, दूध व दही से खेलने की परम्परा है. मंगलवार को मंदिर में श्रीनाथजी दर्शन के दौरान दूध दही का भोग लगाया जाएगा , जिसके हजारों लोग साक्षी बनेंगे और दिनभर में श्रीनाथजी के सभी दर्शन में नन्द महोत्सव का भाव रहेगा. इसके तहत मन्दिर में श्रीनाथजी के बड़े मुखियाजी द्वारा नन्दबाबा के भेष में केसर युक्त दही छाछ का छिड़काव ग्वाल-बालों के संग मिलकर करेंगे. श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप को श्रीजी के सन्मुख पलने में झुलाया जाएगा एवं छठी पूजन की रस्म के तहत मन्दिर के द्वारों पर कुमकुम, दूध-दही के छापे लगाए जाएंगे.

श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया (वीडियो ईटीवी भारत राजसमंद)

राजसमंद. राजस्थान में राजसमंद जिले के नाथद्वारा शहर में जन्माष्टमी पर पुरातन परम्परा के तहत आधी रात को कृष्ण जन्म की खुशी में श्रीनाथजी को 21 तोपों की सलामी दी गई. इस अनूठे आयोजन के हजारों लोग साक्षी बने. एक के बाद एक तोप के धमाके होते रहे और साथ में श्रीनाथजी व कृष्ण कन्हैया के जयकारों से वातावरण गूंज उठा. दो तोपों की जोड़ी से लगातार 21 गोले दाग कर सलामी दी गई. दुनिया में यह एकमात्र मंदिर है, जहां जन्माष्टमी पर 21 बार तोप से सलामी देने की अनूठी परम्परा है.

पुष्टिमार्गीय प्रधान पीठ के श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा में परम्परानुसार श्रीनाथजी के बाल स्वरूप को केसर कस्तूरी युक्त पंचामृत से स्नान कराया गया. शाम को संध्या आरती के बाद दस बजे तक श्रीनाथजी के दर्शन के लिए हजारों की संख्या लोग उमड़ पड़े. दर्शन के बाद मंदिर से 300 मीटर की दूरी पर स्थित रसाला चौक में दो तोपों से 21 बार गोले दागकर सलामी दी गई. इस तरह श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर लोगों ने श्रीनाथजी व कृष्ण कन्हैया लाल के जयकारे लगाए. इस तरह नाथद्वारा में एक बारगी ब्रज जैसा माहौल बन गया और रिसाला चौक में मौजूद हर शख्स की जुबां पर कृष्ण कन्हैया के जयकारों की गूंज थी. इससे पहले संध्या दर्शन के बाद नाथद्वारा शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें मंदिर के सेवादार, शहरवासी शामिल हुए. रिसाला चौक से रवाना हुई शोभायात्रा चौपाटी बाजार, देहली बाजार, गोविन्द चौक, बड़ा बाजार, मार्ग होते हुए प्रीतमपोली, नयाबाज़ार, चौपाटी होते हुए रिसाला चौक पहुंची. फिर रात ठीक 12 बजे श्री कृष्ण जन्म पर उनके वस्त्र बदले गए और दो तोपों से 21 बार गोले दाग कर सलामी देने की रस्म निभाई गई.

पढ़ें: 31 तोपों की गर्जना और बरसते हुए बादलों के बीच हुआ भगवान का प्राकट्य - Krishna Janmashtami 2024

अब नंद महोत्सव को लेकर तैयारियां : श्रीनाथजी मंदिर में 27 अगस्त को नन्द महोत्सव को लेकर भी मंदिर मण्डल की ओर से आवश्यक तैयारियां पूरी हो गई है. इसके तहत तिलकायत राकेश महाराज व गोस्वामी विशाल बावा के सानिध्य में नए वस्त्र, दूध व दही से खेलने की परम्परा है. मंगलवार को मंदिर में श्रीनाथजी दर्शन के दौरान दूध दही का भोग लगाया जाएगा , जिसके हजारों लोग साक्षी बनेंगे और दिनभर में श्रीनाथजी के सभी दर्शन में नन्द महोत्सव का भाव रहेगा. इसके तहत मन्दिर में श्रीनाथजी के बड़े मुखियाजी द्वारा नन्दबाबा के भेष में केसर युक्त दही छाछ का छिड़काव ग्वाल-बालों के संग मिलकर करेंगे. श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप को श्रीजी के सन्मुख पलने में झुलाया जाएगा एवं छठी पूजन की रस्म के तहत मन्दिर के द्वारों पर कुमकुम, दूध-दही के छापे लगाए जाएंगे.

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